tag:blogger.com,1999:blog-7559724675575137248.post1911959357227845015..comments2023-06-05T17:28:04.334+05:30Comments on हिन्दी खबरें: सशक्त काव्य का संगम : 'परिचय' गोष्ठीनियंत्रक । Adminhttp://www.blogger.com/profile/02514011417882102182noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-7559724675575137248.post-47123083186054596462009-08-31T13:23:34.641+05:302009-08-31T13:23:34.641+05:30Kavi goshthi bemisal rahe.Pani se banate hai ye pa...Kavi goshthi bemisal rahe.Pani se banate hai ye pahad....to badi pyari hai.khaber ke liye dhanyavad.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7559724675575137248.post-23676823861371781942009-08-30T22:19:57.109+05:302009-08-30T22:19:57.109+05:30एक से बढ़कर एक शे'र कविता पढने को मिली इस समार...एक से बढ़कर एक शे'र कविता पढने को मिली इस समारोह में..<br />सब पढ़ कर मालूम हो रहा है के गोष्ठी कितनी सफल रही ....<br />छोटी-छोटी झलकियाँ पढ़ के लगा के जैसे हम भी वहीँ पर थे...<br />युग्म का धान्यवाद इसे प्रकाशित करने के लिए...manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7559724675575137248.post-76427118773426975342009-08-30T15:54:24.072+05:302009-08-30T15:54:24.072+05:30सशक्त हस्ताक्षर की कविताए लाजवाब लगीं .
सफ़र में ...सशक्त हस्ताक्षर की कविताए लाजवाब लगीं .<br /><br />सफ़र में हैं दो ही मौसम<br />हँसना है या रोना है<br /><br />बधाई .Manju Guptahttps://www.blogger.com/profile/10464006263216607501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7559724675575137248.post-82895331307400707122009-08-30T09:26:20.797+05:302009-08-30T09:26:20.797+05:30ye b pasand aaya.
मुझे देने को उस ने घर दिया है म...ye b pasand aaya.<br /><br />मुझे देने को उस ने घर दिया है मगर बेदख्ल भी तो कर दिया है<br />जगह मेरे लिए घर में कहाँ है तेरी यादों ने यह घर भर दिया है<br />हुआ है कुछ न कुछ 'सीमाब' तुझ को किसी ने या तुझे कुछ कर दिया हैShamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7559724675575137248.post-53311119158418017192009-08-30T09:25:41.299+05:302009-08-30T09:25:41.299+05:30bahut achha laga.
सफ़र में हैं दो ही मौसम
हँसना है...bahut achha laga.<br />सफ़र में हैं दो ही मौसम<br />हँसना है या रोना है<br />क्यों ना उनको तोड़ ही दो जिन रिश्तों को ढोना है <br />उसको पाने की खातिर उस में खुद को खोना हैShamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7559724675575137248.post-7284553912446944362009-08-30T09:24:50.071+05:302009-08-30T09:24:50.071+05:30मंदिर मस्जिद गिरजा देख सब में उस का जज़्बा देख
दैरो...मंदिर मस्जिद गिरजा देख सब में उस का जज़्बा देख<br />दैरो हरम से आगे जा फिर तू उस का रस्ता देखShamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7559724675575137248.post-48675262580311439812009-08-30T09:24:25.592+05:302009-08-30T09:24:25.592+05:30कमाल की गोष्ठी और सहजवाला जी की बढ़िया रिपोर्ट. कु...कमाल की गोष्ठी और सहजवाला जी की बढ़िया रिपोर्ट. कुछ शे'र तो दिल को छू गए.<br /><br />पानी से बनाते हैं पहाड़ ये/किरणों से हिरणों का आकर ये/ घोड़ों की, हाथियों की ड्राइंग करते हैं...<br />...इतना बड़ा कैनवस! इतनी बड़ी पेंटिंग!/ भूल गई अपने पंख तितली!...Shamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.com