राजधानी दिल्ली से लगभग ढाई वर्षों से निकलने वाले प्रातः वार्ता के रंगीन संस्करण का आज शुभारंभ हो गया.आज कांस्टीट्यूशन क्लब में इसका विमोचन वरिष्ठ सांसद श्री बलराम नाइक,श्री केन सागर, श्री गोपाल शर्मा,शमशेर अहमद खान और श्री राम गोपाल शर्मा ने दिल्ली व देश के विभिन्न प्रांतों से आए वरिष्ठ पत्रकारों, वरिष्ठ साहित्यकारों कवियों,लेखकों,विद्वतजनों और संभ्रांत नागरिकों के सान्निध्य में किया गया. आज देश में गिरती हुई पत्रकारिता के स्तर में नैतिक और चारित्रिक रूप से उत्थान लाने के लिए यह संकल्प लिया गया कि आज राष्ट्र के सतत विकास में निष्पक्ष मीडिया की सख्त जरूरत है और उस भूमिका में प्रातः वार्ता भी अपनी वही भूमिका निभाएगा जो राष्ट्र के विकास में उपयोगी होगा.आज दिल्ली में वैसे तो अनेक बड़े घरानों के पत्र तो हैं किंतु वे भौतिकवाद की चमक में जनता, राष्ट्र और समाज से काफी दूर हो गए हैं.और कुछ इस प्रकार से मीडिया पर हावी हो गए हैं कि जनता और सरकार के बीच इंद्रजाल सा खडा कर दिए हैं इसलिए यह जरूरी था कि जनता की आवाज के लिए ,उनके हकों के लिए और समाज व राष्ट्र की सही तस्वीर पेश करने के लिए ऐसा मीडिया हो जिससे जनता के बीच में इसके प्रति विश्वास कायम किया जा सके.इस कमी को पूरा करने के लिए ही इसे रंगीन किया गया है ताकि सबके बीच रहते हुए भी अपनी पहचान बता सके और सही अर्थों में मीडिया का प्रतिनिधित्व कर सके.
माननीय सांसद श्री बलराम नाइक ने आशीर्वाद देते हुए मीडिया के धर्म को अपनाने का आह्वान किया.
सलाहकार संपादक श्री एस.एस.शर्मा और प्रधान संपादक श्री धर्मेंद्र शुक्ला के संयोजकत्व में यह समारोह एक यादगार समारोह बन गया जिसमें श्री चौबे जी और प्रातःवार्ता की टीम की सक्रिय भागीदारी विशेष रूप से सराहनीय रही.
प्रस्तुति- शमशेर अहमद खान
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)
टिप्पणी देने वाले प्रथम पाठक बनें
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)