15 नवम्बर 2009, नई दिल्ली
काव्यपाठ करती युवा कवयित्री सुश्री शैलजा सिंह
‘राष्ट्रीय कवि संगम’ के तत्वावधान में होने वाले ’दस्तक नई पीढ़ी की’ के शीर्षक से तृतीय काव्योत्सव का आयोजन रविवार को सम्पन्न हुआ। कविता पाठ के अतिरिक्त ’जगदीश मित्तल काव्य पुरस्कार’ और ’दूसरी दस्तक’ नामक एक काव्य संकलन का भी लोकार्पण किया गया।
दिल्ली के पीतमपुरा स्थित टैक्निया सभागार में रविवार की सुबह काव्यप्रेमियों के उत्सव की बेला थी। नए कवियों को मंच से जोड़ने में संलग्न माननीय श्री जगदीश मित्तल जी के जन्मदिवस पर आयोजित ‘दस्तक नई पीढ़ी की’ प्रतिवर्ष 15 नए कवियों को मंच से रू-ब-रू कराता है। इस वर्ष इस शृंखला में श्री विनय शुक्ल ’विनम्र’, श्री चरणजीत ’चरण’, श्री शैलेन्द्र शर्मा ‘शैल’, श्री महेन्द्र प्रजापति, श्री नीरज मलिक, श्री रमन जैन, श्रीमती राजरानी भल्ला, श्री जतिन्दर ’परवाज़’, श्री सत्येन्द्र सत्यार्थी, श्री अनिल गोयल, श्री अनुराग अगम, सुश्री शैलजा सिंह, श्री मनोज वाजपेई और श्री विनीत पाण्डेय आदि ने कविता पाठ किया। सभी कवियों ने अपनी मंत्रमुग्ध करने वाली कविताओं से श्रोताओं पर ऐसा सम्मोहन किया कि यह कार्यक्रम तय समय से दो घंटे अधिक चला। हास्य, ओज, शृंगार और संवेदना से भरी कविताएँ
श्रोताओं को बांधे रखने में समर्थ रही।
कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप-प्रज्जवलन करके किया गया। दीप-प्रज्जवलन का कार्य श्री जगदीश मित्तल, श्री नरेश शांडिल्य, डॉ. नन्द किशोर, श्री श्याम जाजू, श्री यूसुफ भारद्वााज और श्री राजेश जैन ’चेतन’ के कर-कमलों से सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम में ‘दूसरी दस्तक’ का लोकार्पण किया गया। इस पुस्तक में पिछले वर्ष के ‘द्वितीय काव्योत्सव’ में शिरक़त करने वाले पन्द्रह युवा कवियों की रचनाएँ सम्मिलित हैं। पुस्तक का लोकार्पण श्री बलबीर सिंह ‘करुण’, श्री लक्ष्मीशंकर वाजपेयी, श्री राजगोपाल सिंह और श्री यूसुफ़ भारद्वाज ने किया।
युवा कवियों के प्रोत्साहनार्थ प्रारंभ किया गया ‘जगदीश मित्तल काव्य पुरस्कार’ युवा कवि श्री चिराग़ जैन को दिया गया। उन्हें यह पुरस्कार उनकी उत्कृष्ट काव्य साधना तथा सामाजिक विकास के प्रति प्रतिबद्धता के लिए दिया गया। पुरस्कार स्वरूप युवा कवि को ग्यारह हज़ार रुपए की नकद राशि, एक प्रतीक चिन्ह तथा अंगवस्त्र भेंट किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता आकाशवाणी के निदेशक श्री लक्ष्मीशंकर वाजपेयी ने की। युवा कवियों को आशीर्वचन देने के लिए श्री नरेश शांडिल्य, श्री राजगोपाल सिंह और श्री यूसुफ़ भारद्वाज मौजूद थे। इसके अतिरिक्त श्री बलबीर सिंह करुण, श्री धर्मचंद अशेष, श्री सीमाब सुल्तानपुरी और श्री बाग़ी चाचा समेत तमाम कवि कार्यक्रम की गरिमा बढ़ा रहे थे। साहित्य जगत्,उद्योग जगत्, प्रशासन, राजनीति तथा पत्रकारिता जगत् की तमाम हस्तियाँ कार्यक्रम की शोभा बढ़ा रही थीं। विनय शुक्ल ‘विनम्र’ के सरस संचालन को लम्बे समय तक याद रखा जाएगा।
काव्योत्सव का आनंद लेते श्रोतागण
‘दूसरी दस्तक’ का लोकार्पण। बाएँ से श्री राजेश चेतन, श्रीमती ऋतु गोयल, श्री नरेश शांडिल्य, श्री यूसुफ भारद्वाज, श्री हरमिन्द्र पाल, श्री चिराग़ जैन, श्री बलबीर सिंह करुण, श्री लक्ष्मीशंकर वाजपेयी, श्री राजगोपाल सिंह और श्री जगदीश मित्तल
युवा कवि चिराग़ जैन को ‘जगदीश मित्तल काव्य पुरस्कार’ प्रदान करते हुए श्री लक्ष्मीशंकर वाजपेयी। साथ में हैं श्री नरेश शांडिल्य, श्री यूसुफ भारद्वाज, श्री बलबीर सिंह करुण, श्री जगदीश मित्तल।
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2 पाठकों का कहना है :
मन हर्षित हो गया.......जाती आहटें,यूँ कहें विलीन होती आहटें दस्तक बन लौट आई है........
बधाई सबको
समाचार का लेखन वाकई संजीदगी से किया गया, जैसे लगा कि हम आंखो देखा हाल पढ़ रहे है।
बहुत अच्छी प्रस्तुति
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