
बुलंदी देर तक किस शख़्स के हिस्से में रहती है
बहुत ऊँची इमारत हर घड़ी ख़तरे में रहती है

(उपेंद्र राय, मुनव्वर राना, ओ.पी. श्रीवास्तव, नीरज अरोड़ा, देवमणि पाण्डेय पुस्तक विमोचित करते हुए)
कार्यक्रम के संचालक कवि देवमणि पाण्डेय ने मुनव्वर राना का परिचय कराते हुए कहा कि उनकी शायरी में रिश्तों की एक ऐसी सुगंध है जो हर उम्र और हर वर्ग के आदमी के दिलो दिमाग पर छा जाती है । पाण्डेयजी ने आगे कहा कि शायरी का पारम्परिक अर्थ है औरत से बातचीत । अधिकतर शायरों ने ‘औरत’ को सिर्फ़ महबूबा समझा । मगर मुनव्वर राना ने औरत को औरत समझा । औरत जो बहन, बेटी और माँ होने के साथ साथ शरीके-हयात भी है । उनकी शायरी में रिश्तों के ये सभी रंग एक साथ मिलकर ज़िंदगी का इंद्रधनुष बनाते हैं । कार्यक्रम के संयोजक एवं स्टार न्यूज के वरिष्ठ सम्पादक उपेन्द्र राय ने रानाजी का स्वागत करते हुए कहा कि वे हिंदुस्तान के ऐसे अज़ीम-ओ-शान शायर हैं जिसने ‘माँ’ की शख़्सियत को ऐसी बुलंदी दी है जो पूरी दुनिया में बेमिसाल है –
किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकां आई
मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई
मंच पर लगे बैनर पर भी ‘माँ’ इस तरह मौजूद थी-
इस तरह मेरे गुनाहों को धो देती है
माँ बहुत गुस्से में हो तो रो देती है

(डॉ रचना, देवमणि पाण्डेय,ओ.पी. श्रीवास्तव, मुनव्वर राना)
दरअसल पत्रकार उपेन्द्र राय ने अपनी जीवन संगिनी डॉ.रचना के जन्मदिन पर उनको 'शायरी की एक शाम' का नायाब तोहफा दिया था । उनकी तीन वर्षीय बेटी ऊर्जा अक्षरा ने जन्मदिन का केट काटकर 'माँ' लफ़्ज़ को सार्थकता प्रदान की । शायर मुनव्वर राना की रचनाधर्मिता और सरोकारों पर रोशनी डालते हुए संचालक देवमणि पाण्डेय ने उन्हें काव्यपाठ के लिए आमंत्रित किया –
न मैं कंघी बनाता हूं , न मैं चोटी बनाता हूं
ग़ज़ल में आपबीती को मैं जगबीती बनाता हूं
मुनव्वर राना ने काव्यपाठ की शुरुआत माँ से ही की-
ये ऐसा क़र्ज़ है जो मैं अदा कर ही नहीं सकता
मैं जब तक घर न लौटूं मेरी माँ सजदे में रहती है
अपने डेढ़ घंटे के काव्यपाठ में राना ने उस आदमी की भी ख़बर ली जो ज़िंदगी की दौड़ में सबसे पीछे है-
सो जाते हैं फुटपाथ पे अख़बार बिछाकर
मज़दूर कभी नींद की गोली नहीं खाते

(सुनील पाल, राजू श्रीवास्तव, पूनम ढिल्लन)
रानाजी के अनुरोध पर संचालक देवमणि पाण्डेय ने भी कुछ ग़ज़लें सुनाईं । कार्यक्रम के अंत में हास्यसम्राट राजू श्रीवास्तव और सुनीलपाल ने अपनी रोचक प्रस्तुतियों से माहौल को ठहाकों से सराबोर कर दिया । इस कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख लोगों में कुछ के नाम है- संजीव श्रीवास्तव (बीबीबीसी इंडिया के सम्पादक), अशोक कक्कड़ (इंडिया बुल्स के ग्रुपप्रेसीडेंट), अभिजीत सरकार (डॉयरेक्टर सहारा इंडिया परिवार), जगदीश चंद्रा (सीईओ ईटीवी), उमेश कामदार (निदेशक माई डॉलर्स स्टोर्स), अभिनेत्री पूनम ढिल्लन, उर्वशी ढोलकिया, हेज़ल, अभिनेता सुशांत सिह और साहित्यकार एवं रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी सत्यप्रकाश । इनके साथ ही एक दर्जन से अधिक आई.ए.एस. तथा आई.आर.एस. अधिकारी उपस्थित थे ।
मुम्बई से देवमणि पाण्डेय