
पूरे विश्व में सिन्धी समाज के लोग बसे हुए है और दुनिया के हर कोने में ये लोग भगवान झूलेलाल की याद में हर साल बहुत उत्साह से 40 दिनों का उत्सव मनाते हैं, जिसे चालिहा कहा जाता है। सिन्धु नदी के आस-पास बसने वाले लोग जब कुछ दुष्टों के अत्याचारों से तंग आ गए तो उन्होंने वरुण देवता से शैतानो से छुटकारा दिलाने की प्रार्थना की और फिर जन्म हुआ भगवन झूलेलाल का। अत्याचारियों का नाश हुआ और सिन्धी भक्तों ने झूलेलाल को अपना भगवान माना।

सिन्धी अकेडमी ने हर साल की तरह इस बार भी दिल्ली की सभी पंचायतों को आर्थिक मदद के साथ और सभी सहूलियते प्रदान करवाई ताकि चालिहा बड़ी धूम धाम से मनाया जा सके। परिणामस्वरूप आजकल दिल्ली के सभी सिन्धी भाई बहन झूले लाल के रंग में रंगे हुए है। मंदिरों में रौनक है, आस-पास रह रहे दूसरी भाषा बोलने वाले भी इस उत्सव में शरीक हो रहे है। इसी शृंखला में 8 अगस्त 09 को मुनिरका में एक संगीत का रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आनंदम नाम की संस्था के संस्थापक व गायक जगदीश रावतानी आनदम् ने अपनी सुरीली और दमदार आवाज़ से सिन्धी कलाम और भजन पेश कर के उपस्थित श्रोताओं का मन जीत लिया। उनका साथ उसी जोश-खरोश से कुमारी शीतल, मैडम विजय, और प्रेम जग्तिआनी ने दिया। संगीत निर्देशक अशोक बंधू ने भी माहौल को संगीतमय बनाने में पूरा साथ निभाया। मुनिरकावासियों के पैर थिरकने लगे और वे खूब नाचे। कुछ कलाकारों ने झाँकियाँ प्रस्तुत कर लोगों का मनोरंजन किया। मुनिरका सिन्धी पंचायत के प्रधान केसवानी ने जगदीश रावतानी आनंदम और साथियों को ख़ूबसूरत कार्यक्रम प्रस्तुत करने पर धन्यवाद दिया। अंत में प्रीतिभोज किया गया।

संगीत-प्रस्तुति देते विजये, शीतल और जगदीश रावतानी

उपस्थित दर्शकगण

अपना वक्तव्य देतीं एमएलए बरखा सिंह
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)
6 पाठकों का कहना है :
वाशी के झूलेलाल मंदिर में सभी भक्तों ने चालिहा मनाया . सुंदर फोटो ,सटीक जानकारी के लिए बधाई .
बढ़िया प्रयास!
दीपक भारतदीप
जय हो संत बाबा झूलेलाल की बोलो झूलेलाल
हिन्दयुग्म का आभारी को यह खबर हम लोगो तक पहुंचाई.
SINDHI AHYU SINDHI GALAYU
SANT KAWAR RAM SINDHI YUVA SAMITI VARANASI
VARANASI MAI 17.03.2010 KO JHULELAL JAYANTI MANAI JAYEGI
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)