मैंने डेढ़ सौ से अधिक कहानियाँ लिखी लेकिन पिछले पचीस सालों से उनपर कोई बात नहीं की जाती। मेरे ऊपर चार हज़ार से ज्यादा पन्ने लिखे गए लेकिन उनमे मुझे केवल गालियाँ ही ज्यादा दी गयीं। मेरी कहानियों पर कोई बात नहीं हुई। अधिक से अधिक मुझे स्त्री पुरूष संबंधों वाला एकांगी कहानीकार साबित किया गया। आज महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय ने मुझे फिर से कहानी की दुनिया में लौटने का मौका दिया है, जिसके लिए मैं उसका आभारी हूँ। आज मैं अपनी जानी-पहचानी दुनिया में लौट रहा हूँ।
यह बात राजेंद्र यादव ने विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अनहद कार्यक्रम में कही। उन्होंने इस कार्यक्रम में अपनी चार छोटी कहानियों का पाठ किया। अभिनेत्री पायल नागपाल ने यादव जी की प्रसिद्ध कहानी टूटना के चुने हुए अंशों का पाठ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जानी-मानी गांधीवादी राधा भट्ट ने किया। कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने भी राजेंद्र यादव कि रचनाशीलता से जुड़े अनेक सवाल पूछे। कार्यक्रम की शुरूआत में दिवंगत कथाकार मार्कंडेय को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी तथा शोक प्रस्ताव पढ़ा गया। संचालन आनन्द प्रकाश ने किया।
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3 पाठकों का कहना है :
राजेंद्र जी ने उत्कृष्ट कहानियां लिखी जिनमें 'टूटना' 'छोटे छोटे ताजमहल' तो थी ही, पर 'गडबडी पैदा करने वाले' जैसी अच्छी कहानियां भी थी. उनके उपन्यास 'अनदेखे अनजाने पुल' व 'सारा आकाश' पढ़ कर कौन उन्हें गालियाँ देगा, समझ नहीं आता. मैं समझता हूँ गालियाँ केवल उन्होंने दी होंगी जो साहित्य में 'गडबडी' पैदा करने वाले हैं, या जो साहित्य पर तिप्पिनी करना 'मजाक' समझते हैं. 'मजाक' भी उनकी एक बहुत अच्छी कहानी थी. मैं तो नई कहानी से जुड़े हर कहानीकार का भक्त रहा. आज भी 'मेरा हमदम मेरा दोस्त' पुस्तक में राजेंद्र यादव कमलेश्वर मोहन राकेश की तिकड़ी के आत्मा कथ्य बहुत याद आते हैं. राजेंद्र जी निश्चिन्त रहे, उन का साहित्य कालजई है और कालजई रहेगा.
Nice Post...
गलियां तो मैंने भी दी हैं राजेन्द्र यादव .लेकिन आपके व्यक्ति,व्यक्तित्व और आपके असभ्य बयानों पर और आपके द्वारा दूसरों को छोटा कर बड़ा बनने के प्रयासों पर. आपकी आत्म मुग्धता पर और आपकी बदतमीजी की सीमा लांघती उक्तियों पर.
हो सकता है की कुछ के हिसाब से आपने कालजयी रचनाएँ की हों ( आपका साहित्य मैंने पढ़ा है और कुछ बहुत ही अच्छा है .)
पर एक अच्छा लेखक होने और अच्छा आदमी होने में फर्क भी होता है और आप अकेले ऐसे शख्स नहीं हैं.
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