Tuesday, July 12, 2011

सूरीनाम में सस्ता साहित्य मण्डल की हिन्दी शिक्षणोपयोगी पुस्तकों का लोकार्पण


बाएँ से दाएँ - भावना सक्सेना, पंडिता सुशीला मल्हू, महामहिम श्री सोढ़ी, श्रीमती मंजीत सोढ़ी

२३ जून २०११ को सूरीनाम में संस्था माता गौरी में भारत के राजदूतावास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के अवसर पर भारत के राजदूत श्री कंवलजीत सिंह सोढ़ी द्वारा नई दिल्ली की प्रकाशन संस्था सस्ता साहित्य मंडल के १४ बाल कहानियों के सचित्र ओंर सुरुचि पूर्ण सेट का लोकार्पण किया गया। राजदूतावास की हिंदी अधिकारी श्रीमती भावना सक्सैना द्वारा पुस्तकों का परिचय पढे जाने के पश्चात लोकार्पण के लिए पुस्तकें सूरीनाम साहित्य मित्र संस्था की सचिव पंडिता सुशीला बलदेव मल्हू ने प्रस्तुत की।

बहुरंगी चित्रों से सुसज्जित पुस्तकों की लेखिका हैं श्रीमती धीरा वर्मा और इन पुस्तकों के चित्रकार हैं संजय अहलुवालिया। पेयर इट सीरीज़ के इस सेट की सभी कहानियां अंग्रेजी अनुवाद में भी उपलब्ध हैं। अंग्रेजी अनुवाद सुनंदा वी. अस्थाना द्वारा किया गया है। यह हिन्दी शिक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण सेट है जिसके द्वारा अङ्ग्रेज़ी के माध्यम से हिन्दी सीखी जा सकती है।
इस चौदह कहानियों के सेट में जो पुस्तकें है। उनके शीर्षक हैं-

१. चतुर पीटर २. सूरज और चाँद ३. बाघ आया बाघ आया ४ . सिद्धार्थ ५. ग्वाला भैया ६ . अर्जुन 7. मोनिका 8. बहू की खोज 9. चाणक्य १०. सेर को सवा सेर ११ . कंकड़ की सब्जी १२ बुद्धिमान बीरबल 13. सुखी कौन 14. पंडितजी.


भव्य समारोह में उपस्थित श्रोतागण

धीरा वर्मा लेखिका संघ की उपाध्यक्ष हैं और पिछले चार दशकों से बच्चों के साहित्य पर काम कर रहीं हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय के स्लावोनिक और फ़ीनो-उग्रीयन विभाग में अतिथि प्राध्यापक हैं और भारत के वरिष्ठतम बल्गारियन अनुवादकों में हैं और उनके अनेक बल्गारियन साहित्यिक रचनाओं के अनुवाद प्रकाशित हुए हैं। धीराजी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में एम ए किया है और डीसीसीडबल्यू के ‘पालना’ में सलाहकार मनोवैज्ञानिक के रूप में सेवा की है। आकाशवाणी पर उनकी सौ से ज़्यादा वार्ताएं प्रसारित हुई हैं।

रिपोर्ट – भावना सक्सैना, अताशे (हिंदी व संस्कृति), भारत का राजदूतावास, पारामारीबो, सूरीनाम