महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा 14 सितंबर को हिंदी दिवस भारतीय भाषा दिवस के रूप में मनाया गया, जिसकी अध्यक्षता अकादमी के कार्याध्यक्ष श्री नंदकिशोर नौटियाल ने की। समारोह के मुख्य अतिथि टोकियो विश्वविद्यालय वैदेशिक अध्ययन विभाग (जापान) के प्रोफेसर सुरेश ऋतुपर्ण एवं विशेष अतिथि हिंदुस्तानी प्रचार सभा के मानद सचिव श्री सुभाष संपत थे। समारोह का संचालन अकादमी की सदस्य डॉ. सुशीला गुप्ता ने किया। इस अवसर पर श्री विजयशंकर चतुर्वेदी की पुस्तक पृथ्वी के लिए तो रुको एवं श्रीमती लीना मेहेंदले की पुस्तक मेरी प्रांतसाहबी का लोकार्पण भी किया गया।
(बाएं से)-महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के कार्यवाहक सदस्य सचिव जयप्रकाश सिंह, पृथ्वी के लिए तो रुको पुस्तक के रचनाकार विजयशंकर चतुर्वेदी , मुख्य अतिथि प्रोफेसर सुरेश ऋतुपर्ण , मेरी प्रांतसाहबी पुस्तक की लेखिका लीना मेहेंदले, अकादमी के कार्याध्यक्ष एवं समारोह के अध्यक्ष नंदकिशोर नौटियाल एवं विशेष अतिथि सुभाष संपत
समारोह में उपस्थित हिंदीसेवी
अपनी पुस्तक के बारे में विचार रखतीं लीना मेहेंदले
अपनी पुस्तक के बारे में बोलते हुए विजयशंकर चतुर्वेदी
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रोफेसर सुरेश ऋतुपर्ण एवं उनके साथ समारोह की संचालक डॉ. सुशीला गुप्ता
समारोह में अध्यक्षीय उद्बोधन करते हुए अकादमी के कार्याध्यक्ष नंदकिशोर नौटियाल
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3 पाठकों का कहना है :
श्रीमती लीना महेंद्ले और श्री विजय शंकर जी को बहुत-बहुत बधाई. नंद किशोर नौटियाल जी,विश्व्नाथ सचदेव जी और सभी गणमान्य सज्ज्नो की मौजूदगी सराहनीय है।
'हिंदी दिवस ' का महत्व और बड जाता है जब ऐसे सुनहरे अवसर पर प्रबुद्धजनों की उपस्थिति पर एकसाथ दो हिंदी किताबों का विमोचन हो .इस महापर्व पर लीनाजी और विजय शंकर जी को शुभ कामनाएं देती हूं.देश -विदेश में यश मिले
एक बड़ी खबर को हिन्दयुग्म की वजह से हम पढ़ सके. सभी को हिंदी दिवस की बधाई.
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