Tuesday, August 17, 2010

गुलामी की बेडियों से मुक्त आजाद भारत

गरीबी का बढना चिन्ताजनक
हिंसा का मार्ग घातक




उदयपुर ! सत्य और अहिंसा स्वतंत्रता आन्दोलन के मूल मंत्र थे। भारत की आजादी के राष्ट्रीय नायको के प्रति जनता में अटूट विश्वास था। गुलामी की बेडियों से मुक्त आजाद भारत के गॉवों का कायाकल्प तीव्रगति से हुआ है। भारत में अमीरी बढ रही है किन्तु गरीबी का बढना चिन्ताजनक है। उक्त विचार स्वतंत्रता सेनानी हुकम राज मेहता ने डॉ. मोहन सिंह मेहता एंव वेदान्ता हिंद जिंक के साझे मे आयोजित ‘‘ स्वतंत्र भारत और स्वतंत्रता सेनानी‘‘ विषयक संवाद मे व्यक्त किये। मेहता ने भारत मे बढते भृष्टाचार पर चिन्ता व्यक्त करत हुये नागरिकों से नागरिक जिम्मेदारी निर्वहन एंव हिंसा का मार्ग त्यागने की अपील की।
संवाद की अध्यक्षता करते हुये विजय एस. मेहता ने युवाओं मे बढते नशे एंव ड्रग्स की प्रवृति तथा हिंसा के मार्ग को घातक बतलाये युवाओं को राष्ट्र निर्माण हेतु आगे आने की अपील की।

चादपोल नागरिक समिति के तेजशंकर पालीवाल एंव झील हितेषी मंच के हॉजी सरदार मोहम्मद ने कहा कि सामाजिक समस्याओं का निदान सत्य अहिंसा एवं संवाद मे ही निहीत है। डॉ. आशा गुप्ता एंव मीरा कन्या महाविद्यालय के प्रो. एस. एन. गुप्ता ने उदयपुर शहर की सुन्दरता बनाये रखने मे नागरिक पहल की जरूरत बतलाई।

ट्रस्ट सचिव नन्दकिशोर शर्मा ने आजादी के आन्दोलन के सेनानियों के जीवन मूल्यों को उद्रित करते हुये संवाद का संचालन किया। संवाद मे गोवर्धन सिंह झाला, विपिन हेनरी, सोहनलाल तम्बोली ने भी विचार व्यक्त किये। धन्यवाद नीतेश सिंह कच्छावा ने ज्ञापित किया।

नीतेश सिह कच्छावा
कार्यालय प्रशासक