tag:blogger.com,1999:blog-7559724675575137248.post8013849244561875742..comments2023-06-05T17:28:04.334+05:30Comments on हिन्दी खबरें: 'मौसम विभाग' में प्रवाहित हुई हिंदी काव्य निर्झरिणीनियंत्रक । Adminhttp://www.blogger.com/profile/02514011417882102182noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-7559724675575137248.post-85113205787253732942020-01-20T10:38:32.050+05:302020-01-20T10:38:32.050+05:30Ask ke mosam kese rhegaAsk ke mosam kese rhegaAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/05004254189340277905noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7559724675575137248.post-22610436764486481002009-09-13T21:25:26.372+05:302009-09-13T21:25:26.372+05:30सहजवाला जी की बहुत ही अच्छी रिपोर्ट और सभी की कवित...सहजवाला जी की बहुत ही अच्छी रिपोर्ट और सभी की कवितायेँ पसंद आईं. हर किसी का अपना अंदाज़ था. आरिफ साहब का यह शे'र बहुत पसंद आया.<br /><br />मेरे ख़ुदा मुझे इतना तो मोतबर कर दे,<br />मैं जिस मकान में रहता हूँ उस को घर कर देShamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7559724675575137248.post-6024000752365622852009-09-12T20:10:51.107+05:302009-09-12T20:10:51.107+05:30ए कद्दू दिमाग शालिनी, हिंदी अनुभाग नहीं होंगे तो ह...ए कद्दू दिमाग शालिनी, हिंदी अनुभाग नहीं होंगे तो हिंदी पखवाडे कहाँ मनाएंगे तेरे सर पर ! - उर्मिल शर्माAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7559724675575137248.post-8485255567571959122009-09-12T17:52:55.679+05:302009-09-12T17:52:55.679+05:30मौसम हिंदी पखवाडा व्यंग्य -हास्य की कविताओं से सर...मौसम हिंदी पखवाडा व्यंग्य -हास्य की कविताओं से सरोबार मजेदार लगा .१४ .९ .२००९ हिंदी दिवस की सब को शुभ कामनाएं .Manju Guptahttps://www.blogger.com/profile/10464006263216607501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7559724675575137248.post-20194427379442108432009-09-12T01:06:34.810+05:302009-09-12T01:06:34.810+05:30यह पढ़ कर बहुत अच्छा लगा कि सहजवाला को हिंदी पखवाड़े...यह पढ़ कर बहुत अच्छा लगा कि सहजवाला को हिंदी पखवाड़े में एक त्यौहार जितनी ख़ुशी मिलती है. उन के द्वारा उद्धृत काव्य पंक्तियाँ भी बहुत सुन्दर हैं, विशेषकर अंजना और जिग्गा कॉल की. पर सहजवाला ने एक महत्वपूर्ण विवाद भी छेड़ दिया है. क्या हिंदी को हिंदी अनुभागों रुपी बैसाखियों की सचमुच ज़रुरत है? करोड़ों रूपए खर्च कर के भी सरकारी काम अंग्रेजी में ही होता है. जब कि हिंदी साहित्य अपनी शक्ति बरकरार रखे है. लगभग सब दूरदर्शन धारावाहिक भी हिंदी हैं और अधिक से अधिक फिल्में भी हिंदी में. सरकारी कामकाज इस उदारीकरण के युग में अंग्रेज़ी में चले तो भी क्या है. हिंदी प्रेम, जैसा कि सहजवाला ने कहा है, हृदय से उपजता है न कि फाइलों से. मैं समझती हूँ कि सरकार को पैसा बचा कर हिंदी अनुभाग बंद कर देने चाहियें जब कि हिंदी पखवाड़ा हिंदी प्रेमी एक सांस्कृतिक गतिविधि की तरह हर सरकारी विभाग में मना सकते हैं - शालिनी शर्माAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7559724675575137248.post-7981408257850340972009-09-11T21:19:05.567+05:302009-09-11T21:19:05.567+05:30अच्छा लगा रपट पढ़ कर और कविताऐं सुन कर.अच्छा लगा रपट पढ़ कर और कविताऐं सुन कर.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7559724675575137248.post-72551981730167081532009-09-11T20:11:39.093+05:302009-09-11T20:11:39.093+05:30Khubsurat kavitayen...shivkumarji ki kavita lajaba...Khubsurat kavitayen...shivkumarji ki kavita lajabab...ma bhi ati hai darvaja khatkhatake...aj ki jindgi ko baya karti hai.sunder prastuti ke liye premchandji ko dhanyvaad.Ap sabhi logo ko 'HINDI PAKHWADA' mubarak.Anonymousnoreply@blogger.com