Tuesday, December 2, 2008

ताज होटेल में हिन्दी सेवी राजीव सारस्वत की मौत

राजीव से ही ईमेल द्वारा प्राप्त उन्हीं का चित्र
आज डॉ॰ कृष्ण कुमार (लंदन में एक हिन्दी-संस्था के प्रमुख जो पिछले हफ्ते भारत में थे) का आगामी कार्यक्रम जानने के लिए जब मैंने कवि देवमणि पाण्डेय को फोन किया तो ज्ञात हुआ कि ताज होटेल में हुई आतंकी घटनाओं ने एक हिन्दी कवि राजीव सारस्वत को भी लील लिया है। मुझे ऐसा लगा कि शायद राजीव सारस्वत नाम का कोई व्यक्ति हिन्द-युग्म को ईमेल करता रहा है। देवमणि जी से चर्चा के दौरान ही मैंने हिन्द-युग्म की ईमेल खाते में 'राजीव सारस्वत' खोजा तो पाया कि दिवंगत राजीव सारस्वत जनवरी २००८ से अक्टूबर २००८ तक लगातार हिन्द-युग्म को ईमेल करते रहे थे। हिन्द-युग्म द्वारा १२ जनवरी २००८ को अणुशक्तिनगर, मुम्बई में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में भी राजीव सारस्वत ने काव्य-पाठ किया था। जनवरी से लेकर अक्टूबर माह की यूनिकवि प्रतियोगिता में कई बार राजीव सारस्वत ने हिस्सा लिया। ईद-विशेषांक पर हिन्द-युग्म ने इनकी एक कविता भी प्रकाशित की थी। राजीव सारस्वत कम्प्यूटर से भी खूब जुड़े रहे। ऑरकुट पर इन्होंने 'राजभाषा-सेवी' नाम की एक कम्यूनिटी भी बनाई थी, जिस पर ये अधिक सक्रिय नहीं रह सके। कल मुम्बई में राजीव सारस्वत का अंतिम संस्कार हुआ। दिवंगत आत्मा के बारे में और मुम्बई की घटनाक्रम के बारे में और अधिक लिख भेजा है कवि देवमणि पाण्डेय ने। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दे।

--शैलेश भारतवासी
नियंत्रक, प्रधान संपादक, हिन्द-युग्म


सोमवार 1 दिसम्बर को अपने परिजनों को रोता बिलखता छोड़कर कवि एवं हिन्दीसेवी राजीव सारस्वत पंचतत्व में विलीन हो गए। मुम्बई में पांचसितारा होटल ताज पर हुए आतंकी हमले ने इस मुस्कराती ज़िन्दगी को मौत में तबदील कर दिया। वे इस होटल में अपने अधिकारियों के साथ राजभाषा कार्यान्वयन से जुड़ी संसदीय समिति की बैठक में भाग लेने के लिए आए हुए थे। मुरादाबाद (उ.प्र.) के मूल निवासी 50 वर्षीय राजीव सारस्वत हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरशन लि. (HPCL) में प्रबंधक (राजभाषा) के पद पर कार्यरत थे। हँसमुख और मिलनसार स्वभाव वाले राजीव सारस्वत का व्यक्तित्व अभिनेताओं जैसा था। कवि और लेखक होने के साथ ही प्रश्नमंच और क्विज जैसे कार्यक्रमों के संचालन में उन्हें महारत हासिल थी।

पहली दिसम्बर की शाम को 'राजीव सारस्वत अमर रहे' नारे के साथ जब उनके आवास मिलेनियम टावर, सानपाड़ा, नई मुम्बई से उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई, तो मित्रों, परिचितों, पड़ोसियों, सहकर्मियों, और सहित्यकारों को मिलाकर हज़ार से भी अधिक लोगों ने उन्हें अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी। रचनाकार जगत से जो लोग वहां मुझे नज़र आए उनमें उनमें शामिल थे- डॉ.विजय कुमार, डॉ.सरोजिनी जैन, विभा रानी, अक्षय जैन, पूर्ण मनराल, बसंत आर्य, अरविंद राही, अनंत श्रीमाली, राजेश्वर उनियाल, वागीश सारस्वत, अशोक तिवारी, सतीश शुक्ला, जाफ़र रज़ा, लोचन सक्सेना, राजेन्द्र गुप्ता, एम.एल.गुप्ता, रविदत्त गौड़, उमाकांत वाजपेयी, सुरेश जैन, अशोक बाफना, गुजराती कवि चेतन फ्रेमवाला और अभिनेता-कवि विष्णु शर्मा। कॉलेज जाने वाली दो बेटियों के पिता राजीव सारस्वत का अंतिम संस्कार यू.के. से आए उनके बड़े भाई नरेश सारस्वत ने किया।

मुस्कराती ज़िन्दगी की दर्दनाक मौत


यह मुस्कराती ज़िन्दगी जिस तरह मौत में तबदील हुई उसे देखकर ये लाइनें बार-बार याद आतीं हैं-

हमेशा के लिए दुनिया में कोई भी नहीं आता
पर जैसे तुम गए हो इस तरह कोई नहीं जाता


मित्रों और सहकर्मियों से टुकड़े-टुकडे में जो जानकारी हासिल हुई उसे सुनकर दिल दहल जाता है। अभी तक फ़िज़ाओं में कुछ ऐसे सवाल तैर रहे हैं जिनके जवाब नहीं मिल पाए हैं। अभी तक इस सचाई का पता नहीं चल सका है कि राजीव सारस्वत आतंकवादियों का शिकार हुए या एनएसजी कमांडों की गलतफ़हमी के कारण मारे गए। कुछ सिरे जोड़कर यह दर्दनाक कहानी इस तरह बनती है। बुधवार 26 दिसम्बर को वे होटल ताज में संसदीय समिति के दौरे के कारण रूम नं.471 में कार्यालयीन ड्यूटी पर तैनात थे। इस कमरे को कंट्रोल रूम (सूचना केन्द्र) का रूप दिया गया गया था। यानी बैठक से संबंधित सभी फाइलों और काग़ज़ात को यहां रखा गया था। राजीव सारस्वत के साथ उनके तीन और सहकर्मी भी यहां मौजूद थे। रात में दो सहकर्मी सांसदों के साथ रात्रिभोज के लिए तल मंज़िल पर डाइनिंग हाल में गए। आधे घंटे बाद तीसरे सहकर्मी ने कहा कि मैं नीचे देखकर आता हूं कि इन लोगों के लौटने में देर क्यों हो रही है। अब राजीव सारस्वत कमरे में अकेले थे। ठीक इसी समय आतंकवादियों ने धावा बोल दिया सहकर्मियों ने तत्काल फोन करके उन्हें हमले की जानकारी दी और सावधानी बरतने की सलाह दी। आतंकवादी गोलीबारी करते हुए सीधे ऊपर चढ़ गए। इसका फ़ायदा उठाकर ताज के स्टाफ ने डाइनिंग हाल के लोगों को पिछले दरवाज़े से सुरक्षित बाहर निकाल दिया। पहले सेना ने और कुछ घंटे बाद एनएसजी ने ताज को पूरी तरह अपनी गिरफ़्त में ले लिया। राजीव सारस्वत अपने मोबाइल के ज़रिए लगातार अपने परिवार और मित्रों के सम्पर्क में थे। लग रहा था कि थोड़ी देर में यह खेल समाप्त हो जाएगा मगर ऐसा नहीं हुआ और रात गुज़र गई।

राजीव सारस्वत के सहकर्मियों ने पुलिस से अनुरोध किया कि कमरा नं.471 में एचपीसीएल का कंट्रोल रूम है। उसमें राजीव सारस्वत फंसे हुए हैं। कृपया यह जानकारी एनएसजी तक पहुंचाएं। पुलिस ने बताया कि ताज पर अब सारा नियंत्रण एनएसजी का है, और उनसे सम्पर्क करने के लिए हमारे पास कोई साधन नहीं है। एक मित्र ने बताया कि एचपीसीएल के अधिकारियों ने दिल्ली तक फोन किया। मगर राजीव सारस्वत की मदत में कामयाब नहीं हो पाए। गुरुवार 27 नवम्बर को अपराह्न 3.45 बजे राजीव सारस्वत के कमरा नं. 471 पर दस्तक हुई। राजीव ने समझा कि बचाव दल आ गया है। फिर भी उन्होंने अंदर की जंज़ीर लगाकर बाहर झांकने की कोशिश की, बाहर खड़े आतंकवादी ने गोली चला दी जो उनके हाथ में लगी। उन्होंने फौरन दरवाज़ा बंद करके अपने एक सहकर्मी को फोन किया। सहकर्मी ने उन्हें सलाह दी कि आगे कोई कितना भी खटखटाए मगर दरवाज़ा नहीं खोलना। राजीव ने तत्काल पत्नी को फोन किया कि हाथ में गोली लग गई है दर्द बहुत है मगर किसी तरह बरदाश्त कर लेंगे।

शाम 5.30 बजे मित्र अरविंद राही ने फोन पर मुझे बताया कि राजीव से सम्पर्क टूट गया है और घर वाले बहुत परेशान हैं। हमने अस्पताल से लेकर अख़बारों तक में फोन किया मगर कोई सुराग नहीं मिला। ऐसी चर्चा है कि पहले मास्टर की से कमरा नं. 471 को खोलने की कोशिश की गई मगर नहीं खुला क्योंकि यह भीतर से बंद था। आशंका यह जताई जा रही कि जब एनएसजी के कई बार खटखटाने के बावजूद राजीव सारस्वत ने दरवाज़ा नहीं खोला तो उन्हें लगा कि इसमें ज़रूर कोई आतंकवादी छुपा हुआ है हो सकता है कि हाथ से रक्तस्राव और दर्द के कारण राजीव सारस्वत बेहोशी की हालत में पहुंच गए हों या डर के कारण उन्होंने दरवाज़ा न खोला हो बहरहाल बताया जा रहा है कि एनएसजी ने विस्फोटक से दरवाज़े को उड़ा दिया और पल भर में सब कुछ जलकर राख हो गया। राजीव सारस्वत का भरा पूरा 100 किग्रा का शरीर सिमटकर 25 किग्रा का हो गया। पहले तो परिवारवालों ने इस शरीर को पहचानने से इंकार कर दिया क्योंकि पहचान का कोई चिन्ह ही नहीं बचा था मगर बाद में स्वीकार किया क्योंकि उस कमरे में राजीव सारस्वत के अलावा कोई दूसरा था भी नहीं।

मुम्बई में घटी इस त्रासदी को कवर करने वाले हिन्दी समाचार चैनलों ने हमेशा की तरह ग़ैरजिम्मेदारी
का परिचय दिया। उनके संवाददाता ऐसे चीख़-चीख़ कर बोल रहे थे जैसे ज़ुर्म या अपराध की रिपोर्टिंग करते हैं। एक चैनल ने जोश की सीमाएं लांघकर बताना शुरू कर दिया कि रूम नं. 471 को आतंकवादियों ने अपना कंट्रोलरूम बना लिया है। जब उन्हें फोन करके अधिकारियों ने सूचित किया कि यह तो एचपीसीएल का कंट्रोलरूम है और उसमें राजीव सारस्वत हैं तो उन्होंने अपना यह समाचार तो हटा लिया मगर दर्शकों को सच नहीं बताया।

फिलहाल राजीव सारस्वत के आकस्मिक निधन से बहुत लोंगों ने बहुत कुछ खोया है जिसकी क्षतिपूर्ति सम्भव नहीं है। ईश्वर उनके परिवार को शक्ति दे कि वे इस गहरे दुःख को सहन कर सकें एक जागरूक कवि होने के नाते राजीव प्राय: सामयिक विषयों पर लिखते रहते थे 10 अक्तूबर को श्रुतिसंवाद कला अकादमी के कवि सम्मेलन में उन्होंने एक कविता सुनाई थी, उसकी अनुगूंज अभी भी मुझे सुनाई पड़ रही है-

नए दौर को अब नया व्याकरण दें
विच्छेद को संधि का आचरण दें


देवमणि पाण्डेय, मुम्बई

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39 पाठकों का कहना है :

दिनेशराय द्विवेदी का कहना है कि -

हिन्दी सेवी राजीव सारस्वत को मेरी ओर से विनम्र श्रद्धांजलि!

सागर नाहर का कहना है कि -

पूरी जानकारी पढ़ कर बहुत दु:ख हुआ। बहुत ही करुणाजनक तरीके से उनका निधन हुआ। कल्पना करने मात्र से घबराहट होने लगती है।
भगवान राजीवजी की आत्मा को शान्ति प्रदान करें।

sarita argarey का कहना है कि -

पूरा घटनाक्रम पढने के बाद मन भारी हो गया है । एक संभावनापूर्ण व्यक्तित्व का विचलित कर देने वाले परिस्थितियों में असमय अवसान अफ़सोस जनक है ।

राजीव जैन का कहना है कि -

जानकारी पाकर बहुत दु:ख हुआ
मेरी और से उनको विनम्र श्रद्धांजलि
भगवान उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे

"अर्श" का कहना है कि -

राजीव जी के बारे में पुरी ख़बर पढ़के स्तब्ध हूँ और पुरे मनोभाव से दुखी और शोकाकुल हूँ... ये अपुरानिया छति है ...

Nikhil का कहना है कि -

मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि....राजीव जी हमसे जुड़े थे और अब और भी दिल में उतर गये....
उनकी शहादत को नमन....

निखिल आनंद गिरि

manu का कहना है कि -

सारी ख़बर पढने के बाद उनकी कविता पढने का मन हुआ ......
पढ़ी तो स्तब्ध रह गया...!!!
जिस ने युद्ध और आतंक का दर्द ऐसे लफ्जों में उतारा हो वो ख़ुद ही उसकी भेंट चढ़ गया ..............बेहद दर्दनाक घटना .....बहुत भीतर तक हिलाने वाली मौत मरे हैं सारस्वत जी ...काश उस हैवान को मालूम होता के जिस को गोली से भून रहा है वो कुछ दिन पहले अमन के कितने सुनहरे खाब लिख गया है..........................
मैंने सुबह इसी लिए कहा था................
""सहज हम लिखते हैं जिन के वास्ते,
हैं कहाँ पढने की उनको फुरसतें.""
मुझे एसी ख़बर का कहाँ गुमान था
अन्तिम श्रद्धांजलि ....

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } का कहना है कि -

भगवान उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे

Rama का कहना है कि -

डा. रमा द्विवेदी said..

बहुत ही दुखद...आंखे छलक पड़ी...ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति दे और उनके परिवार वालों को इस मर्मान्तक पीड़ा को सहन करने की शक्ति प्रदान करे। राजीव जी अपनी रचनाओं से हमेशा हम सब के दिलों में जीवित रहेंगे। शत-शत नमन।

देवेन्द्र पाण्डेय का कहना है कि -

खबर पढ़कर दुःख हुआ।
अपने परिवार का एक सदस्य इतनी खामोशी से उठकर चला गया----------
बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे-----
और कविमित्रों की कलम को वह धार दे कि उनकी शहादत व्यर्थ न हो।
--देवेन्द्र पाण्डेय।

तपन शर्मा Tapan Sharma का कहना है कि -

नम आँखों से विनम्र श्रद्धांजलि...

"Nira" का कहना है कि -

यकीन नही हो रहा जिनको हम पढ़ते इतने दायर से अचानक यूँ वो हमारे बीच से चले जयांगे
बहुत दुख हुआ यह पढ़कर भगवाँ उनकी आत्मा को शांति दे
आयार उनके घरवालों को यह दुख सहने की हिमात दें.
नीरा

Pramendra Pratap Singh का कहना है कि -

राजीव जी के बारे में पढ़कर बहुत दुख हुआ, उभरते हिन्‍दी सेवी की असमयिक मौत से हिन्‍दी जगत को अपार छति हुई है। भगवान उनकी आत्‍मा को श‍ान्ति प्रदान करें।

आलोक का कहना है कि -

अफ़सोस।

Yunus Khan का कहना है कि -

राजीव जी को मैं निजी रूप से जानता था । उनसे मुलाकातें और बातें होती रहती थीं । ये मेरे लिए एक बहुत बड़ा झटका है । यकीन ही नहीं होता कि इतना जिंदादिल और यारबाश आदमी चला गया ।
मैं बहुत डिस्‍टर्ब हूं ।

Anonymous का कहना है कि -

मेरी ओर से विनम्र श्रद्धांजलि!

Ashi का कहना है कि -

भगवान राजीव जी की आत्मा को शांति और उनके परिवार को इस दुःख से उबरने की शक्ति दे...

विश्व दीपक का कहना है कि -

बेहद अफसोसजनक और दु:खद समाचार है।
मीडिया की गैरजिम्मेदाराना हरकत और पुलिस की लापरवाही ( यह कह देना कि NSG से संपर्क नहीं हो सकता) दोनों पर रोष आता है और आक्रोश भी।

ईश्वर राजीव जी की आत्मा को शांति दे।

देवमणि पांडेय Devmani Pandey का कहना है कि -

आप सबके विचार पढ़कर मन को एक शक्ति मिलती है कि राजीव सारस्वत एक बहुत बड़े परिवार के सदस्य थे| विदेशों से भी कई मेल प्राप्त हुए हैं|आप सबकी विनम्र श्रद्धांजलि हमारे लिए बहुत बड़ा सम्बल है|

देवमणि पाण्डेय, मुम्बई

Riya Sharma का कहना है कि -

बहुत दुख हुआ राजीव सारस्वत जी के बारे मैं जानकर.
हिन्दयुग्म परिवार की इस क्षति के लिए खेद रहेगा.
हमारी ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि
भगवान् उनकी आत्मा को शान्ति दे

सेहर

अवनीश एस तिवारी का कहना है कि -

राजीवजी से मुम्बई में हुए कार्यक्रम में मै मिला था |

सुनकर दुःख हुया | इस्वर उनकी आत्मा को शान्ति दें |

-- अवनीश तिवारी

makrand का कहना है कि -

मेरी ओर से विनम्र श्रद्धांजलि!
makrand

Shambhu Choudhary का कहना है कि -

हमारी ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि, भगवान उनकी आत्मा को शान्ति दे

सीमा सचदेव का कहना है कि -

raajeev ji ko shardhaanjali

Unknown का कहना है कि -

व्यथित हृदय से श्रद्धांजलि…

विष्णु बैरागी का कहना है कि -

अत्‍यधिक पीडादायक सूचना है । ईश्‍वर को भी अच्‍छे लोगों की जरूरत होती है ।
राजीवजी को नमन । ईश्‍वर उनकी आत्‍मा को शान्ति प्रदान करे ।
राजीवजी के परिजनों के लिए यह सचमुच में वज्राघात है । ईश्‍वर उन्‍हें साहस दे

Uday Prakash का कहना है कि -

यह स्तब्ध करने वाली बहुत ही दुखद खबर है। इससे बड़ी विडंबना क्या हो सकती है कि इतना समय और संपर्क रहने के बावज़ूद हम एक निर्दोष प्रतिभाशाली व्यक्ति को नहीं बचा सके। जिस कवि ने हिंदी युग्म में ईद मिलन पर गहरे धर्मनिर्पेक्ष भाईचारे और मानवीय संवेदना की कविता लिखी हो, बर्बरता के हाथों हुई उसकी हत्या हमें भीतर तक हिला देती है।
ईश्वर राजीव सारस्वत की आत्मा को शांति और उनके परिवार को यह असह्य दुख सहने की शक्ति दे!
उदय प्रकाश

bijnior district का कहना है कि -

दुखद समाचार ,विनम्र श्रद्धांजलि।

रचना गौड़ ’भारती’ का कहना है कि -

जानकारी पाकर बहुत दु:ख हुआ
मेरी और से उनको विनम्र श्रद्धांजलि
भगवान उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे

प्रवीण त्रिवेदी का कहना है कि -

हिन्दी सेवी राजीव सारस्वत को मेरी ओर से विनम्र श्रद्धांजलि!

प्राइमरी का मास्टर

SURINDER RATTI का कहना है कि -

राजीव जी के बारे में सुन कर बहुत दुःख हुआ इश्वर से प्रार्थना करता हूँ उनकी आत्मा को शान्ति दे

Unknown का कहना है कि -

मेरी ओर से राजीव जी को श्रद्धांजलि भगवान उनकी आत्मा को शांति दें

Guftugu का कहना है कि -

Rajeevji ko shrdhanjali.Bhagwan unake parijano ko sahas de.
Smita mishra

Divya Narmada का कहना है कि -

अमर हुए राजीवजी,
मुंबई में स्व. राजीव जी की शहादत के समाचार ने झकझोर कर रख दिया. दूरदर्शनी पत्रकारिता के गैर जिम्मेदार रवैये की जितनी भर्त्सना की जाए कम है. हर खबर में सनसनी की तलाश ने उन्हें अमानवीय बना दिया है. एक हिन्दी कवि की त्रासद स्थितियों में मृत्यु की खबर उन पत्रकारों के लिए कोई अहमियत नहीं रखती. लानत है उन पर. हिंद युग्म इस प्रवृत्ति की सख्त निंदा कर अपने पाठकों से प्रतिक्रिया एकत्र कर समाचार चैनलों को भेजे. इस संदर्भ में एक संगोष्ठी भी हो ताकि सरकार, पत्रकारों और समाज को सच से अवगत कराया जा सके.
स्व. राजीव जी के स्वजनों-परिजनों को मेरी शोक संवेदनाएं. ईश्वर राजीव जी की दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करें.

अमर हुए राजीव जी, मरा मीडिया आज.
सच को बतलाया नहीं, आयी नहीं क्यों लाज?
हिन्दी के कवि की नहीं आँक सके औकात.
बिके हुओं ने दिखा दी आख़िर अपनी जात.
सारस्वत की कद्र जब कर पायेगा देश
लोकतंत्र होगा सफल खामी मिटें अशेष.
संजीवसलिल.ब्लागस्पाट.कॉम / सलिल.संजीव@जीमेल.com

परमजीत सिहँ बाली का कहना है कि -

हिन्दी सेवी राजीव सारस्वत को मेरी ओर से विनम्र श्रद्धांजलि!

Rajeev Nandan Dwivedi kahdoji का कहना है कि -

नए दौर को अब नया व्याकरण दें
विच्छेद को संधि का आचरण दें

Rajeev Nandan Dwivedi kahdoji का कहना है कि -

ये वर्ड वेरिफिकेशन (Word Verification) बीच में दीवार बन जाता है.
आप यदि इसे कृपा करके हटा दें, तो हमारे लिए आपकी तारीफ़ करना आसान हो जायेगा.
इसके लिए आप अपने ब्लॉग के डैशबोर्ड (dashboard) में जाएँ, फ़िर settings, फ़िर comments, फ़िर { Show word verification for comments? } नीचे से तीसरा प्रश्न है ,
उसमें 'yes' पर tick है, उसे आप 'no' कर दें और नीचे का लाल बटन 'save settings' क्लिक कर दें. बस काम हो गया.
यदि फ़िर भी कोई समस्या हो तो यह लेख देखें -


वर्ड वेरिफिकेशन क्या है और कैसे हटायें ?

Anonymous का कहना है कि -

राजीव जी के आकस्मिक निधन से मैं बहुत आहत हूँ !हिंद युग्म ने अपने परिवार का एक कर्मठ सदस्य खो दिया ,मैं उनको श्रधांजलि देना चाहती हूँ !हिंद युग्म में उनकी कमी हमेशा महसूस होगी !इस दुःख की घडी में हम सब उनके परिवार के साथ हैं !

Anonymous का कहना है कि -

bahut badi kshati......
ALOK SINGH "SAHIL"

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