सलूम्बर, 4 नवंबर।स्थानीय गांधीचैक में मंगलवार देर शाम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं केंद्रीय ग्रामीण एवं पंचायतराज मंत्री डॉ. सीपी जोशी ने साहित्यकार विमला भंडारी की दो पुस्तकों का लोकार्पण किया। एक पुस्तक हिन्दी भाषा में लिखित नाटक ‘‘मां! तुझे सलाम’’ एवं दूसरी राजस्थानी भाषा की पुस्तक ‘‘सत री सैनाणी’’ का लोकार्पण समारोह पूर्वक किया गया।
पुस्तकों की विषय-वस्तु: सलूम्बर की हाड़ीरानी का अनुपम त्याग, अद्भुत शौर्य और अद्वितीय बलिदान मेवाड़ की गरिमामयी परम्परा का एक अम्लान पुष्प रहा है। विमला भंडारी ने इस कृति के माध्यम से वीरांगना हाड़ीरानी के गौरवमयी इतिहास को जन-जन के समक्ष लाने का श्लाघनीय प्रयास किया है। मेवाड़, बूंदी व किशनगढ़ राजघरानों की संदर्भ सामग्री का उपयोग करते हुए 120 पृष्ठों का यह नाटक छः भागों में विभाजित है जिसमें 11 दृश्य समाहित है। लघु कलेवर में इस नाटक में मेवाड़ के महाराणा राजसिंह, बूंदी, किशनगढ़ व सलूम्बर के राजघरानों की सांस्कृतिक विरासत से परिचय कराते हुए ऐतिहासिक पात्रों को बड़े संतुलन के साथ संयत भाव से गढ़ा है। 12 लोकगीत व 16 चित्रों की चित्रावली का समावेश कर लेखिका ने सर्वथा नया रूप दिया है। राजस्थान के ऐतिहासिक वातावरण को जीवन्त करने का सफल प्रयास है। कन्याभ्रूण हत्या जैसे घिनौने पापकर्म के विरोध में इतिहास का वर्तमान औचित्य को प्रासंगिकता लिए लेखिका ने यह दिखाने की कोशिश की है कि शिक्षा दीक्षा द्वारा बेटियां भी सौ पुत्रों से अधिक सार्थक एवं सुंदर कर्तव्य द्वारा दो वंशों का यश बढाती हैं। नाटक लेखन की प्राचीन परंपरानुसार चारण-चारणी के माध्यम से कथा प्रवाह बनाकर धर्मवीर भारती के ‘अंधायुग’ की याद ताजा होती हैं।
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पाठक का कहना है :
विमला भंडारी जी को उनकी पुस्तकों के लिए बहुत-बहुत बधाई !
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