औरंगाबाद । महाराष्ट्र14 सितम्बर 2009, सोमवार की सुबह ठीक 11 बजे श्री सरस्वती भुवन प्रशाला के "सुशीलादेवी जालान" सभागृह, औरंगाबाद में महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा, पुणे-औरंगाबाद विभाग तथा श्री सरस्वती भुवन प्रशाला, औरंगाबाद के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी दिवस और पुरस्कार वितरण समारोह बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। मंगेश गीत मंच की ओर से विद्यालय की छात्राओं द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। माँ सरस्वती पूजन, दीप प्रज्ज्वलन के बाद अध्यक्षा श्रीमती डॉ. विशाला शर्मा (हिंदी विभागाध्यक्ष, चेतना कला महाविद्यालय, औरंगाबाद) एवं श्री शेषराव आनंदराव जगताप केन्द्रीय सचिव,महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा, पुणे) का स्वागत श्रीराम माधवराव कुर्डुकर (प्रधानाध्यापक, श्री सरस्वती भुवन प्रशाला ) ने किया। प्रमुख अतिथि श्री अमिताभ श्रीवास्तव (सम्पादक "लोकमत समाचार, औरंगाबाद ) एवं श्रीराम माधवराव कुर्डुकर का स्वागत श्री अनिल नरहरी जोशी (विभागीय सचिव, महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा, औरंगाबाद) ने किया। अतिथियों के स्वागत के बाद श्री शेषराव आनंद राव जगताप ने संस्था का परिचय दिया। हिंदी दिवस पर संस्था द्वारा प्रस्तुत "हिंदी पढ़ो, आगे बढ़ो, भारत जोड़ो" की संकल्पना लिए हिंदी-दिवस प्रतिज्ञा पाठ डॉ. विशाला शर्मा ने किया व उपस्थित सभी ने दोहराया। विद्यालय के शिक्षक श्री अंगद आडोले के मार्गदर्शन से कक्षा नवीं के विद्यार्थियों ने हिन्दी के मूर्धन्य हस्ताक्षरों का परिचय लिखकर "भित्तिपत्रक" बनाया जिसका विमोचन श्री अमिताभ श्रीवास्तव के शुभ हस्तों से हुआ। विद्यालयीन स्तर पर राष्ट्रभाषा के विभिन्न परीक्षाओं में सर्व प्रथम आनेवाले विद्यार्थियों को प्राध्यापक चंद्रकांत न्यायाधीश प्रोत्साहन पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र दिए गए तथा हिंदी दिवस पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार एवं प्रोत्साहन पुरस्कार देकर विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा, पुणे-औरंगाबाद की ओर से दो अध्यापिकाओं (श्रीमती सीमा ओमप्रकाश प्रधान, शिक्षिका विवेकानंद अकेडमी तथा श्रीमती प्रतिभा कृष्णा श्रीपत, शिक्षिका श्री महावीर स्थानकवासी, जैन विद्यालय, जालना ) को "आदर्श हिंदी अध्यापक प्रचारक-पुरस्कार" एवं "विमल नरहर जोशी प्रोत्साहन पुरस्कार" से सम्मानित किया गया तथा महाराष्ट्र शासन द्वारा घोषित, राज्यपाल श्री जमीर द्वारा "आदर्श शिक्षक पुरस्कार" से सम्मानित श्री कांतिलाल हरकचंद कुंकुलोल (प्रधानाध्यापक, श्री महावीर स्थानकवासी, जैन विद्यालय, जालना) का विशेष सत्कार किया गया। पुरस्कार वितरण पश्चात अपने हास्य कविता तथा दोहों से श्री रमेश दीक्षित एवं श्रीमती सुनीता यादव ने सभी विद्यार्थियों का दिल जीत लिया। प्रमुख अतिथि श्री अमिताभ श्रीवास्तव ने अपने भाषण में कहा कि वैश्विक परिप्रेक्ष्य में अपनी जगह बनाए रखने हेतु हमें मातृभाषा, राष्ट्रभाषा ही नहीं देश के अन्य भाषाएँ सीखनी होंगी, उन्हें आत्मसात करनी होंगी, तभी हम राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं अन्तराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना सकते हैं। अध्यक्षीय समारोप में श्रीमती डॉ. विशाला शर्मा ने छात्रों को लघुकथा तथा चुटकुलों के माध्यम से परिश्रम का महत्त्व बताया। अंत में विद्यालय की उप प्रधानाध्यापिका श्रीमती इंदुमती जोंधले ने आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के शिक्षक श्री अंगद आडोले तथा श्रीमती सुनीता यादव (विभागीय समिति सदस्या, महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा, पुणे-औरंगाबाद विभाग) ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री मंगेश दोलारे, श्री जयंत कौशिके, श्री संतोष वेरुलकर, श्री बंडोपंत क्षीरसागर का सफल योगदान रहा।
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3 पाठकों का कहना है :
हिन्दी प्रेमियों के लिए यह अच्छी खबर है। पिछले कुछ सालों में विभिन्न संस्थानों में हिन्दी का जो प्रचार-प्रसार हो रहा है उससे लगता है कि एक दिन हिन्दी अपना खोया हुआ गौरव अवश्य प्राप्त कर लेगी...खबर के लिए हिन्द युग्म को धन्यवाद। नवरात्री के शुभ अवसर पर हिन्द युग्म और हिन्द युग्म के पाट्कों को बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं।
खबर पढ़ कर लगा कि इस तरह के कार्यक्रम हिंदी के विकास ,प्रगति को बढावा देते हैं .भावी पीढी के हाथों हिंदी का भविष्य सुरक्षित है .
हिंदी दिवस की सभी को बधाई. हिंदी के प्रचार प्रसार की यह एक अच्छी खबर है. हिन्दयुग्म का आभार.
हिंदी अब काफी बेहतर मुकाम बना चुकी है. इसका एक उदाहरन है नेट पर हिंदी का बढ़ता प्रयोग. कल तक जहाँ केवल अंग्रेजी का ही उपयोग होता था. आज वहीँ नेट पर हिंदी को भी देख जा सकता है.
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