इस किताब के एक हिस्से 'चिट्ठियों की अनूठी दुनिया' को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने आठवीं क्लास की हिंदी की किताब में शामिल किया है। अरविंद ने किताब लिखने के लिए भारतीय डाक पर लंबे शोध और अध्ययन के बाद इसे किताब का शक्ल लिखी है। 7 अप्रैल 1965 को यूपी के बस्ती जिले में जन्मे अरविंद कुमार सिंह इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कला स्नातक हैं।
43 वर्षीय अरविंद दो दशक से हिंदी पत्रकारिता में सक्रिय हैं। जनसत्ता, चौथी दुनिया, अमर उजाला और हरिभूमि के साथ लंबी पारी खेलने वाले अरविंद कई पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजे जा चुके हैं। भारत सरकार की तीन महत्वपूर्ण पत्रिकाओं योजना, कुरुक्षेत्र और भारतीय रेल के विशेषज्ञ लेखकों के पैनल में वे शामिल हैं। अरविंद कुमार सिंह बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। पत्रकारिता के साथ साहित्य में भी उनकी गहरी रुचि है। उनकी लिखी सैकड़ों काव्य रचनाएं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी है।
अरविंद चुपचाप काम करने में यकीन रखते हैं, तभी तो वो विभिन्न विषयों पर आधा दर्जन से ज्यादा ब्लाग चला रहे हैं पर इसकी खबर हिंदी वालों को न के बराबर है। अरविंद के काम की एक झलक उनके ब्लागों के जरिए भी मिल सकती है। अरविंद के ब्लागों का विवरण इस प्रकार है- आमने-सामने (amne-samne), भारतीय रेल (Indian Railways), भारतीय डाक (INDIA POST), मेरा संकल्प (कविता संकलन), खेत-खलिहान, ARVIND KUMAR SINGH, 1857 की जनक्रांति, चौथी दुनिया। अरविंद की प्रोफाइल व उनके ब्लागों के बारे में जानने के लिए यहां भी क्लिक कर सकते हैं।
अरविंद कुमार सिंह से संपर्क 09810082873 पर फोन करके या फिर arvindksinghald@gmail.com पर मेल भेजकर किया जा सकता है।
साभार- बी४एम रीपोर्टर
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3 पाठकों का कहना है :
भाई, साभार बी4एम रिपोर्टर लिखने की जगह भड़ास4मीडिया लिखते और इसमें यूआरएल का लिंक दे देते तो ज्यादा अच्छा लगता। हम एक दूसरे के यहां से खबरें उठाएं, कोई दिक्कत नहीं लेकिन खुले दिल से दूसरे को क्रेडिट देना भी सीखना चाहिए। हो सके तो दुरुस्त कर लीजिएगा।
आभार के साथ
यशवंत सिंह
भड़ास4मीडिया
😔😔
I got no answer
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