Thursday, April 1, 2010

सूरीनाम साहित्य मित्र संस्था के प्रथम कविता संग्रह का विमोचन



29 मार्च 2010 को भारतीय सांस्कृतिक केंद्र, पारामारिबो के सभागार में सूरीनाम साहित्य मित्र संस्था द्वारा प्रकाशित प्रथम कविता संग्रह एक बाग के फूल का विमोचन सूरीनाम के ही 95 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक और हिंदी के प्रचार प्रसार में सक्रिय रहे श्री भागू अवतार के हाथों कराया गया। सूरीनाम साहित्य मित्र संस्था के अध्यक्ष पंडित हरिदेव सहतू ने बताया कि श्री भागू अवतार सूरीनाम से कोविद परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले प्रथम व्यक्ति हैं और निरंतर हिंदी अध्यापन करते रहे हैं और हिंदी व रामायण के प्रचार-प्रसार से जुड़े हैं।

एक बाग के फूल सूरीनाम के वरिष्ठ और नवोदित 27 कवियों की कविताओं का संग्रह है और यह पहला अवसर है कि इस तरह का संग्रह प्रकाशित हुआ है। इसमें सरनामी व खड़ी बोली हिंदी में लिखी देश-प्रेम व आम जनजीवन के लगभग प्रत्येक पहलू पर लिखी कविताएँ हैं। संग्रह के सभी कवि विभिन्न व्यवसायों से जुड़े हैं और हिंदी भाषा को धरोहर के समान न सिर्फ संभाल रहे हैं उसे अगली पीढ़ी को भी सौंप रहे हैं। इसका साक्ष्य था वरिष्ठतम कवि श्री अमरसिंह रमण के पौत्र द्वारा उनकी कविता निकेरी का वाचन। श्री अमरसिंह रमण कुछ समय से अस्वस्थ होते हुए भी निरंतर हिंदी अध्यापन कर रहे हैं।

युवा कवयित्री ऩिशा झाकरी ने अपनी कविता वाचन के साथ-साथ अपने भाव प्रकट करते हुए कहा कि आज इन वरिष्ठ कवियों के साहित्य के बीच मेरी कविताएँ एक बूँद मात्र हैं, किंतु यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे अपनी भाषा, सीखने का अवसर मिला क्योंकि भाषा मनुष्य की पहचान है।

सूरीनाम साहित्य मित्र संस्था का गठन वर्ष 2001 में किया गया था और तब से पंडित हरिदेव सहतू के दिशानिर्देश में संस्था के सभी सदस्य सुचारू रूप से साहित्य सृजन कर रहे हैं। संस्था का उद्देश्य हिंदी लेखकों को प्रेरित करना है।

इस अवसर पर उपस्थित भारत के राजदूत श्री कँवलजीत सिंह सोढी ने सूरीनाम साहित्य मित्र संस्था के सभी सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि सूरीनामवासियों का हिंदी प्रेम व उनके द्वारा हिंदी साहित्य रचना गौरव की बात है।

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2 पाठकों का कहना है :

संगीता पुरी का कहना है कि -

सूरीनाम साहित्य मित्र संस्था के सभी सदस्यों को बधाई !!

Anonymous का कहना है कि -

दूर देश में हिंदी साहित्य सृजन होता दोख बहुत प्रसन्नता हुई....बधाई।

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