उदयपुर/ राजस्थान साहित्य अकादमी एवं सलूम्बर की साहित्यिक संस्था सलिला के संयुक्त तत्वावधान में सलूम्बर में दिनांक 25 व 26 सितम्बर,10 को बाल साहित्य पर केन्द्रित संभागीय साहित्यकार सम्मेलन आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम की रूपरेखा संयोजिका एवं जिला परिषद सदस्या, उदयपुर श्रीमती विमला भंडारी ने अपनी सलिला टीम के साथ बनायी। संभवतया देश में होने वाला यह पहला ऐसा सद्प्रयास था जिसमें यह परिकल्पना की गई थी कि साहित्य की सुगंध गांव-कस्बों-ढ़ाणी तक होती हुई उस अंतिम छोर के बालक तक पहुंचे जिन्होंने ऐसे कार्यक्रम कभी देखे सुने नहीं। साहित्य के बलबूते लोगों की मानसिकता बदली जा सकती है और बच्चों को संस्कार दिये जा सकते है।
कार्यक्रम की ऐसी अनूठी एवं विशद संरचना गढ़ी गई। जिसमें राजस्थान सहित 10 प्रदेश के बाल साहित्यकारों ने शिरकत की। दो दिवसीय इस सम्मेलन में 25 विद्यालयों के लगभग 150 विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने, शिक्षा उच्च अधिकारियों ने, प्रशासनिक उच्च अधिकारियों ने, जनप्रतिनिधियों ने सक्रिय भागीदारी की। तीन चरण में पूरा होने वाला इस सम्मेलन ने कस्बाई एवं ग्रामीण क्षेत्र को प्रभावित किया। पहले दिन सलूम्बर क्षेत्र एवं दूसरे दिन ईडाणा पंचायत की जनता इससे लाभाविंत हुई। करीबन 3000 से 4500 तक लागों ने इस सम्मेलन को देखा व सुना। यह जन भागीदारी इस सम्मेलन की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
यह सम्मेलन 21वीं सदी का बालक, साहित्य एवं साहित्यकार पर केन्द्रित था। साहित्य का समाजिक सरोकारों से सम्बन्ध है, इसलिए बालकों की इस पीढ़ी को साहित्य से जोड़ने का प्रयास सराहनीय है। बालकों को मशीनी मानव बनाने वाली शिक्षा के बजाय साहित्य की ओर उन्मुख करने, टी.वी. एवं इलेक्ट्रोनिक माध्यमों से बच्चों पर हो रहे दुष्प्रभावों और 21वीं सदी के बालकों के लिए कैसा साहित्य अपेक्षित है, पर सम्मेलन में गंभीर चर्चा और विचार विमर्श हुआ।
उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि उदयपुर सांसद माननीय श्री रघुवीर सिंह मीणा ने कहा कि ऐसा साहित्य का सृजन हो जो बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव डाले। अध्यक्षता कर रहे सुप्रसिद्ध बाल साहित्यकार डॉ. राष्ट्रबन्धु (उ.प्र.) ने कहा कि समाज और व्यक्ति को बाल कल्याण का कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बालकों में सत्यप्रियता, अच्छाई,संवेदनशीलता होती है। विशिष्ट अतिथि महाराष्ट्र की साहित्यकार श्रीमती सरताज बानू , उदयपुर जिला परिषद् के सी.ई.ओ. श्री राजेन्द्र सिंह शेखावत , सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता श्री कैलाशदान सांदू थे। संचालन कवि प्रह्लाद पारीक (भीलवाड़ा) एवं नारायण टेलर ने किया। प्रारंभ में श्री सुरेश लाड़ोती ने सरस्वती वन्दना एवं सम्मेलन संयोजिका श्रीमती विमला भंडारी ने स्वागत उद्बोधन दिया। धन्यवाद श्री नारायण सकरावत ने दिया। इस अवसर पर साहित्य के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने पर डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू को सलिला विशेष साहित्यकार सम्मान 2010 दिया गया। पुस्तक ‘‘बाल साहित्य पद्य कथाएं’’ लेखक राजकिशोर सक्सेना एवं सलिला स्मारिका का विमोचन भी इस अवसर पर किया गया।
उद्घाटन सत्र के बाद ‘‘21वीं सदी का बाल साहित्य’’ (काव्य विधा पर ) पर केन्द्रित प्रथम चर्चा सत्र में श्री जगदीश चन्द्र शर्मा (गिलूण्ड) ने पत्रवाचन किया । मुख्य अतिथि डॉ. शकुन्तला कालरा (दिल्ली) थी। अध्यक्षता डॉ. भगवतीलाल व्यास (उदयपुर) ने की। विशिष्ट अतिथि श्री नरोत्तम व्यास ,डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू, अतिरिक्त प्रा.ब्लॉक शिक्षा अधिकारी श्री चोखराज मेघवाल थे। संचालन अंजीव अंजुम (दौसा) एवं श्रीमती शकुन्तला सोनी ने किया। इस अवसर पर स्कूली बालकों ने कविता प्रस्तुती की। साहित्यकारों द्वारा उन्हें पुरस्कर दिया गया एवं बच्चों ने साहित्यकारों से चर्चा परिचर्चा भी की।
शाम नगरपालिका सलूम्बर में पालिकाध्यक्ष नंदलाल सुथार, पालिका उपाध्यक्ष शायदा परवीन व पार्षदों, अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा साहित्यकारों का माल्यार्पण, नारियल एवं पुष्पवर्षा द्वारा स्वागत सत्कार किया गया। ढ़ोल नगारे के साथ साहित्यकारों का समूह जुलूस रूप धारण कर नगर के मुख्य बाजार से होता हुआ राजमहलों में पहुंचा जहां गायत्री परिवार द्वारा पुष्पवर्षा कर जलपान कराया गया। नगर सेठ कमल कुमार गांधी द्वारा भी साहित्यकारों का मालाओं से सम्मान किया गया।
रावली पोल में विराट कवि सम्मेलन सम्पन्न हुआ इसकी अध्यक्षता वरिष्ठ गीतकार श्री किशन दाधीच,उदयपुर ने की। मुख्य अतिथि सलूम्बर उपखण्ड अधिकारी गोविन्दसिंह राणावत, ए.डी.जे. शिव कुमार शर्मा सा. ए.सी.जी.एम. श्री प्रहलादराय शर्मा विशिष्ट अतिथि तहसीलदार पर्वतसिंह चूंडावत थे। इस कवि सम्मेलन में सर्वश्री डॉ. रामनिवास मानव (हिसार), डॉ. भैरूंलाल गर्ग (भीलवाड़ा), बनज कुमार बनज, कृपाशंकर अचूक,(जयपुर), दिनेश सिंदल(जोधपुर), कृष्ण शलभ(सहारनपुर), मनोहर श्रीमाली, भवानी शंकर भाव, पुरुषोत्तम पल्लव, रामदयाल मेहरा, नरोत्तम व्यास,(उदयपुर), नंदकिशोर निझर,(चितौडगढ़), भगवती प्रसाद गौतम ,कमलेश कमल (कोटा) गोविन्द भारद्वाज (अजमेर),अपर्णा भटनागर, (अहमदाबाद) रामेश्वर उदास, मुकेश राव (सलूम्बर) सहित स्थानीय कवियों ने कविता पाठ किया। संचालन श्रीमती शकुन्तला स्वरूपरिया ने किया। आभार विनय वैष्णव ने दिया।
कहानी में साहित्य का व संदेश का होना बेहद जरूरी है, अन्यथा वह बेकार हो जाती है। वर्तमान युग में बच्चों को कविता के बजाय कहानियां ज्यादा पसंद है। साहित्य के बलबूते लोगों की मानसिकता बदली जा सकती है और बच्चों को संस्कार दिये जा सकते है। यह बात द्वितीय दिन किसान भवन में श्री इडाणा माता ट्रस्ट, इडाणा में ‘‘21वीं सदी का बाल साहित्य’’ (कथा विधा) पर केन्द्रित चर्चा सत्र में उभर कर आयी। डॉ. शकुन्तला कालरा ने पत्र वाचन किया । मुख्य अतिथि डॉ. भैरूंलाल गर्ग (भीलवाड़ा) थे। अध्यक्षता डॉ. राजकिशोर सक्सेना (खटीमा, उत्तराखण्ड) ने की। विशिष्ट अतिथि श्री भगवती प्रसाद गौतम, डॉ रामनिवास मानव , श्री शंकरलाल सोनी, अध्यक्ष ईडाणा माता ट्रस्ट, अतिरिक्त प्रा.ब्लॉक शिक्षा अधिकारी श्री जयप्रकाश आगाल थे और सानिध्य कर रही थी सलूम्बर पंचायत समिति की प्रधान शान्ता देवी मीणा। स्थानीय नागरिकों में मोहनसिंह राणावत, पहाड़सिंह ने विचार व्यक्त किये। गांव ढ़ाणी से आये विद्यार्थियों ने रचना प्रस्तुत की एवं पुरस्कार पायें।
इस सत्र में डॉ. राष्ट्रबंधु एवं श्री अम्बालाल शर्मा को शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया गया। सम्मेलन में साहित्यकारों ने कविता, कहानी व चुटकलों के माध्यम से हंसने व सोचने पर मजबूर कर दिया। तृतीय एवं समापन सत्र बाल साहित्य के क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं पर केन्द्रित था। इसमें श्री गोविन्द शर्मा ने पत्रवाचन किया। अध्यक्षता डॉ. ज्योतिपुंज ने की एवं सानिध्य जिला परिषद सदस्या श्रीमती रमाकंवर थी। श्री रत्न कुमार सांभरिया श्री पुरुषोत्तम पल्लव,श्री मनोहर श्रीमाली, विकास अधिकारी सलूम्बर अरूण आमेटा विशिष्ट अतिथि थे। डॉ .हूंदराज बनवाणी,अहमदाबाद मुख्य अतिथि थे। संचालन श्री प्रहलाद पारीक ने किया । अन्त में अकादमी प्रतिनिधि श्री रामदयाल मेहर ने आभार ज्ञापित किया ।
राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा सलिला को यह कार्यक्रम संभाग स्तर पर करने का अनुरोध किया गया था किन्तु श्रीमती विमला भंडारी के अथक प्रयासों ने इसे राष्ट्रीय स्तर का बनाकर तमाम ऊंचाईयां देते हुए इस क्षेत्र की जनता, साहित्य एवं बालकों को लाभाविंत किया। यह पहली बार सम्पन्न होने वाला ऐतिहासिक कार्यक्रम अविस्मरणीय बन गया।
प्रस्तुति- रामेश्वर चौबीसा
सह संयोजक सलिला
सलूम्बर -राजस्थान मो. 9887205549
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