चेंबूर के पास स्थित गोवंडी झुग्गी बस्ती मुम्बई महानगरीय इलाकों में संभवत: सबसे अधिक त्रासद स्तिथि मे है। महानगर के एक दूर दराज किनारे पर स्थित होने के कारण इस बस्ती की तरफ बहुत कम लोगों का ध्यान जाता है। इस बस्ती मे लगभग बीस पच्चीस हजार निवासी भयंकर गरीबी के साथ साथ अकल्पनीय नारकीय जीवन जीने के लिये अभिशप्त हैं।
महानगर पालिका ने आसपास की संभ्रांत बस्तियों का कूडा कचरा इसी बस्ती मे जमा कर रखा है। यहां मुम्बई के ज़हरीले कचरे के कई पहाड से बन गये हैं जो दूर से ही आगन्तुकों का ध्यान खींचते हैं।बरसात के दिनों मे इन कचरे के पहाडों का कचरा बारिश के साथ बहकर बस्ती की गलियों मे दमघोंटू दुर्गंध पैदा करता है।बस्ती से होकर बहने वाला गन्दा नाला यहां के निवासियों की मुसीबत और अधिक बढा देता है। एक तरफ गंदा नाला और दूसरी तरफ कचरे के पहाड़ मिलकर ऐसी सामूहिक दुर्गंध पैदा करते हैं कि नाक पर कपडा रखने के बाद भी तीखी बदबू से निजात नही मिलती। यहां चारों तरफ मक्खी और मच्छरों का साम्राज्य है। साफ हवा,साफ पानी और पौष्टिक भोजन के अभाव मे बस्ती के लोगों मे कई बीमारियां चिंताजनक स्तिथि मे पहुंच गई हैं।
बस्ती के अधिकांश घरों मे टी.वी.और फेफडों से सम्बन्धित कई बीमारियां फैल चुकी हैं। स्कूली बच्चे भी इन गंभीर बीमारियों की चपेट मे हैं। बच्चों मे इन घातक बीमारियों का संक्रमण एक खतरनाक संकेत है। समय रहते हुए मुख्यत: गंदगी के कारण फैलने वाली इन बीमारियों की रोकथाम बहुत जरूरी है।
इस बस्ती के गरीब मेहनतकश मजदूर परिवारों के पास न अपने संसाधन हैं और न इनके पास संबन्धित सरकारी विभागों को अपनी स्थिति से अवगत कराने का समय एवम उचित जानकारी है। ज्यादातर लोग अनपढ हैं। बहुत से बच्चे भी 4 वर्ष तक के बच्चों की अनिवार्य शिक्षा कानून के बावजूद स्कूल नही जा पाते।एक तरह से गोवंडी बस्ती मुम्बई महानगर के माथे पर एक ऐसा कलंक है जिसके लिये हम सब जिम्मेदार हैं।यहां के गरीब लोग साक्षात नरक/ दोजख मे रह रहे हैं। यह नरक भी महानगर के संभ्रांत लोगो की जीवन शैली से ही उपजा नरक है।लेकिन इस नरक की सजा गोवंडी के निवासी भुगत रहे हैं।
कुछ समय पहले धर्म भारती मिशन नामक सामाजिक उत्थान के कार्यों मे जुटी संस्था ने इस बस्ती के तीन स्कूलों के बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने एवम शिक्षा का स्तर सुधारने तथा कम्पयूटर की शिक्षा देने की एक योजना शुरू की थी।धीरे धीरे कई सहृदय लोगों के सहयोग से इस संस्था ने यहां शौचालय आदि बनवाकर इलाके की सफाई आदि पर भी काफी काम किया है ।यह संस्था अपने सीमित साधनो के साथ आर.टी आई के माध्यम से भी यहां के निवासियों मे जागरूकता लाने के लिये प्रयास रत है।
धर्म भारती मिशन हालाकि पूरे प्रयत्न से अपने काम मे जुटा है लेकिन यहां की समस्याओं को देखते हुए इसे भी आटे मे नमक ही कहा जायेगा। इस काम को काफी बडे स्तर पर सरकारी एवम गैर सरकारी संस्थाओं की मदद से तेजी से आगे बढाने की आवश्यकता है। कई संस्थाओं एवम प्रबुद्ध बुद्धिजीवियों ने धर्म भारती मिशन के साथ जुडकर गोवंडी के समग्र विकास की एक महत्वाकांक्षी योजना ‘गोवंडी कायाकल्प परियोजना’ शुरु की है । इस परियोजना मे जनता के सहयोग से गोवंडी को प्रदूषण एवम बीमारी से मुक्त कर बस्ती के बच्चों को स्तरीय शिक्षा उपलब्ध कराकर यहां का समग्र विकास सुनिश्चित किया जाएगा।गोवंडी का कायाकल्प कर इसे एक आदर्श बस्ती बनाकर देश और दुनिया के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत करना है।इस योजना को सफलता पूर्वक शीघ्रातिशीघ्र पूरा करने के लिये सभी मुम्बई वासियों के सक्रिय सहयोग की आवश्यकता है।
आप सभी से अनुरोध है कि इस पवित्र काम मे श्रमदान एवम आर्थिक सहभागिता कर ‘गोवंडी कायाकल्प परियोजना’ को सफल बनाने मे समुचित सहयोग करें। धर्म भारती मिशन के इस काम मे सहयोग के लिये 'नवसृष्टि इंटरनेशनल ट्रस्ट' को देय चेक या ड्राफ्ट निम्न पते पर भेज सकते हैं।
धर्म भारती मिशन : 56-बी मित्तल टावर्श, नरीमन प्वाइंट, मुम्बई-400021, फोन-91-22-22043208
वेबसाईट www.dbmindia.org
संयोजक - परमजीत सिंह ( 98920-59168) ई-मेल- sing_param@rediffmail.com
नोट: हाल ही मे लेखक आर.के.पालीवाल और आबिद सुरती ने धर्म भारती मिशन के लिये गोवंडी झुग्गी बस्ती पर एक डोक्यूमेंटरी फिल्म बनाई है। इसे सभी मुम्बई और देश वासियों को देखना चाहिये।
संपर्क - आर.के.पालीवाल : 099309-89569 rkpaliwal1986@gmail.com
आबिद सुरती : aabidssurti@gmail.com
प्रस्तुति- देवमणि पाण्डेय
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पाठक का कहना है :
bhart me jhoogi Jhopdi ki dasa dyaneey hai aise me apka yah prayas sarahniey hai. jahan aj bhrshtr tantr ke karan sarkari mishinari fel ho rahe hai. apka ye documentry bhart ke vikash me ek meel ka pathar sabit hoga keyoki hume ab uthana hai aur pahal ke liye intezar nahee khu hi bharat ke vikash ke liye chote chote star se karya karna jis trah boond boond se ghada bharta hai es tarh se apke choote pryash me hum sab bhageedari karke hi india ko vikash ke path par agrsarit kerenge hi sat me un logo ko lekar jinke dilo me bhart basta hai gareeb mahila gramin mazdoor kishan aam insan.
apka yeh kary avishmaniya hai.
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