Wednesday, December 1, 2010

जब कूँची में बही गंगा



विगत दिनों भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के आजाद भवन स्थित कला दीर्घा में आस्ट्रीया की सुविख्यात कलाकर्मी उत्त ऐश्बेचर की कला्कृतियों की प्रदर्शनी का आयोजन भारत और अन्य देश के बौ्द्धिक आदान-प्रदान के अंतर्गत किया गया। उन्होंने अपने चित्रों का विषय दिया था पवित्र गंगा। उनके चित्रों की विशेषता शोख रंगों की उफनती गंगा का आभास दे रही थीं। परस्पर विरोधी रंग इस प्रकार अपनी उपस्थित का आभास करा रहे थे मानों रंग स्वयं मस्तिष्क में चित्रों का रूपायन कर अपनी अमूर्तता को पारिभाषित कर रहे हों।
उत्त ऐशबेचर आस्ट्रीया की ख्याति प्राप्त चित्रकार हैं। अबतक उन्होंने देश-विदेश में अपने चित्रों की नौ अकल चित्र प्रदर्शनी, नौ समूह चित्र प्रदर्शनियों और तीन निजी संग्रह प्रदर्शनी का आयोजन कर चुकी हैं।

आस्ट्रीया के अकादमी ऑफ फाइन आर्ट्स से 1987-88 में दीक्षित होने के उपरांत उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा और इस क्षेत्र में सफलता उनके कदम चूम रही है, 1958 में आस्ट्रीया के विल्लाच नामक स्थान पर जन्मी यह महान चित्रकार आजकल पेरिस में रह रही हैं। उनका ईमेल संपर्क है— uteaschbacher@yahoo.fr

प्रस्तुति- शमशेर अहमद खान, 2-सी,प्रैस ब्लॉक, पुराना सचिवालय, सिविल लाइंस, दिल्ली-110054
Ahmedkhan.shamsher@gmail.com