Wednesday, April 20, 2011

अजीत दूबे को चंद्रशेखर सम्मान


पूर्व प्रधानमंत्री एवं समाजवादी नेता स्‍व. श्री चन्‍द्रशेखर जी के जन्‍म दिन के अवसर पर नेशनल थिंकर्स फोरम द्वारा दिल्‍ली के लक्ष्‍मीपति सिंहानिया आडिटोरियम में "चन्‍द्रशेखर: एक राष्‍ट्रवादी चिंतक" विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया एवं साथ ही विभिन्‍न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य कर रहे लोगों को फोरम द्वारा पहली बार चंद्रशेखर सम्‍मान प्रदान किया गया। इस कडी में भोजपुरी भाषा के विकास एवं उसे संवैधानिक मान्‍यता दिलाने हेतु किये जा रहे सराहनीय प्रयास के लिए भोजपुरी समाज, दिल्‍ली के अध्‍यक्ष श्री अजीत दुबे (पूर्व कार्यपालक निदेशक , भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण) को भी सम्‍मानित किया गया । चंद्रशेखर जी के बारे में अपने विचार व्‍यक्‍त करते हुए फोरम के महासचिव डा. एस.पी. सिंह ने कहा श्री चंद्रशेखर जी न केवल एक राजनेता थे बल्कि एक महान राष्‍ट्रवादी चिंतक भी थे जिसकी राज‍नीति के केन्‍द्र में आम आदमी होता था । स्‍व. श्री चन्‍द्रशेखर जी के सुपुत्र एवं बलिया से सांसद श्री नीरज शेखर ने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि वे अपने पिता के पदचिन्‍हों पर चलने की पूरी कोशिश कर रहे हैं । समारोह के मुख्‍य अतिथि पूर्व केन्‍द्रीय मंत्री श्री रामविलास पासवान ने कहा कि चन्‍द्रशेखर जी केवल व्‍यक्ति नहीं थे बल्कि अपने आप में एक संस्‍था थे, उन जैसे विलक्षण प्रतिभा के राजनेता का भारतीय राजनीति में न होना एक बहुत बडे शून्‍यता का बोध कराता है । पूर्व केन्‍द्रीय मंत्री डा. संजय सिंह ने कहा चंद्रशेखर जी ने राजनीति में अपने सिद्धांतों को ही सर्वोपरि माना । आज उनके विचारों को जिन्‍दा रखने के लिए चंद्रशेखर जी की संस्‍कृति को आगे बढाने की आवश्‍यकता है । इस अवसर पर पत्रकार व पूर्व सांसद श्री संतोष भारती, सांसद श्री लोकेन्‍दर सिंह काल्‍वी, गाजीपुर एवं बलिया के पूर्व कलेक्‍टर क्रमश: श्री कमल टावले एवं श्री शंकर अग्रवाल, चंद्रशेखर जी के पूर्व राजनीतिक सलाहकार श्री एच.एन. शर्मा आदि ने भी श्री चंद्रशेखर जी से जुडे अपने संस्‍मरण से लोगों को अवगत कराया ।

इस अवसर पर भोजपुरी में किए गए अपने संबोधन में श्री अजीत दुबे ने भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने हेतु उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह अत्‍यंत दुखद है कि देश में हिन्‍दी के बाद सबसे ज्‍यादा लोगों द्वारा तथा विश्‍व भर में बीस करोड. से भी ज्‍यादा लोगों द्वारा बोली जाने वाली भोजपुरी भाषा आज भी संवैधानिक मान्‍यता से वंचित है । इस मंच से उन्‍होंने पुन: यह आवाज उठाई कि सरकार इस भाषा को जल्‍द से जल्‍द संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करे ।

नेशनल थिंकर्स फोरम द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्‍न क्षेत्रों से अन्‍य कई विशिष्‍ट लोगों जैसे इरमल मारला एवं सर्वश्री प्रमोद कुमार दूबे(विधि क्षेत्र), अंबारी कृष्‍णमूर्ति(ट्रेड यूनियन क्षेत्र), ए.एस.कुमार, संतोष कुमार सिंह, कल्‍पनाथ चौबे (शिक्षा क्षेत्र), प्रमोद कुमार उपाध्‍याय एवं रवि सिंह (पत्रकारिता क्षेत्र), प्रहलाद सिंह(कृषि क्षेत्र), गोपाल नस्‍कर, खुशवंत सिंह राव और बृज किशोर पाण्‍डेय इत्‍यादि को भी सम्‍मानित किया गया ।

सेमिनार एवं सम्‍मान समारोह के पश्‍चात कार्यक्रम के दूसरे सत्र में सांस्‍कृतिक कार्यक्रम के तहत भोजपुरी गायक श्री मोहन राठौर एवं अनामिका सिंह द्वारा भोजपुरी लोकगीतों की शानदार प्रस्‍तुति की गई ।