अरुण अद्भुत को राजेश चेतन काव्य पुरस्कार, सम्मान पत्र प्रदान करते हुए वन पर्यटन मंत्री किरण चौधरी, साथ में हैं कवि राजेश चेतन एवं सांस्कृतिक मंच के महासचिव जगत नारायण भारद्वाज (सबसे दायें)भिवानी।हरियाणाशनिवार ८ अगस्त की शाम सांस्कृतिक मंच, भिवानी द्वारा
राज्य स्तरीय राजेश चेतन काव्य पुरस्कार समारोह एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। समारोह में वन पर्यटन मंत्री
किरण चौधरी मुख्य अतिथि थीं। कार्यक्रम में राजेश चेतन काव्य पुरस्कार चरखी दादरी के ओजस्वी युवा कवि
अरुण मितल 'अद्भुत' को प्रदान किया गया। अरुण अद्भुत को यह पुरस्कार उनकी साहित्यिक प्रतिभा तथा साहित्य के प्रति उनके अप्रतिम समर्पण के लिए दिया गया। ग़ौरतलब है हरियाणा राज्य के युवा कवियों को प्रोत्साहित करने हेतु इस पुरस्कार को दिये जाने की शुरूआत वर्ष 2006 में हुईं। अद्भुत से पहले,
डॉ रमाकांत शर्मा, गीतकार, भिवानी (2006),
विपिन सुनेजा 'शायक', गजलकार एवं गीतकार, रेवाडी (2007),
योगेन्द्र मौदगिल, हास्य व्यंग्य कवि एवं गजलकार, पानीपत (2008) यह पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। राजेश चेतन काव्य पुरस्कार हरियाणा राज्य के उस कवि को दिया जाता है जिसका काव्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान रहा हो। जो काव्य पाठ में समर्थ, समाज व राष्ट्र के लिए समर्पण भाव वाला हो। इस पुरस्कार में मंच की ओर से
5100 रु॰, शाल, प्रतीक चिन्ह व प्रशस्ति पत्र प्रदान किये जाते हैं। यह पुरस्कार प्रति वर्ष कवि राजेश 'चेतन' के जन्मदिवस पर 8 अगस्त को आयोजित कवि सम्मेलन में दिया जाता है। सम्मान समारोह के बाद कवि सम्मेलन में अलग-अलग अंदाज में कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की और वर्तमान व्यवस्था पर जमकर कटाक्ष किए। पुरस्कार समारोह के बाद एक भव्य कवि सम्मलेन का आयोजन किया गया, जिसमें देश के प्रख्यात कवियों ने काव्य पाठ किया। वैसे मंच पर युवा कवियों की प्रस्तुतियों को विशेष रूप से सराहा गया। कवि सम्मेलन की शुरूआत दिल्ली के कवि की
'जिगर माँ बड़ी आग है' कविता को श्रोताओं ने खूब पसंद किया-
आज आम आदमी की पेट की आग
इस तरह जल रही थी
की उसके सामने जिगर की आग बुझ गयी थी
आज इंसान जिगर की आग में नहीं
पेट की आग के लिए भाग रहा है
और अपने परिवार की पेट की आग मिटने के लिए
दिन का चैन खो रहा है और रातों में जाग रहा है अध्यक्षीय संबोधन प्रस्तुत करते हुए एवं गजलें पढ़ते हुए चंडीगढ़ साहित्य अकादमी के सचिव माधव कौशिकओजवान युवा हस्ताक्षर
कलाम भारती ने आतंकवाद, मजहब की लड़ाई पर करारा प्रहार किया उनकी कविता की पंक्तियां थीं-
मंदिरों में गूंजते है पुण्य स्वर आरती के,
मज्जिदों में होती है पवन अजान है।
शुभ हो जाता प्रभात गिरजा की घंटियों से
गुरूद्वारे देते गुरुओं का दिव्य मान है।
गीता, पुराण, बाइबल हो या गुरुग्रंथ
पाते सभी भारत में आदर सम्मान हैकाव्य पाठ करते हास्य कवि बागी चाचाकार्यक्रम में सम्मानित कवि
अरुण मित्तल अद्भुत ने अपनी कविता
'जो सींच गए खून से धरती' पढ़कर समस्त सभागार को राष्ट्रीयता के रंगों में डुबो दिया। उनकी इन पंक्तियों पर विशेष रूप से श्रोताओं का आर्शीवाद मिला
गांधी, सुभाष, नेहरु, पटेल, देखो छाई ये वीरानी
अशफाक भगत बिस्मिल तुमको, फिर याद करें हिन्दुस्तानी
है कहा वीर आजाद और वो खुदीराम सा बलिदानी
जब लाल बहादुर याद करूं, आँखों में भर आता पानीउनके इन शेरों को भी खूब दाद मिली :
जो उजालों में मिलेंगे शाम को
वो सुबह जैसा कहेंगे शाम को
इन चिरागों में किसी का है लहू
खुद ब खुद ये जल उठेंगे शाम को
न ही मंजिल रास्ता कोई नहीं
सच है फिर मेरा खुदा कोई नहीं
है बड़ा ये गावं भी वो गावं भी
तीन रंगों से बड़ा कोई नहींवरिष्ठ कवि
राजेश चेतन जैन ने अपनी कविता
"उसके बस की बात नही" माध्यम से अमेरिका, पाकिस्तान, चीन पर निशाने साधे। उन्होंने इस कविता में राजनेताओं के चरित्र को भी लपेटा और वर्तमान व्यवस्था को बदलने का परामर्श भी दिया। उनकी कविता की कुछ विशेष पंक्तियाँ थी:
बात बात में बात बनाना उनके बस की बात नही।
घर के लोगों को समझाना उनके बस की बात नही॥
जात पात का हाथी लेकर हाथ हिलाना आता है।
उस हाथी पर दिल्ली आना उनके बस की बात नही॥
मनमोहन जी हर चुनाव में पी॰ एम॰ तो बन सकते हैं।
लोक सभा का एम॰ पी॰ बनना उनके बस की बात नही॥मंच संचालन कर रहे कवि
चिराग जैन ने अपनी गजल कुछ इस अंदाज़ में पढ़ी:
जहां हमको जन्नत का मंजर मिला है
वहां तुमको बस पत्थर मिला है,
कोई तेरी रहमत को माने ने माने,
तेरा नाम सबकी ज़ुबाँ पर मिला है।कवि सम्मलेन का मंच सञ्चालन करते सशक्त युवा हस्ताक्षर चिराग जैनअनपढ़ माँ नाम की उनकी विशेष कविता ने श्रोताओं का माँ के प्रति नमन कराया। इस कविता अंतिम पंक्तियों ने सचमुच एक अनमोल सन्देश से श्रोताओं के मस्तिष्क को झंकृत कर दिया:
सच ! कोई भी माँ अनपढ़ नहीं होती
सयानी होती है
क्योंकि
बहुत साड़ी डिग्रियां बटोरने के बावजूद
बेटियों को उसी से सीखना पड़ता है
की गृहस्थी कैसे चलानी होती हैदिल्ली की ही व्यंगकार
बलजीत कौर तन्हा ने जूतों की महिमा सुनाई उनकी पंक्तियाँ थी-
जूते ने आज पांव में आने से किया इंकार,
बोला तुम कवि हो तो पहले सुनो मेरी पुकार,
नही चाहता किसी पीएम पर डाला जाऊं,
नही चाहता किसी पर डाला जाऊं,
गर चाहते हो मुझे मारना तो मेरी चाहता को समझ जाओ,
जूता उठाना तुम बाद में
पहले कसाव को चौराहे पर लटकाओ।बलजीत कौर की जिन्दा शहीद कविता में शहीद की माँ और बहन को जिन्दा शहीद मानकर किये हुए प्रयोग से सभागार में उपस्थित सभी श्रोताओं की आँखें नाम हो गयी.
हास्य कवि
बागी चाचा ने वर्तमान परिवेश के परीक्षा ढर्रे पर जम कर कटाक्ष किए। उन्होंने राष्ट्र धरम की भी बात की उनकी रचना थी-
तोड़ दे अब जाति ओर धर्म की मचान को,
भूल जा अभी तू गीता और पुराण को,
बट चुकी है यह धरती आज तुकड़ों में बहुत,
धर्म तू बना ने अपना पूरे आसमान को।उनकी हास्य कविताओं 'जूता', मुर्गासन, पेड़ और पुत्र पर भी लोगों ने खूब आनंद लिया. "जूता कविता की विशेष पंक्तियाँ थी :
एक भ्रष्टाचारी की उतारने को आरती
जूते को पानी में भिगोया
पानी से निकलते ही
जूता टप्प टप्प रोयास्थानीय कवि
हनुमान प्रसाद अग्निमुख ने अपनी कविता के माध्यम से पाकिस्तान को दो-दो हाथ करने की चेतावनी दी। उनकी काव्य पाठ के दौरान पंडाल निरंतर तालियों से गूंजता रहा।
चंडीगढ़ साहित्य अकादमी के सचिव
माधव कौशिक ने भी सारगर्भित काव्य पाठ कर उपस्थित जनों का मन मोहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता गणेश गुप्ता ने की। इस अवसर पर नगर परिषद चेयरपर्सन सेवा
देवी ढिल्लो विशिष्ट अतिथि थी।
चन्द्रभान सुईवाला स्वागत अध्यक्ष थे। कवि सम्मेलन के समापन पर सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष
डॉ. बीबी दीक्षित, महासचिव
जगत नारायण भारद्वाज ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के संयोजक दीवान चंद रहेजा व शशि परमार ने सफल आयोजन के लिए मंच के सदस्य व पदाधिकारियों को बधाई दी। सभी ने युवा कवि अरुण मित्तल अद्भुत को सम्मान प्राप्त करने पर बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
अन्य झलकियाँ-युवा कवि अरुण मित्तल 'अद्भुत' को राजेश चेतन काव्य पुरस्कार, स्मृति प्रतीक भेंट करते हुए नगर परिषद चेयरमैन सेवा देवी ढिल्लोकवि सम्मलेन के लिए प्रस्तुत युवा कवियों की टोली (बाएँ से) बलजीत कौर 'तन्हा', हरमिंदर पाल, अरुण मित्तल 'अद्भुत', कलाम भारती और चिराग जैनमाधव कौशिक जी से गजल पर गुफ्तगू करते युवा कवि चिराग जैन और अरुण 'अद्भुत'काव्य पाठ करते कवि अरुण 'अद्भुत'
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17 पाठकों का कहना है :
आपको बहुत बहुत बधाई. इतनी छोटी सी उम्र में इस मुकाम पर पहुंचना सचमुच एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. एक सफल कवि सम्मलेन के आयोजन के लिए भी बधाई.
Bdhaayi ho Badhaayi.
{ Treasurer-S, T }
my heartiest congratulations to my young freind. I wish him the best for the future. May you touch the "SHIKHAR" and make a landmark for others.
NEERAJ MALIK
अद्भुत जी को अद्भुत साहित्य सेवा के गौरवमय सम्मान के लिए बधाई .एक से एक बढ़कर नजारे देखे कविताओं - फोटो से ,
adhbhut ji
aapko hardik badhayi
isliye nahi ki apne mukam hasil kiya
balki isliye ki itni kam umra mein
hasil kiya
congrats
सबसे पहले तो सारे चित्रों को ध्यान से देख कर आनंद उठाया...
अपने अद्भुत भाई को हमेशा ही कमेन्ट के खाने में पासपोर्ट साइज देखा है...सो उन्हें फुल साइज देखने की तमन्ना पहले जी भर के पूरी की,,
उसके बाद सभी कवियों के कविता पाठ के छोटे छोटे अंशों का स्वाद लिया.. सच में ये एक बड़ा यादगार दिन था...काफी तसल्ली से पूरी रिपोर्ट पेश की गयी है..
अपने वहाँ शामिल ना हो पाने का अफ़सोस कम होने के बजाय और बढ़ गया है....
और जो अरुण जी ने राजेश चेतन जी के बारे में बताया था के किस तरह से हिंदी भाषा और कविता की सेवा के लिए जी जान से जुटे हैं...वो सराहनीय है...
और अंत में अपने अद्भुत जी को बहुत बहुत मुबारक बाद.....
सच्चे मन से भविष्य निरंतर आगे बढ़ने के लिए आशीष ...
अरुण जी को दिशा फाउंडेशन के कार्यक्रम में मैंने सुना है, प्रखर कवि हैं। मैं इनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ। बधाइयाँ।
आप क्या कहना चाहेंगे
एक छुट्के आयोजक ने एक छुटके कवि को स्ममानित कर दिया वाह...कुल जमा ८० श्रोता थे ५० म्न्त्राणी के साथ आए चले गये शेष चेतन.अरुण के रिश्तेदार
कवियों का स्तर उनकी कविताओं से जो खबर में हैं जाहिर है .अब अरुन के प्रोफ़ाइल में चेतन रहेअंगे सारी उम्र बस यही खेल है इसका,मतल्ब अपने नाम को सर्कुलेट करना,आयोजक की एक भी अच्छी कविता पोस्ट करें
हर किसी का अपना अंदाज़ था लेकिन ये खूब लगा.
जो उजालों में मिलेंगे शाम को
वो सुबह जैसा कहेंगे शाम को
इन चिरागों में किसी का है लहू
खुद ब खुद ये जल उठेंगे शाम को
bahut bahut badhai Adbhut ji, aapse milna chahta hoon, shayad December me India aana ho to milta hoon ho sake to apna mobile no. mashal.com@gmail.com par preshit kar den. dhanyawad aur ek bar fir se bahut bahut badhai.
Dipak 'Mashal'
आप वहाँ पर क्या अपनी ऐसी-तैसी कराने गए थे अनाम जी...?
आप को पता भी नहीं होगा के जो लोग आप को नहीं जानते ..वे हमसे आपके विषय में भरपूर जानकारी ले रहे हैं..
baat teekhee aur kadvee hai anaam tippaneekaar kee lekin galat nahi.. Arun Mittal ek behad pratibhashali aur samvedna sampann kavi hain...lekin jin MAHAAKAVI RAJESH CHETAN ke naam par yah puraskaar unhe diyaa gayaa hai. ve aur chaahe jo ho sakte hain lekin kavi to hargiz nahi...ek bhee kavita me KAVITA kahne laayak ek bhee pankti aaj tak unhone likhee ho to unhe kavi maana jaaye..aur aise vyakti ke nam ka puraskaar , anant sambhaavnasheel kavi Arun Adbhut ke parichay ko samriddha to kam se kam nahi hee kartaa. khai aise jugaadoo logo kaa hee aajkal bolbaala hai..
Arun ji ko meri shubhkaamnaayeN
Arun ji aap ki gazle aur geet padhne ka saubhaagya miltaa raha hai... humaaree duaa hai ki bhavishya me aapko aise anek samman aur puraskaar mile jinhe sachmuch sammanjanak mana jaa sake. aap behad talented hain. aur aise kavi ke naam ka puraskaar aapko mila jo jod tod kar swayambhoo kavi bane. unke naam ke saath puraskaar me koi bat nahi lekin KAVYA PURASKAAR....(?)
EESHWAR hee malik hai...
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