(बाएं से डाएं) अतिथि कवि पुरुषोत्तम, कवि देवमणि पाण्डेय , फ़िल्मकार डॉ.चंद्रप्रकाश द्विवेदी, अभिनेता इरफ़ान, पत्रकार नंदकिशोर नौटियाल , साहित्यकार मधुप शर्मा, सम्पादक विश्वनाथ सचदेव, चित्रकार इमरोज़, साहित्य अनुरागी रामनारायण सराफएक हिंदी लेखक के लेखन से प्राय: उसके परिवार वाले उदासीन रहते हैं मगर मुम्बई के वरिष्ठ साहित्यकार मधुप शर्मा के लेखन में उनके परिवार वाले इस क़दर दिलचस्पी लेते हैं कि पिछले 12 सालों में उनकी कविता, कहानी और उपन्यास की 24 किताबें प्रकाशित हुईं। इन पुस्तकों के लोकार्पण समारोह भी शानदार तरीके से हुए। इसी कड़ी में मधुप जी के 88वें जन्म दिवस पर उनके 5 काव्य संकलनों का एक साथ लोकार्पण तथा उनका सारस्वत सम्मान मुम्बई के साहित्य जगत में एक नया इतिहास रच गया। इस आयोजन की एक ख़ास बात यह भी थी कि साहित्य, सिनेमा, रंगमंच और पेंटिग की दुनिया के प्रमुख लोगों ने मधुप जी की चुनिंदा कविताओं का पाठ किया। वरिष्ठ चित्रकार
इमरोज़ (स्व.अमृता प्रीतम के जीवनसाथी), विश्वप्रसिद्ध अभिनेता
इरफ़ान, लोकप्रिय अभिनेता
राजेंद्र गुप्ता,चर्चित कवि एवं फ़िल्म गीतकार
देवमणि पाण्डेय एवं जाने-माने संचालक
आलोक भट्टाचार्य ने जब अपने-अपने विशिष्ट अंदाज़ में मधुप जी की कविताएं प्रस्तुत कीं तो समूचा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा। मालाड (मुम्बई) के सराफ मातृमंदिर सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम का लुत्फ उठाने के लिए इतने अधिक श्रोता आ गए कि सभागार में सीटें कम पड़ गईं । समारोह के प्रारम्भ में मधुप जी के जीवन और उपलब्धियों पर एक लघु फ़िल्म दिखाई गई। इससे पता चला कि मधुप जी अब तक सौ से भी अधिक फ़िल्मों में अभिनय कर चुके हैं तथा उन्होंने लता मंगेशकर और दिलीप कुमार जैसे कालजयी कलाकारों के साथ रेडियो पर फ़ौजी भाईयों के लिए जयमाला कार्यक्रम भी पेश किया। इस फ़िल्म से अभिभूत ‘चाणक्य’ और ‘पिंजर’ फेम फ़िल्मकार डॉ.चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने मंच से कहा- ‘‘ मधुप जी के व्यक्तित्व में हमेशा मुझे एक अच्छे आदमी का सकारात्मक चेहरा दिखाई देता है। मुझे पूरा विश्वास है कि मैं अपनी अगली फ़िल्म में इस चेहरे को रुपहले परदे पर साकार कर सकूँगा।’’ हमेशा रफ़्तार में बोलने वाले प्रखर वक्ता (नवनीत के सम्पादक)
विश्वनाथ सचदेव न जाने क्यों यहाँ सुस्ती में गिरफ़्तार नज़र आए।
महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के अध्यक्ष
नंदकिशोर नौटियाल ने ग़ालिब के हवाले से अपनी बात कही-
ज़िंदगी क्या किसी मुफ़लिस की कबा है जिसमें
हर घड़ी दर्द के पैबंद लगे जाते हैं
सारस्वत सम्मान चित्र : (बाएं से डाएं) : कवि देवमणि पाण्डेय , अभिनेता इरफ़ान, पत्रकार नंदकिशोर नौटियाल , साहित्यकार मधुप शर्मा, फ़िल्मकार डॉ.चंद्रप्रकाश द्विवेदी एवं सम्पादक विश्वनाथ सचदेवजोश और होश में बोलने वाले नौटियाल जी अपने भाषण में इस क़दर छा गए कि उनके सामने
डॉ.सूर्यबाला, डॉ.शोभनाथ यादव, डॉ.राम प्रसाद त्रिवेदी और
डॉ.करुणा शंकर उपाध्याय चाँदनी रात के सितारों की तरह फ़ीके पड़ गए। यह भी उल्लेखनीय है कि हिंदी साहित्यकार मधु्प जी के अंग्रेज़ी माध्यम में सुशिक्षित पारिवारिक सदस्यों-
डॉ.आभा सूचक, डॉ.अनिल सूचक,ब्रिगेडियर अमरेश प्रसाद, पूनम प्रसाद, डिम्पल, नेथन और
अपराजिता ने ऐसे भावुक और जीवंत तरीके से मधुप जी के जीवन के सतरंगी दृश्य साकार किए कि श्रोताओं में बैठे हुए हिंदी के शीर्ष रचनाकार
सुधा अरोड़ा, धीरेंद्र अस्थाना, सूरज प्रकाश, संतोष श्रीवास्तव,
हस्तीमल हस्ती आदि मंत्रमुध अवस्था में देखे गए। शास्त्रीय गायिका
डॉ.सोमा घोष, नंदिनी शरण और फ़िल्म लेखक
शुभंकर घोष एवं
अतुल तिवारी तथा साहित्य अनुरागी
रामनारायण सराफ ने भी जमकर तालियां बजाईं। मधुप जी के सारस्वत सम्मान के समय तो एक अजीब समां उपस्थित हो गया जब सारा श्रोता समुदाय खड़े होकर तालियाँ बजाने लगा। कुल मिलाकर यह एक ऐसा पारिवारिक उत्सव था जो मुम्बई वासियों को हमेशा याद रहेगा।
साहित्यकार मधुप शर्मा का जीवंत परिवार, माइक पर आलोक भट्टाचार्य।प्रस्तुति- रमा पाण्डेय, मुम्बई
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13 पाठकों का कहना है :
मधुम जी को बहुत-बहुत बधाई। यह देखकर अच्छा लगा कि इरफ़ान खान भी साहित्यप्रेमी हैं।
आदरणीय मधुप भाई जी को साहित्य सेवा और जन्मदिन के लिए बधाई. मेरी ८वीं किताब 'परिवर्तन '
पर फोन से बधाई दी थी ,कितना महान है उनकाव्यक्तित्व .गतिशीलता को प्रणाम .
धन्यवाद देवमणि जी। मधुप जी को हमारी भी शुभकामनाएँ! कार्यक्रम का विवरण पढ़कर आनंद आ गया। ऐसे कार्यक्रम होते रह्ने चाहिए।
अच्छा लग रहा है कि मैं इस आयोजन में शामिल था।
Bhai Devmani
Ek khoobsoorat karykarma kee khoobsoorat report ke liye dhanyawaad.
Iss saal January mein Madhup jee aur unkey parivar se Mumbai mein mulaqat huyee thee. He is a real grand old man of letters. He became so emotional during our meeting that the tears rebelled against his control and made the eyes wet.
I salute all those who participated in and attended the function - in particular his family members.
Warm wishes
देवमणि जी अगर ऐसे कार्यक्रम की जानकारी आप हमें पहले से जुटा दें तो हम भी इनमें शिरकत कर अपना जीवन धन्य करलें...अब हमारे साथ इतनी बेरुखी भी अच्छी नहीं है भाई...
सजीव प्रस्तुति के लिए ढेरों बधाइयां व शुभ कामनाएं आपको .
देवमणि जी ,
आपकी बड़ी शुक्रगुजार हूँ जो आपने इतने सुन्दर कार्यक्रम की एक झलक हमें भी दिखाई ! अच्छा लगता है देख कर ,जब सम्मान के सही हक़दार को सम्मान मिलता है !
Dear Devmani,
Fantastic coverage! I dont know how to thank you enough.
You have been extremely helpful. God bless you and your loved ones!
Thank you once again.
बहुत ही मनभावन अवसर के लिए श्री मधुप शर्मा जी को मेरी बधाई हो. उनके पारिवारिक सदस्यों- डॉ.आभा सूचक, डॉ.अनिल सूचक,ब्रिगेडियर अमरेश प्रसाद, पूनम प्रसाद, को इस यज्ञ के लिए तहे दिल से शुभकामनायें हैं.
मधुप जी आपको इस खास दिन की मुबारक हो
यहाँ जो दीप रौशन है, वही सबको मुबारक हो
सादर
ऐसे सुंदर आयोजन की ख़बर देने के लिए बहुत बहुत बधाई !
मधुम जी को बहुत-बहुत बधाई। साथ साथ रामा जी को भी जिन्होंने यह खबर हम तक पहुंचाई.
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