Tuesday, December 15, 2009

कथाकार पत्रकार हरीश पाठक की पुस्तक त्रिकोण के तीनों कोण का लोकार्पण



पटना । 10 दिसम्बर

पटना पुस्तक मेला में वरिष्ठ पत्रकार, कथाकार हरीश पाठक की पुस्तक ‘त्रिकोण के तीनों कोण’ का लोकार्पण करते हुए ख्यातिलब्ध साहित्यकार चित्रा मुद्‍गल ने रचनाकारों से कहा कि ‘कम लिखो पर वह लिखो जो लिखना चाहिए’। एक लेखक के लिए यह जरूरी है कि वह उन समस्याओं को उठाए और समाज के सामने लाए जो उसके आसपास व्याप्त है। समाज में छिपी खामियों को उजागर करना रचनाकार के साहस का प्रतीक है। हरीश पाठक की रचना में वह आग है। उन्होंने कहा कि मेरे सीने में न हो/ तेरे सीने में सही/ हो कहीं भी आग पर वह आग लेकिन आग होनी चाहिए। त्रिकोण के तीनों कोण में वह आग दिखाई देती है। आम जनता के भीतर आज न्यायपालिका, विधायिका एवं कार्यपालिका से न्याय की उम्मीद कहीं खो गई है। यह किताब जनता की उस व्यथा के कुरूप और वीभत्स रूप को उजागर करती है जिसमें आज की संवेदनहीन समाज एक जलती हुई महिला को देखकर भी मूक तमाशबीन बना रहता है। उन्होंने कहा कि त्रिकोण का चौथा कोण लेखक स्वयं है। लेखक पत्रकारिता में भी गुंडों और दलालों के बढ़ते वर्चस्व पर बेबाकी से टिप्पणी करता हैं। यह लेखक के असीम साहस का परिचायक है जो सत्यम्, शिवम्, सुन्दरम् की झलक प्रदान करती है। पुस्तक का विमोचन करते हुए उन्होंने कहा कि उम्मीद करती हूँ कि इस किताब का असर समाज के तीनों स्तंभों पर जरूर पड़ेगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्यकार तथा श्रम विभाग के प्रधान सचिव श्री व्यास जी ने किया। अपने अध्यक्षीय उद्‍बोधन में उन्होंने कहा कि पुस्तक समाज व देष की चर्चा करती है। लेखक जो कहना चाहता है वह सारा कुछ सामने आ जाता हैं। इस अवसर पर विशिष्ट वक्ता के रूप में अपना उद्‍गार व्यक्त करते हुए कथाकार, आलोचक डॉ॰ कलानाथ मिश्र ने कहा कि त्रिकोण के तीनों कोण समाज को आईना दिखाता है तथा उसकी त्रिआयामी तस्वीर उकेरता है। लेखक पत्रकारिता कर्म और साहित्य के बीच की दूरी को कम कर दोनों के बीच एक संतुलन बनाकर चलता है जो आज की आवश्कता है। इस अवसर पर कथाकार जियालाल आर्य, लेखक शैलेष्वर सती प्रसाद, डॉ ध्रुव कुमार ने भी पुस्तक के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन नईधारा के संपादक डॉ शिवनारायण ने किया तथा अतिथियों का स्वागत प्रभात प्रकाशन के निदेषक श्री पीयूष कुमार ने किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय सहारा के यूनिट मैनेजर मृदुल बाली, श्रीमती कमलेश पाठक, पटना पुस्तक मेला के सचिव श्री ए.के.झा, साहित्यकार श्री रिपुदमन सिंह, पूर्व कुलपति श्री अभिमन्यु सिंह, ए.एन. नन्द, मीरा मिश्र समेत बिहार के प्रमुख बुद्धिजीवी, साहित्यकार, पत्रकार उपस्थित थे।

प्रेषक-
शिवनारायण
सम्पादक, नईधारा