tag:blogger.com,1999:blog-7559724675575137248.post8371569243873719543..comments2023-06-05T17:28:04.334+05:30Comments on हिन्दी खबरें: एक शाम सिंध के साहित्यकारों के साथ- सिन्धी अकादमी सभागार में 'शाह लतीफ़' के कलामों की धूमनियंत्रक । Adminhttp://www.blogger.com/profile/02514011417882102182noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-7559724675575137248.post-73385730043791340072009-09-20T15:19:36.136+05:302009-09-20T15:19:36.136+05:30सहजवाला जी की रिपोर्ट से एक बात और पता चली मुझे.
&...सहजवाला जी की रिपोर्ट से एक बात और पता चली मुझे.<br />"कि 'जन गण मन ,,,' में 'पंजाब सिंध गुजरात मराठा...' का जो ज़िक्र है, वह केवल भौगोलिक नहीं, वरन् संबंधित समुदायों के लोगों से भी सम्बद्ध है. सर्वोच्च न्यायालय ने उस जनहित याचिका को ठुकराया और याचक को लताड़ा भी कि यह 'Public Intrest Litigation' नहीं, 'Publicity Intrest Litigation' है। "Shamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7559724675575137248.post-68816253828921022192009-09-20T15:18:10.438+05:302009-09-20T15:18:10.438+05:30सहजवाला जी बहुत ही अच्छी रिपोर्ट पेश की खासतौर पर ...सहजवाला जी बहुत ही अच्छी रिपोर्ट पेश की खासतौर पर साहित्य के बारे में जो यह बात कही बहुत पसंद आई.<br />"परन्तु साहित्य एक ऐसी मानव-शक्ति है जो भौगोलिक सीमाओं को नहीं जानती मानती।." <br /><br />इसी बात को पढ़कर मेरे मन में जावेद अख्टर साहब का लिख एक गीत याद आ गया.<br /><br />पंछी नदिया पवन के झोंके <br />कोई सरहद न इन्हें रोके<br />सोचो तुमने मैंने क्या पाया इन्सां होके.Shamikh Farazhttps://www.blogger.com/profile/11293266231977127796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7559724675575137248.post-83919574098758180512009-09-17T17:35:40.184+05:302009-09-17T17:35:40.184+05:30सर्वप्रथम रतन इसरानी जी को 'शब्द गुरु 'कृत...सर्वप्रथम रतन इसरानी जी को 'शब्द गुरु 'कृति के लिए हार्दिक बधाई प्रेषित कर रही हूं.और भी इसी तरह अपनी कृतियों द्वारा साहित्य के उपवन को महकाएँगे .<br />ज्ञानवर्द्धक आलेख से सिंध के साहित्यकारों के बारे में पता लगा .<br />मुम्बई की सिन्धी साहित्य अकादमी भी सिन्धी के रचनाकारों को बढावा देती है .<br />कल ही समाचार पत्र में पढा कि उल्लास नगर के सिन्धी स्कूल बंद हो रहे हैं .बच्चे सिन्धी पढना नहीं चाहते .दुःख लगा . मेरे विचार से सिन्धी भाषा का भी उतना महत्व है जितना अन्य भारतीय भाषाओं का .<br />उपयोगी जानकारी के लिए आभार .Manju Guptahttps://www.blogger.com/profile/10464006263216607501noreply@blogger.com