विश्व भोजपुरी सम्मलेन की झारखंड इकाई द्वारा गत २६-२७ सितम्बर को विरसामुंडा की पावन भूमि रांची में सम्मलेन की कार्यकारिणी के राष्ट्रीय अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें सर्वसम्मति से युवा कवि मनोज भावुक को विश्व भोजपुरी सम्मलेन की दिल्ली इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. मनोज इससे पहले विश्व भोजपुरी सम्मलेन की ग्रेट ब्रिटेन इकाई के अध्यक्ष (२००६-७) एवं अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मलेन के प्रबंध मंत्री ( १९९८-९९) रह चुके हैं.
2 जनवरी 1976 को सीवान (बिहार) में जन्मे और रेणुकूट (उत्तर प्रदेश ) में पले- बढ़े मनोज भावुक भोजपुरी के सुप्रसिद्ध युवा साहित्यकार हैं। पिछले 15 सालों से देश और देश के बाहर (अफ्रीका और यूके में) भोजपुरी भाषा, साहित्य और संस्कृति के प्रचार-प्रसार में सक्रिय भावुक भोजपुरी सिनेमा, नाटक आदि के इतिहास पर किये गये अपने समग्र शोध के लिए भी पहचाने जाते हैं। अभिनय, एंकरिंग एवं पटकथा लेखन आदि विधाओं में गहरी रुचि रखने वाले मनोज दुनिया भर के भोजपुरी भाषा को समर्पित संस्थाओं के संस्थापक, सलाहकार और सदस्य हैं। तस्वीर जिंदगी के( ग़ज़ल-संग्रह) एवं चलनी में पानी ( गीत- संग्रह) मनोज की चर्चित पुस्तके हैं। ‘तस्वीर जिन्दगी के’ तो इतना लोकप्रिय हुआ कि इसका दूसरा संस्करण प्रकाशित किया जा चुका है और इस पुस्तक को वर्ष 2006 के भारतीय भाषा परिषद सम्मान से नवाज़ा जा चुका है। एक भोजपुरी पुस्तक को पहली बार यह सम्मान दिया गया है।
इस अवसर पर मनोज भावुक ने अपना उदगार व्यक्त करते हुए कहा कि मैंने १५-१६ वर्षों के अपने अनुभव में यही देखा है कि लगभग सभी भोजपुरी सम्मलेन में अस्सी फीसदी सफ़ेद बाल ही दिखाई देते हैं. इसमें युवाओं व महिलाओं की भागीदारी जरुरी हैं. मनोज ने युवाओं के लिए भोजपुरी कार्यशाला व साल में कम से कम एक बार भोजपुरी पुस्तक मेला करने का प्रस्ताव रखा जिसे अंतरराष्ट्रीय महासचिव अरुणेश नीरन ने मंजूरी दे दी.नीरन ने कहा जनवरी में वाराणसी में होगी युवाओं के लिए भोजपुरी कार्यशाला व अगले सम्मलेन में ऋषिकेश में भोजपुरी पुस्तक मेला .
आगे नीरन ने यह भी कहा कि मनोज दिल्ली में अपनी कार्यकारिणी का गठन करें व उसमें अधिक से अधिक युवा-युवतियो को शामिल करें.
इस अवसर पर सम्मेलन के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष सतीश त्रिपाठी,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बी.एन तिवारी, सभी प्रदेशों के प्रांतीय अध्यक्ष के अलावा दूरदर्शन रांची के निदेशक शैलेश पंडित,आकाशवाणी रांची के सीनियर उद्घोषक कुमार ब्रिजेन्द्र, भोजपुरी संसार पत्रिका के सम्पादक मनोज श्रीवास्तव, संस्था के प्रचार-प्रसार सचिव कुलदीप श्रीवास्तव,भोजपुरी सेवा संस्थान,लखनऊ के अध्यक्ष दिनेश तिवारी, गत वर्ष आगरा में हुए विश्व भोजपुरी सम्मलेन के संयोजक अशोक चौबे,वरिष्ठ समाज सेवी माधव सिंह, अखिल विश्व भोजपुरी समाज के आरा अध्यक्ष ब्रजेश सिंह समेत विभिन्न प्रान्तों से आये साहित्यकार,पत्रकार, कलाकार व गायक उपस्थित थे.
इस दो दिवसीय सम्मलेन में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया. जिसका उदघाटन करते हुए खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्री सुबोध कान्त सहाय ने कहा ' आज प्रधानमंत्री का जन्म दिन है और मै इस मंच से प्रधानमंत्री से यह आग्रह करता हूँ कि भोजपुरी को अतिशीघ्र आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाय. सहाय ने भोजपुरी फिल्मकारों की भी खिचाईं की.कहा सख्त जरुरत है स्टैण्डर्ड उठाने की . अंतरराष्ट्रीय महासचिव अरुणेश नीरन कहा विश्व भोजपुरी सम्मलेन भोजपुरी को उसका वाजिब हक़ दिलाने के लिए प्रतिबध्ध है. सम्मलेन को अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष सतीश त्रिपाठी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बी.एन तिवारी,विधान सभा अध्यक्ष सी.पी .सिंह, दूरदर्शन रांची के निदेशक शैलेश पंडित,सांसद राजनीति प्रसाद, वरिष्ठ समाज सेवी माधव सिंह, विजय पासवान आदि ने भी संबोधित किया.
फिर सजी सुर की महफ़िल.आगाज किया भोजपुरी सम्राट भरत शर्मा ने. गायिका देवी ने लोक लहरी में सबको डुबो दिया . प्रतिभा सिंह, नीतू सिंह नूतन, दीपक त्रिपाठी,सुशांत व राजकुमार आदि ने दर्शको को झूमने-नाचने पर मजबूर कर दिया. आरा से आई पूनम सिंह की टीम व रांची के अजय मलकानी के ग्रुप ने भी अनेक रंगारंग कार्यक्रम दिए और रांची में देर रात तक गूंजती रही भोजपुरिया फ़नकारो की आवाज.
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