पिछले सप्ताह कथा यू.के. के महासचिव और विश्वप्रसिद्ध कहानीकार श्री तेजेन्द्र शर्मा हिन्दी राइटर्स गिल्ड के आमंत्रण पर कैनेडा आए। हालांकि वह यहाँ केवल तीन दिनों तक ही ठहरे परन्तु उनके आने पर जिन कार्यक्रमों का आयोजन हुआ, उनसे बृहत टोरोंटो क्षेत्र के साहित्य जगत में एक नवचेतना का संचार हुआ। हिन्दी राइटर्स गिल्ड के उद्देश्यों में एक विभिन्न देशों में बिखरे हिन्दी साहित्य जगत में विचार-सेतु का निर्माण करना भी है और यह उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। इन दिनों में जो कार्यक्रम हुए उनके रिपोतार्ज प्रस्तुत हैं –
हिन्दी साहित्य सभा ने श्री तेजेन्द्र शर्मा का अभिनन्दन किया
अप्रैल 24, 2010 – श्री तेजेन्द्र शर्मा के कैनेडा आने पर हिन्दी साहित्य सभा, टोरोंटो ने हिन्दी राइटर्स गिल्ड के सहयोग से एक काव्य सम्मेलन का आयोजन किया। यह आयोजन ब्रैम्पटन लाइब्रेरी की फ़ोर कॉरनर्ज़ शाखा के सभागार में आयोजित किया गया। इस काव्य सम्मेलन में दोनों संस्थाओं के कवियों और कवयित्रियों को आमंत्रित किया गया था।
सम्मेलन की संचालिका मानोशी चटर्जी ने श्री तेजेन्द्र शर्मा, उपस्थित कवियों और श्रोताओं का स्वागत किया। और हिन्दी साहित्य सभा की परंपरा के अनुसार कार्यक्रम सरस्वती वंदना से आरम्भ हुआ।
मानोशी चटर्जी ने श्री तेजेन्द्र शर्मा का विस्तृत परिचय देते हुए उनसे अतिथि अध्यक्ष के रूप में मंच पर बैठने के लिए आमंत्रित किया। इस कवि सम्मेलन की अध्यक्षता हिन्दी साहित्य सभा के संस्थापक सदस्यों में से एक और कैनेडा के हिन्दी साहित्य जगत की वरिष्ठ लेखिका श्रीमती दीप्ति अचला कुमार ने की। हिन्दी साहित्य सभा के अध्यक्ष पाराशर गौड़ और श्रीमती दीप्ति अचला कुमार ने श्री तेजेन्द्र शर्मा का अभिनन्दन प्रशस्ति पत्र और फूलों की भेंट से किया। पाराशर गौड़ ने तेजेन्द्र के स्वागत में दो शब्द कहते हुए उन्हें "पूर्ण साहित्यकार" की संज्ञा से संबोधित किया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षा दीप्ति अचला कुमार ने तेजेन्द्र जी का स्वागत करते हुए कहा कि वह एक अवधि से उनकी कहानियाँ अंतरजाल और पुस्तकों के माध्यम से पढ़ती रही हैं और आज सामने देख कर उन्हें हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। दीप्ति जी ने हिन्दी राइटर्स गिल्ड के सहयोग को रेखांकित करते हुए कहा कि उन्हें प्रसन्नता है कि दो संस्थाएँ मिलकर यह कार्यक्रम कर रही हैं।
श्री तेजेन्द्र शर्मा ने कथा यू.के. की इंग्लैंड के साहित्य जगत में भूमिका की चर्चा करते हुए संस्था से पहले और बाद की अवस्था की तुलना की। भारतेतर लेखकों को "प्रवासी" लेखक के संबोधन पर भी उन्होंने आपत्ति जताई परन्तु साथ ही उन्होंने विदेशों में रहने वाले लेखकों को प्रोत्साहित किया कि वह "नॉस्टेलजिया" की दलदल से बाहर आकर स्थानीय सरोकारों से अपने को जोड़ें और स्थानीय परिप्रेक्ष्य में ही साहित्य सृजन करें। उन्होंने कहा कि अंग्रेज़ी भाषा के कैनेडियन लेखक को प्रवासी लेखक या ऑस्ट्रेलिया के लेखक को प्रवासी लेखक इसी कारण से नहीं कहा जाता क्योंकि उनके लेखन में स्थानीय सरोकारों की प्रधानता रहती है।
तेजेन्द्र जी ने अपने काव्य संकलन "ये घर तुम्हारा है" की चर्चा करते हुए अपने वक्तव्य पर बल दिया। उन्होंने अपने संबोधन में अपनी काव्य रचनाओं को इस तरह बुना कि पता ही नहीं चला कि किस तरह एक घंटा बीत गया। अभी श्रोताओं का मन नहीं भरा था परन्तु समय की सीमा को देखते हुए तेजेन्द्र जी ने अपनी व्यंग्य रचना "मकड़ी बुन रही है जाल" से समापन किया।
सम्मेलन में काव्य पाठ करने वाले थे – सुमन कुमार घई, भगवत शरण श्रीवास्तव, लता पांडे, भुवनेश्वरी पांडे, इंदिरा वर्मा, राज महेश्वरी, सरोजिनी जौहर, देवेन्द्र मिश्रा, सुधा मिश्रा, विजय विक्रान्त, प्रमिला भार्गव, राज शर्मा, प्राण किरतानी, कृष्णा वर्मा, प्रवीण कौर, अवतार गिल, राज कश्यप, राकेश तिवारी, मीना चोपड़ा, मानोशी चटर्जी, गोपाल बघेल, पाराशर गौड़ और दीप्ति अचला कुमार।
कार्यक्रम का समय दोपहर दो बजे से चार बजे तक तय हुआ था परन्तु कार्यक्रम लगभग पांच बजे समाप्त हुआ। समय की कमी के कारण अल्पाहार श्रोताओं को अपनी सीटों पर ही दे दिया गया। अंत में स्थानीय कवियों की कविता सुनने के बाद तेजेन्द्र शर्मा जी ने सुझाव दिया कि कवियों और कवयित्रियों को चाहिए कि अपनी रचनाएँ सुनाने के लिए की जा रही गोष्ठियों में वह भारत के प्रतिष्ठित कवियों की रचनाएँ भी सुनाएँ और बताएँ कि उन्होंने वही रचना क्यों चुनी। इस तरह से कविता पर मनन करने से स्थानीय कवियों की रचना स्तर में सुधार अवश्य आएगा। सभा का विसर्जन करते हुए दीप्ति अचला कुमार जी ने तेजेन्द्र जी का पुनः धन्यवाद किया।
मिसिसागा में कथा-वाचन और कथा-लेखन कार्याशाला
अप्रैल 25, 2010 - मिसिसागा सेंट्रल लाइब्रेरी ने हिन्दी राइटर्स गिल्ड के सहयोग से कथा यू.के. के महासचिव और प्रसिद्ध, सम्मानित कहानीकार तेजेन्द्र शर्मा को कथा-वाचन और कथा-लेखन की कार्यशाला के आमंत्रित किया। यह कार्यक्रम मिसिसागा सेंट्रल लाइब्रेरी के हॉल में हुआ।
हिन्दी राइटर्स गिल्ड की निदेशिका डॉ. शैलजा सक्सेना ने तेजेन्द्र शर्मा जी का स्वागत किया और उनका परिचय देते हुए श्रोताओं को उनकी लेखन शैली से भी परिचित करवाया। डॉ. शैलजा सक्सेना ने कथा यू.के. द्वारा विदेशों में बसे हिन्दी लेखकों से संपर्क बढ़ाने के कदम की सराहना की और तेजेन्द्र शर्मा को धन्यवाद दिया कि उन्होंने हिन्दी राइटर्स गिल्ड का आमंत्रण स्वीकार किया। हिन्दी राइटर्स गिल्ड समय समय स्थानीय लेखकों के लिए कार्याशालाएँ करती रहती है परन्तु तेजेन्द्र जी जैसे कहानीकार की उपस्थिति ने इस कार्यशाला का महत्व बढ़ा दिया था।
कहानी पाठ से पहले हिन्दी राइटर्स गिल्ड के संस्थापक निदेशकों डॉ. शैलजा सक्सेना, सुमन कुमार घई और विजय विक्रान्त ने तेजेन्द्र जी को मानद सदस्यता प्रदान करके सम्मानित किया। सुमन घई ने टिप्पणी की कि इस सम्मान से तेजेन्द्र जी को सम्मानित करके हमने अपने आपको ही सम्मानित किया है क्योंकि अब तेजेन्द्र जी "हमारे" हो गए हैं।
श्रोता/लेखक तेजेन्द्र जी को सुनने के लिए उत्सुक थे और कार्यक्रम में औपचारिकताओं के लिए कोई समय नहीं रखा गया था ताकि तेजेन्द्र जी के सीमित समय का सभी लाभ उठा सकें।
तेजेन्द्र जी ने अपनी कहानी "कब्र का मुनाफ़ा" वाचन के लिए चुनी। शायद पहली बार श्रोताओं ने भावपूर्ण कथा वाचन सुना। कहानी के पात्र तेजेन्द्र जी का स्वर पाकर सजीव हो गए। देखा गया कि कुछ श्रोता आँखें बंद करके कहानी को अपने मनःस्तल पर सिनेचित्र की तरह देख रहे थे। लेखक हतप्रभ से कहानी विधा के सजीव प्रस्तुतिकरण में खोए हुए थे।
कहानी पाठ के बाद तेजेन्द्र जी ने प्रश्नोत्तर का सत्र आरम्भ किया। मानोशी चटर्जी का पहला प्रश्न था कि लेखक को कितना "पोलिटिक्ली करेक्ट" यानि राजनैतिक तौर से तटस्थ होना चाहिए? शायद वह कहानी के पात्रों के चरित्र को लेखक के चरित्र से मिला रहीं थीं। तेजेन्द्र जी ने बताया कि कहानी में लेखक उसके पात्रों में न होकर उसमें सूत्रधार की तरह विवरणात्मक अभिव्यक्ति में होता है। किसी ने प्रश्न किया कि क्या यह कहानी एक संप्रदाय विशेष पर आक्रमण नहीं है? तेजेन्द्र जी ने ध्यान दिलाया कि जिस पात्र के संवादों से यह लगता है उस पात्र के चरित्र की ओर ध्यान दें। वह सिवाय अपने धर्म के बाकी सभी से नफ़रत करता है। कहानी में अन्य धर्मों पर आक्रमण वह पात्र कर रहा है और उस वार्तालाप को संतुलित रखने के लिए कहानी में अन्य पात्र हैं – जैसे उसकी पत्नी। कहानी की बुनावट पर भी प्रश्न पूछे गए। कुछ लेखकों ने अपनी अधूरी कहानियों की समस्या सुलझाने के लिए भी प्रश्न पूछे। अंत में तेजेन्द्र जी ने कहा कि लेखक को अपने मन की सच्चाई लिखनी चाहिये मगर एक बात का ध्यान रखना चाहिये कि वह उत्तेजक या भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल न करे।
तेजेन्द्र जी ने लेखकों को आज की कहानी से जुड़ने के लिए कहा। उन्होंने बल दिया कि आज के कहानीकारों को पढ़िए ताकि कैनेडा के लेखकों का साहित्य मुख्य धारा से जुड़ सके। स्थानीय लेखक तेजेन्द्र शर्मा जी एक एक बात को मन में उतार रहे थे। कुछ तो लिख कर नोट्स बनाते देखे गए जब तेजेन्द्र जी ने कहानी विधा की बारीक़ियों को समझाया।
कार्यक्रम पौने पाँच बजे "यहाँ पर" विक्रान्त जी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के बाद समाप्त कर दिया गया क्योंकि लाइब्रेरी के पाँच बजे बंद होने की घोषणा बार बार इंटरकॉम पर हो रही थी। परन्तु अब कार्यक्रम विजय विक्रान्त जी के घर पर स्थानांतरित हो गया जहाँ अल्पाहार और बाद में रात के खाने का प्रबंध किया गया था।
विक्रान्त जी के निवास पर लेखक अनौपचारिक ढंग से तेजेन्द्र जी से मिले। विविध विषयों पर बातचीत हुई। अवसर पा कर डॉ. शैलजा सक्सेना ने तेजेन्द्र शर्मा जी का साक्षात्कार भी किया जो कि हिन्दी टाइम्स के आने वाले अंकों में प्रकाशित होगा। तेजेन्द्र जी के अनुरोध पर जसबीर कालरवि ने अपनी कुछ ग़ज़लें सुनाई। रात के खाने के बाद लगभग दस बजे लेखक नवचेतना लिए अपने घरों को लौटे।
तेजेन्द्र शर्मा (महासचिव, कथा यू.के.) ऑमनी २ (टी.वी.) और "अपना रेडियो बॉलीवुड बीट्स" पर
अप्रैल 26, 2010 – कैनेडा के मुख्य बहुभाषी टी.वी. नेटवर्क ऑमनी 2 ने तेजेन्द्र शर्मा जी को अपने स्टूडियो में साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया। वहां वे सुमन कुमार घई के साथ गए। "बधाई हो" के प्रोड्यूसर नलिन बाखले ने तेजेन्द्र जी का स्वागत किया और साक्षात्कार भी स्वयं ही किया। आमतौर पर ऐसे कार्यक्रमों की रिकॉर्डिंग केवल साढ़े आठ मिनट की होती है परंतु तेजेन्द्र जी जैसे लेखक को सामने पाकर नलिन बाखले स्वयं को नहीं रोक पाए। नलिन ने, जो स्वयं सृजनत्मक लेखन के प्रशिक्षित हैं, साहित्य लेखन के विषय में बहुत गंभीर प्रश्न पूछे। हिन्दी लेखन और अंग्रेज़ी लेखन की तुलना, स्थानीय सरोकारों पर हिन्दी लेखन की क्षमता आदि पर जमकर चर्चा हुई। साक्षात्कार लगभग पैंतालिस मिनट चला और उसके अंत में सुमन कुमार हिन्दी राइटर्स गिल्ड और कथा यू.के. सहयोग के बारे जब सुमन कुमार घई से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अंतरजाल ने विश्व को वास्तव में विश्वग्राम बना दिया है और तेजेन्द्र शर्मा जी जैसा लेखक जिसने इस माध्यम को पूर्णतः अपना लिया है, दो महाद्वीपों (उत्तरी अमेरिका और यूरोप) में साहित्य सेतु के निर्माण के लिए जुटा है। सुमन घई ने कथा यू.के. के इस कदम के लिए धन्यवाद दिया।
ऑमनी 2 के बाद तेजेन्द्र शर्मा और सुमन घई सीधे रेडियो सीएमआर 101.3 एफ.एम. पहुँचे जहाँ पर तेजेन्द्र जी का स्वागत हिन्दी टाइम्स के प्रकाशक राकेश तिवारी, और उपाध्यक्ष गुरमीत सैनी ने किया। "अपना रेडियो बॉलीवुड बीट्स" भी राकेश तिवारी जी का ही कार्यक्रम है। रेडियो होस्टस देवसागर और स्वाति ने तेजेन्द्र जी के पसंद के साहित्यिक गीत श्रोताओं के लिए प्रसारित किए। तेजेन्द्र जी ने उन गीतों के साहित्यिक पक्ष की चर्चा की। राकेश तिवारी जी ने तेजेन्द्र जी से कुछ प्रश्न पूछे और श्रोताओं को फोन करने के लिए आमंत्रित किया और तेजेन्द्र जी ने फोन करने वालों से बातचीत की।
रिपोर्ट- सुमन कुमार घई
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पाठक का कहना है :
कथाकार तेजेन्द्र शर्मा का केनेडा में भव्य स्वागत हुआ और सुंदर कार्यक्रम के माध्यम से काव्य पठन-पाठन का आयोजन हुआ पढकर बहुत अच्छा लगा!... ढेरों शुभ-कामनाएं!
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