Friday, November 5, 2010

सैम हिग्गिनबॉटम इन्स्टीट्यूट का दीक्षान्त समारोह सम्पन्न

लोक सभा अध्यक्षा ने किया दूसरी हरित क्रान्ति का आवाहन

शियाट्स द्वारा नया कृषि विज्ञान केन्द्र खोलने की योजना: डा. आर.बी. लाल


कुलाधिपति डॉ. मनी जैकब लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को डोक्टरेट की उपाधि से सम्मानित करते हुए

शताब्दी समारोह के अन्तर्गत सैम हिग्गिनबॉटम इन्स्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर, टेक्नोलॉजी एण्ड साइंसेस (पूर्व नामः एलाहाबाद एग्रीकल्चर डीम्ड यूनिवर्सिटी) का छठा दीक्षान्त समारोह दिनांक ३ नवंबर, २०१० को सम्पन्न हुआ। समारोह की मुख्य अतिथि श्रीमती मीरा कुमार जी, माननीया अध्यक्षा, लोक सभा, भारत सरकार थीं। समारोह में विशिष्ट अतिथि के तौर पर वुँवर रेवती रमण सिंह, सांसद, इलाहाबाद, डा. सैयद इरॉडॉस्ट, अध्यक्ष एशियान इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बैंकाक, डा. अरविन्द कुमार, उपमहानिदेशक, आईसीएआर, डा. जनक पाण्डेय, कुलपति, बिहार सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी, डा. पी.वी.जगमोहन, मण्डलायुक्त इलाहाबाद, प्रो. विलास एम. सलोखे, कुलपति काजीरंगा कृषि विश्वविद्यालय, जोरहट आसाम तथा अशोक वाजपेयी थे।

कार्यक्रम की शुरुआत बिशप इसीडोर फर्नानडीज ने प्रार्थना से की जिसके बाद कुलाधिपति डा. मनी जैकब ने विश्वविद्यालय के छठे दीक्षान्त समारोह की घोषणा की। कुलसचिव प्रो.(डा.) ए.के.ए. लॉरेन्स ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया तथा विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को बताया। कुलपति प्रो.(डा.) राजेन्द्र बी. लाल ने विश्वविद्यालय के सौ वर्षों की सफलतम यात्रा का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि कृषकों की उन्नति हेतु प्रसार निदेशालय के अनतर्गत एक कृषि विज्ञान केन्द्र तथा कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से तकनीकी प्रशिक्षण तथा निदेशालय बीज एवं प्रक्षेत्र द्वारा उत्तम किस्म के बीज, किसानों को मुहैया कराये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने ५३.६ एकड़ भूमि इलाहाबाद जनपद में जमीन क्रय कर ली है जिस पर नया कृषि विज्ञान केन्द्र शीघ्र ही खोलने की योजना है ताकि इलाहाबाद के अधिक से अधिक किसानों मदद मिल सके। इलाहाबाद के मण्डलायुक्त डा. पी.वी. जगनमोहन ने समारोह में ग्रीन स्कूल मिशन नामक योजना का आवरण मुख्य अतिथि श्रीमती मीरा कुमार जी से कराया तथा कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्लोबल वार्मिंग से निपटना है। इसके अन्तर्गत समस्त स्कूलों में, प्राइमरी, जूनियर आदि के क्लास २ से ५, तथा क्लास ६ से८ के बच्चों को विद्यालय प्रांगण में एक पेड़ लगाकर उसकी देख-रेख करें ताकि बच्चों के रोने-धोने की आवाज के अलावा कोयल के गाने की आवाज भी सुनायी पड़े तथा सम्पूर्ण वातावरण हरा-भरा रह सके।

आईसीएआर के उपमहानिदेशक डा. अरविन्द कुमार ने कहा कि देश की अधिकतर आबादी ग्रामीण है जोकि आज भी पिछड़ी है। उनके विकास के लिए वैज्ञानिकों से आवाहन है कि राष्ट्रीय कृषि शिक्षा योजना द्वारा उनके विकास के लिए कार्य करें तथा मौसम परिवर्तन के खेती पर पड़ने वाले असर को नियंत्रित करने के लिए नई तकनीक विकसित करें ताकि गरीबों को भर-पेट भोजन मिल सके। उन्होंने कहा कि शियाट्स सदैव आईसीएआर के मानक पर खरा उतरा है और मेरी अपील है कि संस्थान को और अधिक वित्तीय सरकारी सहायता प्रदान की जाये ताकि कृषि विकास उच्च गति हो सके।


मुख्य अतिथि मीरा कुमार एक विद्यार्थी को स्वर्ण पदक देती हुईं

मुख्य अतिथि मीरा कुमार जी ने अपने दीक्षान्त भाषण में कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और इलाहाबाद का जीविकोपार्जन भी मुख्यत: कृषि और उससे जुड़े क्रियाकलापों पर निर्भर है। कृषि क्षेत्र के विकास में सैम हिग्गिनबॉटम इन्स्टीट्यूट ने पिछले १०० वर्षों से महत्वपूर्ण योगदान दिया है। संस्थान ने वैज्ञानिकों, प्रसार अधिकारियों, गांव-साथी योजना से कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय नवीनताएं लाकर, गरीबों और वंचितों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान की दिशा में अमूल्य योगदान किया है, जिसकी मैं सराहना करती हूँ। उन्होंने नेहरू जी के शब्दों को बताते हुए कहा कि ‘‘कार्य में देर की जा सकती है किन्तु कृषि में नहीं।’’ उन्होंने चिन्ता जताई कि कृषि योग्य भूमि, सिंचित भूमि और कृषि विषयक ज्ञान के रहते भी ६० प्रतिशत जनसंख्या का विकास-प्रक्रिया में मात्र १९ प्रतिशत का ही योगदान है, फलत: सकल घरेलू उत्पाद में उसका जितना अंशदान होना चाहिए था, उतना सम्भव नहीं हुआ। उन्होंने कम वर्षा, बाढ़, ग्लोबल वार्मिंग, अकाल, उच्च तापमान आदि के द्वारा फसल के नष्ट होने एवं किसानों के बढ़ते ऋण पर चिन्ता जताई। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने पिता स्व. बाबू जगजीवन राम से प्रेरणा मिलती है जिन्होंने कृषि को गम्भीरता से लेते हुए अनाज का उत्पादन बढ़ाने, नई टेक्नोलॉजी तैयार करने एवं किसानों तक पहुंचाने, देश के हर जिले में कृषि विज्ञान केन्द्र की स्थापना का कार्य किया जिससे देश में हरित क्रान्ति का अभ्युदय हुआ। उन्होंने नीति-निर्माताओं, वैज्ञानिकों और किसानों से आग्रह किया कि वे पूरी शक्ति से इस लक्ष्य को पूरा करने में जुट जाएं। अन्त में उन्होंने दूसरी हरित क्रान्ति का आवाहन करते हुए अपने दीक्षान्त सम्बोधन को विराम दिया।
श्रीमती मीरा कुमार ने छोटे और सीमान्त तथा भूमिहीन किसानों, खेतिहर मजदूरों के लिए रोजगार के अतिरिक्त अवसर मुहैया कराने पर जोर दिया ताकि उनकी क्रय-शक्ति बढ़े और भोजन के लाले न पड़ें। उन्होंने तेजी से बढ़ती आबादी के लिए अनाजों की उपज द्विगुणित करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने बताया कि भारत सरकार का सपना है कि कृषि उपज को दुगुना किया जाये जिसके लिए किसानों एवं खेतिहर मजदूरों की बेहतरी पर ध्यान देना होगा ‘‘जो खेत को जोते बोए वो खेत का मालिक होए’’ नारा देते हुए उन्होंने कहा कि इसे क्रान्ति की तरह लागू करना होगा।


इलाहाबाद के कमिश्नर मीरा कुमार को एक नया प्रोजेक्ट सौंपते हुए

मुख्य अतिथि ने कुलपति प्रो.(डा.) राजेन्द्र बी. लाल के कृषि क्षेत्र में किये गये अति विशिष्ट कार्यों को देखते हुए उपहार देकर सम्मानित किया। मुख्य अतिथि ने समारोह में प्रति कुलपति प्रो.(डा.) एस.बी. लाल द्वारा तैयार किये गये विश्वविद्यालय की शोध स्मारिका का अनावरण किया एवं उनका उत्साहवर्धन किया। कुलपति ने भी श्रीमती मीरा कुमार, डा. पी.वी. जगनमोहन, मण्डलायुक्त इलाहाबाद तथा पी.जे. सुधाकर, महानिदेशक, दूरदर्शन को मानद उपाधि देकर सम्मानित किया।

समारोह के दौरान सर्वश्रेष्ठ ६० छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक तथा २० को रजत पदक द्वारा सम्मानित किया गया। बेस्ट टीचर अवार्ड डा. जगदीश प्रसाद, डीन, एनीमल अस्बेन्डरी एण्ड वेटनरी साइंस को दिया गया। साथ ही २८ छात्र-छात्राओं को मानद उपाधि, ५४३ को परास्नातक तथा १३९१ को स्नातक की डिग्री प्रदान की गयी।