प्रमोद वर्मा समग्र का संपादन उनके मित्र और वरिष्ठ कवि (पुलिस महानिदेशक, छत्तीसगढ़) श्री विश्वरंजन कर रहे हैं। इस संकलन में श्री प्रमोद वर्मा द्वारा लिखित सभी 17 काव्य संग्रह, निबंध, आलोचना, मोनोग्राफ, यात्रा-संस्मरण, डायरी, नाटक सहित अप्रकाशित कृतियों का प्रकाशन भी किया जा रहा है। इसमें साहित्य रूप और सृजन-प्रक्रिया के संदर्भ, अँगरेज़ी की स्वच्छंद कविता, रोमान की वापसी, हलफ़नामा, कविता दोस्तों में बुलाने से नहीं आती नदी, मुक्तिबोध पर मोनोग्राफ़, कल और आज के बीच, लंबा मारग दूरी घर, कदाचित् संदर्शन प्रकाशित संग्रह हैं और यूरोप प्रवास पर एक डायरी, सामारुमा एवं अन्य कविता, समालोचना तथा नाटक की एक-एक अप्रकाशित कृतियाँ समादृत की जा रही हैं । यह समग्र कुल 1800 पृष्ठों का होगा जिसमें 4 खंड होंगे। इसमें उनकी 4 अप्रकाशित पांडुलिपियाँ भी सम्मिलित हैं जिसे उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कल्याणी वर्मा सौजन्यवश उपलब्ध करा रही हैं।
इसके अलावा स्व. प्रमोद वर्मा पर केंद्रित एक किताब भी 'न होना प्रमोद वर्मा का' के नाम से से प्रकाशित की जा रही है । इसका संपादन युवा साहित्यकार जयप्रकाश मानस एवं सुरेन्द्र वर्मा कर रहे हैं । इस कृति में श्री वर्मा जी के समकालीन रचनाकारों के मध्य हुए पत्राचारों, उन्हें लेकर रचनाकारों के संस्मरणों, आलोचनात्मक लेखों, फ़ोटोग्राफ आदि समादृत की जा रही है।
सृजन-सम्मान के महासचिव राम पटवा द्वारा जारी विज्ञप्ति में रचनाकारों से आग्रह किया गया है कि श्री प्रमोद वर्मा से जुड़े संस्मरण, तस्वीरें, आलोचनात्मक लेख, प्रकाशित या अप्रकाशित सामग्री आदि जयप्रकाश मानस, सृजन-सम्मान, एफ-3, छग माध्यमिक शिक्षा आवासीय कॉलोनी, पेंशनवाड़ा, रायपुर के पते पर या srijan2samman@gmail.com से भेज सकते हैं।
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