मुम्बई।
दिनांक 22। मंगलावार, जून 2010 को दिल्ली की वरिष्ठ रचनाकार व कवियित्री श्रीमती शैलजा दुबे जी के सन्मान में एक काव्य गोष्ठी का आयोजन मुंबई में श्रीमती देवी नागरानी जी के निवास स्थान पर किया गया, जिसमें शामिल रहे अनेक गीत ग़ज़ल के सृजनहार जिन्होंने महफ़िल को महकाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। काव्य गोष्ठी में वरिष्ठ गज़लकार श्री आर. पी. शर्मा की अध्यक्षता और जाने माने शायर मा.ना. नरहरी जी के संचालन ने एक खुशनुमा समाँ बांध दिया।
बाएँ से दाएँ- आर ज्योति गजभिये, ताज आरसी, श्रीमती अरुणा गोस्वाम, शैलजा दूबे, श्री उदय दुबे, खन्ना जी, पीके सक्सेना, नरहरि साहब, देवी नागरानी, डॉ॰ राजम नटराजन पिल्लई
काव्य गोष्टी आरंभ करने के पूर्व श्रीमती देवी नागरानी ने पुष्प गुच्छ से अध्यक्ष श्री आर. पी. शर्मा महर्षि जी का सन्मान किया. साथ ही मुख़्य महमान शैलजा दुबे और उनके पति श्री उदय दुबे जी का पुष्प व शाल से सम्मान किया.
काव्य सुधा का आगाज़ किया शास्त्रीय संगीतकार श्री नीरज गोस्वामी ने। उन्होने अपनी मधुर आवाज़ से शायर रज़ा साहब की एक ग़ज़ल पेश की और ख़ूब वाह-वाह लूटी। सुधा की सरिता शाम ७ बजे से रात १० बजे तक निर्झर बहती रही जिसके प्रवाह में सभी का अनूठा योगदान रहा।
बाएँ से दाएँ- ज़फ़र रज़ा, ताज आरसी, मुरलीधर पांडेय, महिर साहब, शैलजा दुबे, आर पी शर्मा, उदय दुबे, खन्ना जी, एम एन नरहरि, नीरज गोस्वामी
सिलसिला आगे बढ़ता रहा और क़ाफिला बनता रहा, जब भागीदारी करते रहे मुंबई के जाने माने मौजूद रचनाकारः अंजुमन संस्था के अध्यक्ष एवं प्रमुख शायर खन्ना मुज़फ्फ़रपुरी, श्री रमांकांत शर्मा, डा॰ राजम नटराजन पिलै, त्रैमासिक पत्रिका "कुतुबनुमा" की संपादक जिन्होंने पहली बार अपनी एक रचना का पाठ किया. संयोग साहित्य के संपादक श्री मुरलीधर पांडेय ने शास्त्रीय गायन के साथ फ़िज़ा में शबनम घोल दी. नीरज गोस्वामी, शिवदत "अक्स", हस्तीमल हस्ती, कविता गुप्ता, प्रमिला शर्मा, ज़ाफर रज़ा, के. पी.सक्सेना "दूसरे", नईमा इम्तियाज़, सुमीता केशवा, रचना भंडारी, मरियम गज़ाला, डा. रीटा गौतम, श्री मा.ना. नरहरी, देवी नागरानी, ज्योती गजभिये, कपिल कुमार, मुहमुद्दिल माहिर. श्रीमती शैलजा दुबे ने अपनी सशक्त रचनाओं का पाठ कर के सभी रचनाकारों की दाद हासिल की. रत्ना झा, अस्मिता दुबे, ताज वारसी श्रोता बने गोष्टी का आनंद लेते रहे.
काव्यपाठ करते श्री अमर कक्कड़
अंत में अध्यक्ष श्री आर. पी. शर्मा ने कई गज़लों का पाठ भरपूर ताज़गी के साथ किया. अमर काकड़ "हुप्पा हुय्या" के प्रोड्यूसर भी इस संध्या का गौरव बढ़ाने के लिये मौजूद रहे.
काव्या गोष्टी सफलता पूर्ण संपूर्ण हुई. देवी नागरानी ने सभी कवि गण का तहे दिल से आभार व्यक्त किया. मधुर वातावरण में शाम कब रात हुई पता नहीं चला. भोजन के साथ समाप्ती हुई. जयहिंद
देवी नागरानी
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