Sunday, April 11, 2010

अराधना के गीतों ने हिन्दी सिनेमा संगीत को नई राह दिखाई: तेजेन्द्र शर्मा



“अराधना में पहली बार राजेश खन्ना पर किशोर कुमार की आवाज़ का इस्तेमाल करके सचिन देव बर्मन ने हिन्दी सिनेमा के संगीत को एक नई राह दिखाई। इस फ़िल्म के बाद एक नहीं दो दो सुपर स्टारों ने जन्म लिया – राजेश खन्ना ने एक्टर के तौर पर और किशोर कुमार ने गायक के तौर पर।” यह कहना था कथा यू.के. के महासचिव एवं कथाकार तेजन्द्र शर्मा का। मौक़ा था एशियन कम्यूनिटी आर्ट्स, लंदन एवं कथा यू.के. द्वारा नेहरू सेन्टर, लदन में आयोजित कार्यक्रम सचिन देव बर्मन – यादों के साये में।
अपने पौने दो घन्टे के पॉवर पाइण्ट प्रेज़ेन्टेशन में तेजेन्द्र शर्मा ने सचिन देव बर्मन द्वारा संगीत बद्ध गीतों के विडियो भी दिखाए जिनमें मेरा सुन्दर सपना बीत गया (भाई भाई), ठण्डी हवाएं लहरा के गाएं (नौजवान), जलते हैं जिसके लिये... (सुजाता), ओ रे मांझी... (बंदिनी), तदबीर से बिगड़ी हुई तक़दीर बना ले (सज़ा), सर जो तेरा चकराए (प्यासा), इक लड़की भीगी भागी सी (चलती का नाम गाड़ी), इक घर बनाऊंगा (तेरे घर के सामने), कांटों से खींच कर ये आंचल (गाईड), होंठों में ऐसी बात (ज्वैल थीफ़), मेरे सपनों की रानी (अराधना)।
तेजेन्द्र शर्मा ने दिल की रानी (1947) का गीत ऐ दुनियां के रहने वालो बोलो कहां गया वो चोर दिखा कर दर्शकों को चकित कर दिया जब उन्होंने राज कपूर को अपनी ही आवाज़ में सचिन देव बर्मन के संगीत में झूम झूम कर गाते हुए देखा।
बर्मिंघम के जाने माने गायक डा. अजय त्रिपाठी ने मंच पर आकर जाने वो कैसे लोग थे जिनके (प्यासा) और बड़ी सूनी सूनी है.. (मिली) के गीत कैरिओकी संगीत पर गा कर दर्शकों का मन जीत लिया।
अपने शोधपूर्ण संचालन में तेजेन्द्र शर्मा ने दर्शकों को बहुत सी ऐसी जानकारी दी कि दर्शक विस्मित हुए बिना नहीं रह पाए। राहुल देव बर्मन द्वारा बचपन में बनाई गई दो धुनों का सचिन देव बर्मन का फ़ंटूश एवं प्यासा फ़िल्मों में इस्तेमाल; ऑल इंडिया रेडियो के प्रख्यात बांसुरी वादक पन्ना लाल घोष द्वारा अपनी धुन जीना है इस जहान में तो मुस्कुराइये की चोरी का बर्मन दादा पर आरोप; सचिन देव बर्मन द्वारा फ़िल्मों में कैबरे गीतों की शुरूआत; साहिर लुधियानवी, शैलेन्द्र, कैफ़ी आज़मी और मजरू सुल्तानपुरी जैसे साहित्यिक शायरों एवं गीतकारों की रचनाओं का अपनी फ़िल्मों के लिये इस्तेमाल जैसी बहुत सी जानकारी तेजेन्द्र शर्मा के अनूठे संचालन से श्रोताओं को मिली।
नेहरू सेन्टर के उप-निर्देशक श्री राजेश श्रीवास्तव ने कार्यक्रम का परिचय दिया। एशियन कम्यूनिटी आर्ट्स के उपाध्यक्ष श्री शमील चौहान ने श्रोताओं का स्वागत करते हुए कहा, “बंगाल के रवीन्द्र संगीत की मिठास, शास्त्रीय संगीत की गहराई और मॉडर्न संगीत की थाप मिल कर सचिन देव बर्मन का संगीत बनाते हैं।”
कार्यक्रम में लंदन, बर्मिंघम, वूलवरहैम्पटन एवं मैन्चैस्टर शहरों के संगीत प्रेमियों ने भाग लिया जिनमें डा. मधुप मोहता, काउंसलर ज़कीया ज़ुबैरी, भारतीय उच्चायोग के हिन्दी एवं संस्कृति अधिकारी श्री आनंद कुमार, प्रो. मुग़ल अमीन, प्रो. श्याम मनोहर पाण्डे, डा. बोस, बीबीसी हिन्दी की पूर्व अध्यक्ष डा. अचला शर्मा, दिव्या माथुर, ग़ज़ल गायक सुरेन्द्र कुमार, कथाकार महेन्द्र दवेसर, नाटककार इस्माइल चुनारा, रक्षा संघानी, पत्रकार मंजी पटेल वेखारिया आदि शामिल थे।

रिपोर्टः दीप्ति शर्मा

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पाठक का कहना है :

Anonymous का कहना है कि -

सदाबहार गीतो की इस श्रंखला को आयोजित करने व बर्मन दा को याद करने के लिए तेजेन्द्र शर्मा जी क बधाई. दीप्ति जी ्का खूबसूरत रिपोर्टिग के लिए आभार!

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