सुमीता केशवा, नंदकिशोर नौटियाल और आलोक भट्टाचार्यमुंबई: सुमीता पी.केशवा के प्रथम उपन्यास ‘एक पहल ऐसी भी‘ का लोकार्पण समारोह पिछले दिनों 17 फरवरी 2009 को श्री राजस्थानी सेवा संघ प्रांगण जेबी नगर, अंधेरी ( पूर्व) में सुप्रसिद्व लेखिका डॉ. सूर्यबाला के हाथों संपन्न हुआ। संघ संचालित श्री जगदीश प्रसाद टीबड़ेवाला विश्वविधालय और साहित्यिक संस्था
हेमंत फांउडेशन के संयुक्त तत्वाधान में हुए इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष नंदकिशोर नौटियाल ने की, जबकि संचालन प्रसिद्ध कवि-पत्राकार ‘मुंबई न्यूज चैनल‘ के संपादक आलोक भट्टाचार्य ने किया। प्रस्तावना हेमन्त फाउंडेशन की प्रबंध न्यासी प्रख्यात लेखिका संतोष श्रीवास्तव ने रखी। कार्यक्रम में डॉ. राजम नटराजम पिल्लै संपादक-कुतुबनुमा), डॉ. करुणाशंकर उपाध्याय ( रीडर-हिन्दी विभाग,मुंबई विश्वविधालय), अजय भट्टाचार्य ( प्रभारी संपादक-‘दैनिक नवभारत), डॉ.राम बारोट( पूर्व उप महापौर), श्री राजस्थानी सेवा संघ के अध्यक्ष प्रसिद्ध शिक्षाविद विनोद टिबड़ेवाला और बगड़का कनिष्ठ महाविधालय की प्राचार्या श्रीमती वनश्री वालेचा उपस्थित थे। अतिथियों का स्वागत श्रीमती वनश्री वालेचा ने किया, जबकि कार्यक्रम के अन्त में आभार ज्ञापन के अंतर्गत विनोद टिबड़ेवाला ने उपन्यास‘एक पहल ऐसी भी‘ के बहाने मौजूदा साहित्य लेखन पर अत्यंत ही मार्मिक वक्तव्य रखा।
लोकार्पण करते हुए कथाकार सूर्यबाला ने इस बात पर जोर दिया कि हाशिये पर पहुचा दी गयी स्त्री को न सिर्फ समाज के केन्द्र में लाना होगा बल्कि साहित्य में भी उसे केन्द्रीय भूमिका में रखना होगा। प्रमुख वक्ता के तौर पर
डॉ.राजम नटराजम पिल्लै ने कहा कि प्रस्तुत उपन्यास में जहां नारी के कठिन जीवन-संघर्ष को सौतेली बेटी, विधवा पत्नी और कन्या की मां जैसी विभिन्न नारी भूमिकाओं के आईने में बहुत ही सार्थक तरीके से दिखाया गया है, वहीं इस बात का भी अफसोस है कि नारी को अपनी देह के बारे में समस्त फैसले करने की अधिकारिणी की जगह पर नहीं बिठाया गया। अपने अध्यक्षीय भाषण में पंडित नंदकिशोर नौटियाल ने लेखिका के उज्जवल साहित्यिक भविष्य की कामना की।
डॉ॰ सूर्यबाला और सुमीता केशवा कार्यक्रम की सफलता का प्रमाण यह था कि वरिष्ठ कथाकार मनहर चौहान और धीरेन्द्र आस्थाना, प्रसिद्ध हास्य कवि घनश्याम अग्रवाल, आकाशवाणी के प्रसिद्ध उदघोषक आनंद सिंह, कवियत्री देवी नागरानी, ‘अंतरंग संगिनी‘ की संपादक दिव्या जैन, प्रोफेसर रत्ना झा, आशीर्वाद संस्था के निदेशक उमाकांत बाजपेयी, ‘वैतरणा‘ की संचालक मंजुला जगतरामका, व्यंग्य कवि रमेश श्रीवास्तव, खन्ना मुजफ्फरपुरी, सहित अनेक साहित्यकार कवि, पत्रकार और संस्कृतिकर्मी उपस्थित थे। राजस्थानी सेवा संघ संचालित पत्राकारिता महाविधालय के निदेशक वरिष्ठ पत्राकार विनोद तिवारी की उपस्थिति उल्लेखनीय थी। कार्यक्रम की व्यवस्था में ओमप्रकाश सिंह और प्रवीण जोशी का विशेष सहयोग रहा।
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6 पाठकों का कहना है :
लेखिका जी को हमारी ओर से भी बधाई
खबर के लिये शुक्रिया
पहली ही बार में उपन्यास। मतलब लेखिका में बहुत प्रतिभा है।
प्रबुद्ध साहित्यकारों की उपस्थिति में 'एक पहल ऐ 'के लिए सुमीता जी को कोटि- कोटि बधाई .
साहित्य जगत में उंचाई मिले .
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ। जय श्री कृष्ण!!
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INDIAN DEITIES
Priya Disha, Shailesh, Manju va Vinayji,
Aap logo ka bohot bohot Dhanyavaad. Aap logo ke comments pad kar bohot khushi hui. Umeed hai ki aap meri yeh pahel zaroor padenge.
Dhanyavaad,
Sumita Keshwa
लेखिका जी को मेरी तरफ से भी मुबारकबाद.
खबर के लिये हिन्दयुग्म का शुक्रिया
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