Wednesday, March 24, 2010

शहीद दिवस पर टोहाना में आयोजित हुई एक गोष्ठी

23 मार्च 2010 । टोहाना (फतेहाबाद)

शहीद भगत सिह, राजगुरू व सुखदेव के शहीदी दिवस पर आज शहीद चौक पर साहित्य व कला सदन व भारत विकास परिषद के सयुक्त तत्वाधान में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया कायक्रर्म के अन्त में शहीदों की प्रतिमाओं पर उपस्थित नागरिकों ने श्रदांजलि अर्पीत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधि स्पोर्टस कल्ब के अघ्यक्ष प्रसिद समाजसेवी चिकित्सक डा0 शिव सचदेवा ने की। कुशल मंच संचालन विरेन्द्र विशिष्ठ ने किया। इस मौके पर कला व साहित्य सदन के सदस्यों ने शहीदों पर कविताओं को सुना कर महौल को जोश से भर दिया।
डा0 विकास आनन्द ने सुनाया कि:-
‘‘आजादी के दीवानों का फुलो से सत्कार करे ’’
वतन के अमर शहीदों की मिलकर जय-जयकार करें।

जगदीश कुमार ने आजादी में ढोगी बाबो के प्रति सचेत करते हुए अपनी कविता को पढा:-
‘‘ आज फिर एक ढोगी बाबा ने मर्यादा को कर दिया पार
बना कर एक कन्या को अपनी हवस का शिकार ’’

वही मास्टर मैहन्द्र कुमार ने कविता में देश को सभी देशों से महान बताया:-
‘‘ इस दुनिया वाले बाग में इक फुल है हिन्दुस्तान ।
ये खुश्बु बाटे प्यार की तो महके कुल जहान ।’’

बनवन्त सिह ने सुनाया कि
‘‘ मुझे नही इच्छादारी को मुक्ति दे दो।

सदन सचिव नवल सिह ने शहीदों की जरीए कुर्सी का रास्ता बनाने वालों को चेताते हुए कहा कि
इतिहास को तोड़ना मरोड़ना बन्द करों
देश भक्ती के मसाले से ,
तुम कुर्सी तक का सफर बनाना चाहते हो
इतिहास को अपने ढ़ग से
प्रतिद्वन्दीयों के खिलाफ इश्तेमाल करना चाहते हो ।
‘‘दोस्त‘‘-इतिहास तुम्हारें बाप की जागीर नहीं ।।

विरेन्द्र वरिष्ठ ने आज की पीढी के द्वारा शहीदों की प्रतिमाओं के प्रति अनादर पर सुनातें हुए कहा कि
‘‘उनके प्रति सम्मान जताने की
औपचारिकता निभाते है
और फिर से दो और दो पॉच
बनाने में जुट जाते हैं
क्योकि हमारी नजरों में
वो सिर्फ बुत है।
और बुत शिकायत नहीं करते
सभी कवियों की रचनाओं पर उपस्थ्ति लोग देशभक्ति के रस में सराबोर हो गए।

इस मौके पर भाविप के कुश भार्गव ने इस तरह के समारोहों परीवारीक तौर पर मनाने का आहव्न करते हुए कहा कि शहीदों के विचार आज भी जिन्दा है उन्ही को अपनाने की जरूरत है। इस मौके पर भाविप से अनुप कुमार ,प्रधान राजेश खुराना,सुशील भाटिया कर्मवीर सिह शाखा कन्हडी , पंतजलि योग समिति से रविन्द्र कुमार, यंग इण्डिया फाउंडेशन से जिम्मी पाहवा, संरक्षक अंगद भाटिया, विनय वर्मा, मानव सेवा संगम अशोक मैहता, सुभाष बंसल, ईसर सिह समाजसेवी मजदुर नेता कामरेड प्रताप आदि लोगों के अलावा दर्जनों संस्थाओं के नुमाईदों ने कार्यक्रम में शामिल होकर शहीदों के प्रति अपने श्रदासुमन अर्पित किए।


प्रस्तुति-
नवल सिह
सचिव
कला व साहित्य सदन टोहाना

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पाठक का कहना है :

Jandunia का कहना है कि -

अमर शहीदों को शत-शत नमन। उनकी शहादत को याद करने का ये बेहतर तरीका है।

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