Monday, June 8, 2009

सड़क दुर्घटना में तीन कवियों की मौत और 1 गंभीर रूप से घायल

8 जुलाई 2009 । भोपाल
आज सुबह हिन्दी के 3 कवियों ओम प्रकाश आदित्य, नीरज पुरी और लाड़ सिंह गूजर की एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई। कवि ओम व्यास की हालत गंभीर बनी हुई है। उन्हें भोपाल के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टर अगले 30 घंटे तक उनकी हालत के विषय में कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं हैं। साथ ही साथ एक और कवि जानी बैरागी को गंभीर चोटें आई हैं, लेकिन वे खतरे से बाहर हैं। वाहन के ड्राइवर की हालत भी गंभीर बनी हुई है।

ये पाँचों कवि इनोवा कार में ड्राइवर और फोटोग्राफर सहित विदिशा से भोपाल जा रहे थे। ये कवि बहुत से अन्य कवियों के साथ संस्कृति विभाग, म॰ प्र॰ शासन द्वारा आयोजित दो दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव 'बेतवा उत्सव' के पहले दिन के कार्यक्रम में शिरकत करने गये थे। रात का कार्यक्रम करके ये कार से वापिस लौट रहे थे, कि सुबह 4 से साढ़े बजे के क़रीब इनकी गाड़ी को किसी गाड़ी ने टक्कर मारी। किस गाड़ी ने टक्कर मारी, अभी यह विश्वास के साथ नहीं कहा जा सकता कि कौन सी गाड़ी है। उसके ट्रक होने की सम्भावना है। तीन कवियों की मृत्यु घटनास्थल पर ही हो गई।

होश में आ चुके कवि जानी वैरागी से जब पूछा गया कि पूरी घटना क्या थी तो उन्होंने बताया कि ड्राइवर के अलावा सभी सो रहे थे। क्या हुआ किसी को कुछ पता नहीं। मुझे भी नहीं।

कवि देवमणि पाण्डेय ने फोन करके हमें बताया कि इस गाड़ी के पीछे एक गाड़ी में कवि अशोक चक्रधर और प्रदीप चौबे भी भोपाल आ रहे थे, जो उसी कार्यक्रम में भाग लेने गये थे।

घटना को और समझने के लिए हिन्द-युग्म के संपादक शैलेश भारतवासी ने कवि प्रदीप चौबे को फोन लगाया और सारी जानकारी ली। कवि अशोक चक्रधर भी अभी वहीं हास्पिटल में मौज़ूद हैं।

राजेश चेतन ने बताया कि वरिष्ठ कवि ओम प्रकाश आदित्य का अंतिम संस्कार आज दोपहर 3 बजे मालवीय नगर, दिल्ली के श्मशान भूमि में होगा।

कवि राजेश चेतन, देवमणि पाण्डेय और प्रदीप चौबे ने इसे हिन्दी कविता के लिए बड़ी क्षति बताया और दिवंगत आत्मा की शांति की कामना की।

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

24 पाठकों का कहना है :

Rachna Singh का कहना है कि -

bahut afsos hua is smachaar ko padh kar . meri shradhanjali

रोमेंद्र सागर का कहना है कि -

आदित्य जी न केवल एक अच्छे कवि थे अपितु एक सदात्मा भी थे ...शारदापुत्र का यह अन्त निश्चय ही दुखद है !
शत शत नमन !
ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करे।

manu का कहना है कि -

इस दुखद घटना की जानकारी मुझे अद्भुत जी ने दी फोन पर,,,,,
और अब यहाँ पर पूरी घटना पढ़ी,,,, सचमुच ये भारी दुःख की बात है,,,
कैसे तीन कवि एक ही दुर्घटना में ख़त्म हो गए,,
इश्वेर उनकी आत्मा को शान्ति दे,,,

अवनीश एस तिवारी का कहना है कि -

हे प्रभु !!!

आदित्य जी चले गए !!! :( :( :(
हिन्दी साहित्य जगत सीसक रहा है

अवनीश तिवारी

Arun Mittal "Adbhut" का कहना है कि -

आज सुबह सामन्य दिनचर्या के अनुरूप ही चिराग जैन का ब्लॉग खोलकर पढना चाहा तो क्या पता था कि चिराग भाई कि सलोनी गजलों कि जगह इतना दुखद समाचार प्राप्त होगा उन्हें फ़ोन करके कुछ और जानना चाहा तो वो भी आदित्य दादा के साथ कि अपनी यादें बताने लगे ..... शरीर कुर्सी में ही जड़वत हो गया कुछ समझ में ही न आया कि इस खबर पर कैसे विश्वास हो ...
आदित्य जी हम बाल कवियों के पितामह थे ...... उनके बारे में कुछ कहा ही नहीं जा रहा ....... सुबह तो किसी तरह खुद को रोक लिया था पर जब हिन्दयुग्म पर यह दुखद समाचार पढ़ा तो आंसू नहीं थमे.......... मनु जी, प्रताप सिंह फौजदार जी और न जाने कितनो को फ़ोन करके अपना दर्द बांटना चाहा ...... विश्वास ही नहीं हो रहा कि ये सब हो गया ........

आदित्य जी का कवि परिवार से जाना एक युग का अंत है, वो सचमुच हास्य कविता एक अजूबा थे, जिन्होंने हास्य में भी संस्कार और जीवन दर्शन कि बातें कहीं, छंद के पुरोधा, मंचों के कविसूर्य और सब कवियों के चहेते ...... जितना कहा जाए कम है ....... भगवान् दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करे यही प्रार्थना
अरुण अद्भुत

Gyan Darpan का कहना है कि -

बहुत दुखद घटना |
ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करे।

रंजू भाटिया का कहना है कि -

बहुत अफ़सोस हुआ यह पढ़ कर .. इश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति दे

Deep Jagdeep का कहना है कि -

बेहद दुखद, इन दिवंगत कलम के सिपाहियों की आत्माएं उनकी कविताओं के साथ हमारे साथ सदैव रहेंगी। कल को हम भी रहें ना रहें उनके विचार चिरस्थाई रहेंगे। मेरा इन सब महानुभावों को नमन है। अगर इनमें से किसी के परिवार को किसी तरह की सहायता की आवश्यकता हो तो हिंदयुग्म परिवार उसमें सहयोग कर सकता है, हम सभी उसमें हर संभव योगदान देने के लिए तैयार हैं।

डॉ .अनुराग का कहना है कि -

दुखद है....वाकई दुखद...

neeti sagar का कहना है कि -

मुझे भी ये दुखद घटना को पढ़ कर बेहद दुःख हुआ,भगवन दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करे...

Udan Tashtari का कहना है कि -

महाशोक-हृदयविदारक-दिवंगत आत्माओं को श्रृद्धांजलि!!

Sajeev का कहना है कि -

behad dukhad

Dr.Kumar Vishvas का कहना है कि -

प्यारे भाई
पढ़ कर फिर आंसूं आ गए हें
कल एयर पोर्ट उन्हें लेने पर मैं और सुरेन्द्र जी है गए थे
१५ साल की सारी बातें सोने नहीं दे रही
रात भर जगा हूं
खैर जो भी है ,इश्वर ही करता है
प्रणाम

Sushil Kumar का कहना है कि -

कल शैलेश जी से समाचार पाकर मैं इतना दु:खी और मेरे मानसिक हालात ऐसे थे कि मैं यहाँ टिप्पणी भी नहीं कर सकता था।मैं कहूं भी क्या! भगवान उनकी आत्मा को शांति दे,बस!

sangeeta sethi का कहना है कि -

कल रात आदित्य प्रकाश ,नीरज पुरी,लाड सिंह गूजर के निधन का समाचार हिन्दीयुग्म पर पढ़ा | स्तब्ध रह गयी मैं | कोई कमेन्ट नहीं कर सकी | आज समाचार पत्र में पढ़ा कि "उन्हें अहसास हो गया था " आदित्य प्रकाश जी ने उसी रात कवि सम्मलेन में कहा- कि आप लोग मेरी रचना ध्यान से सुन लेना. फिर आ पाऊं या ना आ पाऊं | रचना शुरू करने से पहले काव्य अंदाज़ में कहा-
ढंग से सुनोगे तो उमंग भर जाऊँगा मैं
तालियाँ न पीटोगे तो गालियां सुनाऊंगा मैं
दाद न दोगे तो फसाद कर जाऊँगा मैं
एक श्रोता ने पूछा "तब क्या फसाद कर दोगे तुम"
आदित्य प्रकाश बोले -
राधे-राधे कहते हुए यहीं मर जाऊँगा मैं |
उन्हें क्या पता था कि यह उनकी आखिरी पंक्तियाँ होंगी|
इसी तरह लाड सिंह जी ने कहा " सचाई का कोई विकल्प नहीं होता है, इसलिए कहते है सत्य बोलो गत्त है |" जाने क्या अहसास में बोले थे वो |
ऐसी महान विभूतियों को मेरी श्रद्धांजलि |

Dr. Shailja Saksena का कहना है कि -

एक मित्र के द्वारा अभी यह समाचार सुना और आप्के ब्लाग पर यह पूरा समाचार पढ कर स्तब्ध हूँ।आदित्य जी का कविता सुनाने का अँदाज़ बहुत ही सुँदर था। बहुत पहले कवि सम्मेलन में सु्नी उनसे सुनी कविता कानों में गूँज गई है..
"सिंह से दहाडो नहीं, हाथी से चिंघाडों नहीं,कविता लता के सुमन झड जायेंगे।
घर के सताये हुए आये हैं बिचारे यहाँ,यहाँ भी सताओगे तो फिर कहाँ जायेंगे।"

तीनों महान कवियों की आत्मा को श्रद्धाँजलि और उनके परिवारों के लिये ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ कि उन्हें इस कठिन समय में धीरज दें।

Rama का कहना है कि -

यह तो बहुत दुखद खबर है..एक साथ तीन विभूतियों का यूँ चले जाना विश्वास नहीं होता ।हिंदी साहित्य जगत की अपूर्णनीय क्षति हुई है। ईश्वर सभी दिवंगतों की आत्मा को शान्ति प्रदान करे और उनके परिवार के सदस्यों को इस गहन पीड़ा को सहन करने की शक्ति दे। जो घायल हो गए हैं और अस्पताल में हैं ईश्वर उन्हें शीघ्र स्वस्थ्य कर दें।

डा.रमा द्विवेदी

Disha का कहना है कि -

sach main yah ek dukhad ghatna hai.hindi sahitay ki shati ke saath saath yeh desh ki bhi shati hai.
iswer se yahi prarthana hai ki divangat atmaon ko shanti mile.

Shamikh Faraz का कहना है कि -

बहुत दुःख का समाचार है.

प्रवीन कुमार का कहना है कि -

बहुत अफ़सोस हुआ यह पढ़ कर!
ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करे।

Ambarish Srivastava का कहना है कि -

अत्यंत दुखद !
इश्वर इनकी आत्मा को शांति दे !
आइये इन दिवंगत कवियों की जलाई हुई ज्ञान रूपी मशाल को आगे बढ़ाने का संकल्प लें !

Manju Gupta का कहना है कि -

Sahitya jagat ki in uplabhdhiyon ke saath digambat aatmaon ko bhagwan shanti de.

Manju Gupta.(NaviMumbai)

Unknown का कहना है कि -

Om ji mis you sarji

Unknown का कहना है कि -

Hindi sahitya ke liye apurniye kshati
Bhagwan digambat atmao ko shanti pradan Kare.

Prabhat Anand

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)