Thursday, February 25, 2010

विदेशों में भी हो रहा ठाकरे का विरोध, 100 पत्र दुबई से भेजे



जय भोजपुरी परिवार के द्वारा चलाये गए ठाकरे के खिलाफ विरोध पत्र अभियान जिसकी खबर हिन्दयुग्म पर प्रकाशित हुई थी, लागातार सफलता के नए नए आयाम गढ़ रहा है। खबर का असर कुछ इस तरह रहा की पत्र अभियान में लोगों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना शुरू कर दिया है। जय भोजपुरी परिवार के सदस्यों ने जिस अभियान की शुरुआत १४ जनवरी के मिलन समारोह से की थी उसका असर सिर्फ भारत ही नहीं वरन दुनिया के अलग अलग देशों में रह रहे अप्रवासी भारतीयों पर भी हो रहा है। तत्कालीन सूचना के मुताबिक़ हाल हीं में संयुक्त अरब अमीरात से लगभग १०० पत्र प्रधान मंत्री कार्यालय में पोस्ट किये गएँ हैं। जिसमें केवल उत्तर भारतीय ही नहीं वरन देश के हर क्षेत्र के लोगों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया है। जय भोजपुरी के दुबई में स्थानीय प्रतिनिधि जीतेन्दर जी चौहान के मुताबिक़ बहुत जल्दी ही और भी लोग पत्र अभियान में हिसा लेंगे। जय भोजपुरी ने विदेशों में भी अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से विरोध पत्र अभियान को तीव्र एवं प्रभावी करने के लिए नयी मुहीम छेड़ रखी है ! इसके पूर्व भी ठाकरे विरोधी तमाम अभियान चला चुका जय भोजपुरी परिवार अब इस काम के लिए आम जन मानस तक अपनी मुहीम तेज़ कर रखी है। इस मुहीम की सबसे ख़ास बात यह है कि इसमें न सिर्फ उत्तर भारतीय बल्कि देश के एनी हिस्सों जैसे कर्नाटक, तमिलनाडु, केरला, यहाँ तक कि महाराष्ट्र से भी इस मुहीम में शामिल हो रहे हैं। हालांकि इस तरह के मुहीम चलाने के लिए जय भोजपुरी परिवार को फोन एवं मेल के जरिये धमकियां भी मिल चुकी है। इन तमाम धमकियों से बेपरवाह जय भोजपुरी परिवार इस अभियान को राष्ट्रीय अभियान के तौर पर देख रहा है। चूँकि यह बताने कि जरुरत नहीं है कि आज ठाकरे परिवार राष्ट्रीय अखण्डता में कितना बड़ा खतरा है। आप सभी पाठकों से गुजारिश है कि इस पत्र अभियान का हिस्सा बनते हुए एक सजग राष्ट्र प्रहरी के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन करें। आपका एक पत्र उन गैर राष्ट्रीय सोच रखने वाले तत्वों के मुँह पर करारा तमाचा होगा ! बहुत जल्द ही आप सबके सहयोग से जय भोजपुरी परिवार के समर्थन में देश विदेश से लोग भारी संख्या में आगे आयेंगे और इन दूषित एवं राष्ट्रीय एकता में बाधक तत्वों के खिलाफ मुहीम छेड़ेंगे। यह मुद्दा सिर्फ जय भोजपुरी परिवार का ही नहीं वरन सम्पूर्ण राष्ट्र का है जिसमे सम्पूर्ण राष्ट्र को सजग होने कि जरूरत है। अगर आज राष्ट्र सजग नहीं हुआ तो ये असामाजिक एवं ओछी राजनीति चमकाने वाले तत्व देश को दीमक कि तरह चाट जायेंगे और फिर हमारे पास कहने सुनाने को कुछ नहीं बचेगा। केंद्र में एवं राज्य में सता में होते हुए भी सत्ताधारी दल के कान पर जू नहीं रेंग रहा है। अत: हम इस विरोध पत्र के माध्यम से सिर्फ ठाकरे परिवार ही नहीं वरन पुरे राष्ट्र के मतदान से सता के गलियारे तक पहुंचे लोगों को भी चेतावनी देना चाहते हैं कि अगर अब भी कोई कदम नहीं उठाया गया तो शायद लोगों का सता से विशवास ही न उठ जाए। अत: आप सबसे निवेदन है कि इस पत्र अभियान का हिस्सा बनते हुए राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता को बरकरार रखने हेतु आगे आयें।

शिवानंद द्विवेदी "सहर" saharkavi111@gmail.com

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पाठक का कहना है :

Aniruddha Sharma का कहना है कि -

ये खबर सुनकर सचमुच बहुत ख़ुशी हुई. जनता कभी तो अपने जागने का सबूत दे. अगर जनता के क्षुद्र स्वार्थ न होते तो इस तरह के
लोग कभी इतना आगे ही न बढ़ते. जिस उम्र में बाल ठाकरे को अपने पापों का प्रायश्चित्त करना चाहिए उसमे वो अपने और नीचे गिरने
का सबूत दे रहे हैं. इस परिवार से मुक्ति पूरे देश कि पहली प्राथमिकता होनी चाहिये.

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