मौसमी चटर्जीसंगीत कंपनी सारेगामा फ़िल्म
''Mr & Mrs Iyer'' की हिट टीम जिसमें निर्देशिका अपर्णा सेन व राहुल बोस शामिल हैं की नयी फ़िल्म
''द जैपनीज वाइफ'' अपने दर्शकों के लिए लेकर आयी हैं, ९ अप्रैल २०१० को रिलीज़ होने वाली इस फ़िल्म के सितारे हैं राहुल बोस, राइमा सेन, चिगुसा ताकाकू और मौसमी चटर्जी। इस बार भी
अपर्णा सेन ने अलग से विषय पर एक अलग सी प्रेम कहानी पर बनायीं है।
सुंदरवन में एक स्कूल शिक्षक है स्नेहमोय नाम का और मियागे जापान की एक जवान लड़की है, ये दोनों ही पत्रों के माध्यम से एक-दूसरे से मिलते हैं और आपस में उनमें प्यार हो जाता है इसके अलावा पत्र के माध्यम से ही वो शादी भी कर लेते हैं उनकी शादी को १५ साल हो चुके हैं जबकि वो आज तक एक दूसरे से कभी नहीं मिले हैं।
इस कहानी को परदे पर जिस संवेदनशील तरीके से अपर्णा सेन ने प्रस्तुत किया है वो केवल उन्हीं के बस की बात है उन्होंने जिस दक्षता के साथ स्नेहमोय और मियागे के प्यार, उनकी खुशी व हँसी, उनके दुख को, प्यार की कविता की तरह पेश किया है यह बहुत ही अदभुत है।
मौसमी चटर्जी और राहुल बोससारेगामा के प्रबंध निदेशक
अपूर्व नागपाल कहते हैं, ''हम अपर्णा के काम करने की क्षमता की प्रशंसा करते हैं। यह सिर्फ एक फिल्म ही नहीं है बल्कि एक गीतात्मक प्यार की कविता है, जो की आज के तात्कालिक युग में बिल्कुल ही अलग लगती है। दर्शकों को यह अलग सी प्रेम कहानी अवश्य ही पसंद आएगी."
भारतीय फिल्मों में पहली ही बार एक जापानी अभिनेत्री
चिगुसा ताकाकू ने अभिनय किया है इसके अलावा स्नेहमोय के चरित्र में राहुल बोस की अभिनय प्रतिभा देखते ही बनती है, अभिनेत्री
राइमा सेन ने भी सशक्त अभिनय किया है और अभिनेत्री
मौसमी चटर्जी, परदे पर दो दशकों के बाद अभिनय कर रही हैं।
“अपर्णा सेन अंत तक मुझे राइमा की बजाय कोंकना ही कहती रही” – राइमा सेनराइमा सेनअभिनेत्री राइमा सेन फ़िल्म ''जैपनीज वाइफ'' के सेट पर हमेशा ही डरी रहती थी क्योंकि वह फिल्म की निर्देशिका अपर्णा सेन के निर्देशन में काम कर रही थी और वो जानती थी वो कितनी कड़क निर्देशिका हैं.
शूट पर किसी ने बताया कि, ''राइमा को यह बात किसी से पता चल गयी थी कि अपर्णा सेन एक कुशल निर्देशिका हैं, और वो शूट पर किसी भी तरह की गलती पसंद नहीं करती. जिस तरह से वो अपने काम को सफलता के साथ पूरा करती हैं वो चाहती हैं कि उनकी टीम का प्रत्येक सदस्य भी इसी पूर्णता के हर काम को पूरा करे. फिल्म निर्माण के प्रति उनका बेहद लगाव हैं और उन्हें वो ही लोग पसंद हैं जिन्हें अपने काम के प्रति लगाव है. वह बेतुकी बात में अपना समय बर्बाद नहीं करती है.''
राइमा ने इस बात की पुष्टि की और बताया कि, ''शुरू में मुझे अपर्णा सेन से बहुत डर लगता था, क्योंकि मैंने सुना था कि वह एक कडक निर्देशिका है. लेकिन मैं तो उनकी फ़िल्म में काम कर रही थी. जब कोई सीन सही नहीं होता तब वो मुझे डांटती, मुझे बार - बार एक दृश्य समझाती. पर थोड़ी ही देर बाद वो मुझे लाड़ - प्यार करती. उन्होंने मुझे हमेशा ही अपनी बेटी की तरह प्यार किया. कई बार वह शूटिंग के अंत में मुझे वो राइमा की जगह कोंकना ही बुलाती. शूट के बाद हम हर शाम लंबी सैर के लिए जाते. "
सेट पर उपस्थित एक जानकार का कहना है कि "जो लोग अपर्णा के उच्च स्तर तक नहीं पंहुच पाते हैं वो लोग ही उनके साथ काम नहीं कर पाते हैं और वो ही लोग ये कहते हैं कि अपर्णा एक कडक निर्देशक हैं, जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है.''
राहुल बोसराहुल बोसराहुल बोसराहुल बोसराइमा सेन, अपर्णा सेन और मौसमी चटर्जीराइमा सेनराइमा सेनराइमा सेनप्रस्तुति- एच एस कम्यूनिकेशन
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पाठक का कहना है :
हम जरुर इस फिल्म को देखेगे जी। एक बेहतरीन प्रस्तुति।
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