Tuesday, November 22, 2011

`पुष्पक,' 'नन्हें फ़रिश्ते' का विमोचन और दीपावली स्नेह मिलन संपन्न


कादम्बिनी क्लब, हैदराबाद के तत्वावधान में वशीरबाग स्थित प्रेस क्लब में ६ नवम्बर २०११ शायं ६ बजे `पुष्पक'-१८,`नन्हें फ़रिश्ते 'व दीपावली स्नेह मिलन समारोह आयोजित किया गया।
इस समारोह में प्रो.ऋषभ देव (अध्यक्ष ) स्वतंत्र वार्ता के संपादक डा. राधेश्याम शुक्ल (लोकार्पण कर्ता ) बी.एस. वर्मा (मुख्य अतिथि ) रावुल्पाटी सीताराम राव (गौरवनीय अतिथि ) एवं प्रभु (सम्माननीय अतिथि ) एवं डा. अहिल्या मिश्र (क्लब की संयोजिका ) मंचासीन हुए | अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन व शुभ्रा महंतो की सरस्वती वन्दना के साथ कार्यक्रम का आरंभ हुआ |
डा. अहिल्या मिश्र ने क्लब का परिचय देते हुए कहा कि विगत १७ वर्षो से क्लब अपनी निरंतरता के लिए जाना जाता रहा है |तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत क्लब के सदस्यों द्वारा किया गया | क्लब का परिचय मीना मुथा ने `पुष्पक'-१८ का परिचय डा. जी. नीरजा ने जी. परमेश्वर की अनुवादित कृति `नन्हें फ़रिश्ते' कहानी संग्रह का परिचय लक्ष्मी नारायण अग्रवाल ने दिया | डा. रमा द्विवेदी ने `पुष्पक' प्रकाशन की समस्याओं पर प्रकाश डाला | तत्पश्चात डा. शुक्ल व मंचासीन अतिथियों द्वारा `पुष्पक'-१८ व `नन्हें फ़रिश्ते ' का लोकार्पण किया गया| डा. शुक्ल ने अपने उदबोधन में कहा कि यह सुखद संयोग है कि इन पुस्तकों का लोकार्पण दीपावली पर्व पर हो रहा है | क्लब इसी प्रकार सजगता से आगे बढ़ता रहे | जी.परमेश्वर ने कहा कि अनुवाद दो भाषाओं के बीच पुल का कार्य करता है | अन्य अतिथियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए |
प्रो. ऋशभ देव शर्मा ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा -दो पुस्तकें अपने आपमें दो दीपावलियाँ हैं | पुष्पक हर अंक में प्रौढ़ता प्राप्त कर रहा है | नन्हें फ़रिश्ते की अधिकाँश कहानियां दिल को छूती हैं | अनुवाद का कार्य तलवार की धार पर चलने के समान है | जी. परमेश्वर सफल अनुवादक हैं तथा बधाई के पात्र हैं | डा. मदन देवी पोकरना और भगवानदास

जोपट ने दीप पर्व की शुभकामनाएं प्रेषित कीं | ज्योतिनारायण ने धन्यवाद ज्ञापित किया | सरिता सुराना ने का संचालन किया |
इसा अवसर पर प्रो. टी .मोहन सिंह, प्रो. सत्यनारायण, तेजराज जैन ,विनीता शर्मा , भंवर लाल उपाध्याय ,दयानाथ झा,पवित्रा अग्रवाल ,शान्ति अग्रवाल ,उमा सोनी ,डा. देवेन्द्र शर्मा ,सुरेश गुगलिया ,वीर प्रकाश लाहोटी ,गौतम दीवाना,सावारीकर,सत्यनारायण काकडा ,दुर्गादत्त पांडे ,वी. वनजा ,वी. कृष्णा राव , गुरुदयाल अग्रवाल ,डा. एम्.रंगैया,कुञ्ज बिहारी गुप्ता एवं जी.जगदीश्वर आदि उपस्थित थे |
प्रस्तुति - डा. रमा द्विवेदी