राष्ट्रकवि मैथली शरण गुप्त जयंती समारोह सम्पन्न
सम्मानित होतीं जय वर्मा
माननीय रत्नाकर पाण्डेय के हाथों डॉ॰ संध्या गुप्ता का सम्मान
राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त-जयन्ती ( 3 अगस्त, 09 ) के शुभ अवसर पर हिन्दी-भवन सभागार, नयी दिल्ली में आयोजित एक गरिमापूर्ण-भव्य समारोह में डॉ॰ संध्या गुप्ता को उनकी काव्यकृति “बना लिया मैंने भी घोंसला” (राधाकृष्ण प्रकाशन, नई दिल्ली) के लिये राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त विशिष्ट सम्मान 09 प्रदान किया गया। यह सम्मान राष्ट्रकवि के नाम, प्रति वर्ष राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त मेमोरियल ट्रस्ट, दिल्ली की ओर से उच्च स्तरीय कमिटि द्वारा चयनित काव्यकृति पर दिया जाता है। उक्त पुस्तक का चयन पिछले पाँच वर्षों में प्रकाशित 100 काव्यकृतियों में से किया गया। इस अवसर पर डॉ॰ गुप्ता के जीवन वृत्त एवं समग्र साहित्यिक अवदान पर प्रकाश डाला गया। संध्या गुप्ता की कविताओं में पीड़ित मानवता के उत्थान की छटपटाहट एवं सामाजिक विसंगतियों-विडम्बनाओं पर गम्भीर कुठाराघात है। संध्या गुप्ता एक लम्बे समय से रचनात्मक लेखन कार्य में जुडी हैं। उनकी रचनायें देश की लगभग सभी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर छपती रही हैं। अभी हाल ही में उनकी एक महत्वपूर्ण पुस्तक 'काव्य शिला पर विद्यापति और नरसिह मेहता' बिहार हिन्दी ग्रंथ अकादमी, पटना द्वारा प्रकाशित एवं चर्चित हुई है।
इसी अवसर पर राष्ट्रकवि के ही नाम का सामान्य श्रेणी का सम्मान राकेश नंदिनी को उनके कविता संग्रह “पुरंदरा” के लिये तथा पहला प्रवासी भारतीय साहित्कार सम्मान “सहयात्री हैं हम” के लिये लंदन की जय वर्मा को दिया गया। साहित्यकार डॉ. सीताराम गुप्त दिनेश और समाज सेवी अरविंद गोल को विभिन्न सम्मानों से सम्मानित किया गया। कुशल संचालन डॉ. अजय गुप्त का था।
इसका आयोजन राष्ट्रकवि मैथली शरण गुप्त ट्रस्ट और गहोई वैश्य एसोसिएशन, दिल्ली द्वारा किया गया। इस समारोह की अध्यक्षता पूर्व सांसद डॉ. रत्नाकर पांडेय ने की। इस समारोह में बड़ी सख्या में कवि, साहित्यकार, पत्रकार, सांसद, विधायक, सभासद और अनेक क्षेत्रों के गणमान्य जन उपस्थित थे।
महान राष्ट्रकवि की याद में यह संकल्प लिया गया कि उनके नाम का एक स्मारक बनाया जाय तथा सरकार द्वारा दिल्ली की किसी गली का नाम राष्ट्रकवि के नाम की जाए।
रिपोर्ट- शमशेर अहमद खान, दिल्ली
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7 पाठकों का कहना है :
बधायी...............
सन्ध्या जी को बधाई -शरद कोकास ,दुर्ग
संध्या जी को बधाई. साथ ही शमशेर साहब का शुक्रिया जिन्होंने ये जानकारी हम लोगो तक पहुंचाई.
संध्या गुप्ता मेरी पसंदीदा कवयित्रियों में से हैं। जानकर खुशी हुई कि उन्हें यह सम्मान मिला। पुरस्कारों में राजनीति नहीं होती तो अब तक इन्हें और बड़े पुरस्कार मिल चुके होते।
खैर॰॰॰ बधाई।
गौरवपूर्ण सम्मान के लिए सभी को बधाई .सुंदर फोटो से उनका परिचय मिला .
गहोई वैश्य एसोसिएशन
Rashtr kaviyon ko to jati-pati se nijat dilvaiye
Sandhya guptaji ko hamari hardik badhai.
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