Thursday, September 30, 2010

पाखी का वार्षिक महोत्‍सव 18 सितंबर को संपंन



वाराणसीः काशी हिन्‍दू विश्‍वविद्यालय के कला संकाय के प्रेक्षागृह में 18 सितंबर को साहित्‍यिक मासिक पत्रिका ‘पाखी' का वार्षिक महोत्‍सव मनाया गया। इस अवसर पर जे.सी. जोशी स्‍मृति साहित्‍य सम्‍मान समारोह के साथ-साथ परंपरा और सृजनात्‍मकता विषय पर एक संगोष्‍ठी आयोजित की गयी। संगोष्‍ठी के मुख्‍य वक्‍ता श्री काशीनाथ सिंह, श्री रेवा प्रसाद द्विवेदी, श्री बलराज पाण्‍डे, श्री कमलेशदत्त त्रिपाठी, श्री श्रद्धानंद तथा श्री गोपेश्‍वर सिंह है। जे.सी. जोशी स्‍मृति साहित्‍य सम्‍मान के तहत दिया जाने वाला शब्‍द-साधक शिखर सम्‍मान हिन्‍दी साहित्‍य के शीर्ष आलोचक श्री नामवर सिंह को दिया गया। इसके अतिरिक्‍त तीन अन्‍य सम्‍मान भी दिये गये। जिसमें शब्‍द-साधना जनप्रिय सम्‍मान कथाकार रणेन्‍द्र को पिछले वर्ष प्रकाशित उनके उपन्‍यास ‘ग्‍लोबल गाँव के देवता' के लिए दिया गया। युवा रचनाकार सम्‍मान के अंतगर्त शब्‍द-साधना युवा सम्‍मान कविता के लिए निशांत को उनकी कविता ‘मैं में हम-हम में मैं' के लिए तथा शब्‍द-साधना युवा सम्‍मान कहानी के लिए दिलीप कुमार को उनकी कहानी ‘सड़क जाम' के लिए दिया गया। शब्‍द-साधना युवा सम्‍मान ‘कविता' की जूरी में श्री भागवत रावत, श्री ज्ञानेन्‍द्रपति और श्री विश्‍वनाथ प्रसाद तिवारी थे। शब्‍द-साधना युवा सम्‍मान ‘कहानी' की जूरी में श्री संजीव, श्री शिवमूर्ति और श्री हिमांशु जोशी थे। जूरी द्वारा चयनित प्रथम तीन कविताएँ और कहानियाँ ‘पाखी' के सितंबर अंक में प्रकाशित की गई थी।



शब्‍द-साधक शिखर सम्‍मान की सम्‍मान राशि 51 हजार, शब्‍द-साधना जनप्रिय सम्‍मान की राशि 21 हजार तथा शब्‍द-साधना युवा सम्‍मान की राशि ग्‍यारह हजार रुपये हैं। इस मौके पर ‘पाखी' के श्री नामवर सिंह पर केंद्रित अंक का लोकार्पण भी किया गया। इस कार्यक्रम की अध्‍यक्षता काशी हिन्‍दू विश्‍वविद्यालय के कुलपति डॉ. डी पी सिंह ने की। कार्यक्रम के स्‍वागताध्‍यक्ष हिन्‍दी विभाग के विभागाध्‍यक्ष राधेश्‍याम दुबे जी थे। धन्यवाद ज्ञापन पाखी संपादक प्रेम भारद्वाज जी ने किया।

संपादक
प्रेम भारद्वाज