विमोचन करते डॉ. अरुणा कपूर, सत्यव्रत चतुर्वेदी और द संडे इंडियन के संपादक ओंकारेश्वर पाण्डेय
नई दिल्ली।
11 अगस्त 2010 को पंडित रामप्रसाद बिस्मिल फाउंडेशन के तत्वावधान में हिंदी के मूर्धन्य साहित्यकार-पत्रकार एवं स्वतंत्रता सेनानी साहित्य शिरोमणि स्वर्गीय पंडित दामोदर दास चतुर्वेदी की स्मृति में एक सम्मान समारोह तथा राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। यह आयोजन भारतीय सांस्कृतिक संबमध परिषद के सभागार 'आजाद भवन' में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में पंडित दामोदर दास चतुर्वेदी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा हुई।
इस कार्यक्रम में संसद सदस्य एवं संसदीय राजभाषा समिति के उपाध्यक्ष सत्यव्रत चतुर्वेदी मुख्य-अतिथि के तौर पर आमंत्रित थे। देश भर से आये कवियों ने कवितापाठ किया।
इसी कार्यक्रम में डॉ. अरुणा कपूर के उपन्यास 'उनकी नज़र है हम पर' का विमोचन भी हुआ। विमोचन श्री सत्यव्रत चतुर्वेदी ने किया। सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉ. मधु चतुर्वेदी ने इस उपन्यास के बारे में बोलते हुए कहा कि अरुणा जी का यह उपन्यास बहुत ही रोचक है, जिसमें विज्ञान और कल्पना का अद्भुत समावेश किया गया है। पाठक अंत तक बंधा रहता है।
उल्लेखनीय है कि डॉ. अरुणा कपूर का यह उपन्यास हाल ही में हिन्द-युग्म प्रकाशन द्वारा प्रकाशित हुआ है। हिन्द-युग्म प्रकाशन की उत्कृष्टता में यह पुस्तक एक और चाँद टाँकती है।
इस कार्यक्रम में पंडित दामोदर दास चतुर्वेदी की स्मृति में साहित्य-कला तथा पत्रकारिता जगत की महती सेवा करने वाली बहुत सी विभूतियों को सम्मानित भी किया गया, जिनमें प्रदीप पंडित (संपादक-शुक्रवार), मणिकिशोर तिवारी (संपादक-लोकायत), संतोष चौबे (चेअरमैन-आईसेक्ट संपादक-आई.टी इंडिया), शैलेश भारतवासी (संपादक-हिंदी ब्लाग-हिंद युग्म डॉट कॉम), विजया भारती (लोक गीत गायिका), डॉ. प्रेमलता नीलम (हिंदी कवयित्री), डॉ. आनंद सुमन (संपादक-सरस्वती सुमन), संजीव सेंगर (प्रकाशक)
अंकित जैन (टीवी सीरियल निर्माता), कमलेश चतुर्वेदी (अंतर्राष्ट्रीय भूगर्भवेत्ता) के नाम उल्लेखनीय हैं।
झलकियाँ-
डॉ. अरुणा कपूर को पुष्पगुच्छ भेंट करतीं डॉ. मधु चतुर्वेदी
पुस्तक का अनावरण करते सत्यव्रत चतुर्वेदी
अनावरण के पश्चात पुस्तक की एक प्रति पंडित सुरेश नीरव की भेंट करते सत्यव्रत चतुर्वेदी
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7 पाठकों का कहना है :
अरुणा जी,
आपके उपन्यास के विमोचन के बारे में जानकार बहुत हर्ष हुआ..मेरी तरफ से बधाई व शुभकामनायें स्वीकार कीजिये...
अरुणा जी को उनके उपन्यास ‘उनकी नज़र है हम पर’ के विमोचन के शुभ अवसर पर हमारी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं...
मै यहां इस उपन्यास के प्रकाशक श्री.शैलेश भारतवासी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करना चाहुंगी!...शैलेशजी की ही मेहनत के परिणाम स्वरूप 'उनकी नजर है...हम पर ' उपन्यास का इतनी जल्दी लोकार्पण संभव हो सका!...लोकार्पण समारोह के बारे में 'बैठक' में अलग से चर्चा होगी!...11 अगस्त 2010 के रोज, शाम को हुई भारी वर्षा की वजह से श्री.निखिल गिरी,दिपाली सांगवान और हिन्दयुग्म की कई अन्य हस्तियां इस समारोह में उपस्थित नहीं हो पाई!...सभी ने मैसेज और फोन कॉल द्वारा मुझे बधाई दी ..उन सभी की मै बहुत बहुत आभारी हुं!... बाल-उद्यान की संपादिका श्रीमति निलम मिश्रा मेरे साथ आखिर तक बनी रही..उन्हे मै धन्यवाद कहना चाहूंगी!
शन्नोजी और रमाजी...आप का बहुत बहुत धन्यवाद!...उनकी नजर है..हम पर....हम सभी का उपन्यास है!...
...फिर एक बार सभी का धन्यवाद!... स्वतंत्रता दिवस की अनेक शुभ-कामनाएं!
badhaai sweekaarein aruna ji.
माफ़ी चाहूंगी अरुणा जी ,
थोडा अस्वस्थ हूँ ,इसलिए यहाँ तक आने में विलम्ब हुआ ,उस दिन तो आपके साथ थी ही पर यहाँ पर भी आपको देख कर अच्छा लग रहा है ,ईश्वर आपको लम्बी व् स्वस्थ उम्र दे और आप लेखन में तरक्की के नए सोपानों को छुएँ इसी कामना के साथ आप की अपनी नीलम .
(olive ki baal sulabh jigayassyen
माफ़ी चाहूंगी अरुणा जी ,
थोडा अस्वस्थ हूँ ,इसलिए यहाँ तक आने में विलम्ब हुआ ,उस दिन तो आपके साथ थी ही पर यहाँ पर भी आपको देख कर अच्छा लग रहा है ,ईश्वर आपको लम्बी व् स्वस्थ उम्र दे और आप लेखन में तरक्की के नए सोपानों को छुएँ इसी कामना के साथ आप की अपनी नीलम .
(olive ki baal sulabh jigayassyen abhi tak maanaspatal par ankit hain ,give my love to him )
Aruna Ji Kapoor ki bahut si rachnayein maine internet par unke Blog ke roop me dekhi hain aur sarahi hain. Hindi ke prati apni abhiruchi ke tahat maine unse sampark kiya aur unhone bahut udarta se mere friendship aamantran ko sweekar kiya. Tadpaschat hamare sampark barabar bane rahe. Main Aruna ji ko aabhyantarik subh kamnayein pradan karna chahta hoon. Mujhe vishwas hai ki Aruna Di aur bhi bulandiya haasi karengi.
Savinay>
Vijay Kayal
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