Tuesday, July 27, 2010

अज्ञेय और शमशेर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी

(द्वितीय प्रमोद वर्मा स्मृति समारोह-2010 )
मधुरेश, ज्योतिष जोशी और डॉ.शोभाकांत झा का सम्मान


मधुरेश

जयोतिष जोशी
रायपुर। छत्तीसगढ़ की प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था प्रमोद वर्मा स्मृति संस्थान द्वारा प्रेमचंद जयंती के अवसर पर देश के दो मूर्धन्य रचनाकार अज्ञेय और शमशेर की जन्मशताब्दी वर्ष को राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जा रहा है। यह आयोजन 30-31 जुलाई, 2010 को होटल गोल्डन ट्यूलिप, व्ही.आई.पी.रोड किया जा रहा है जिसमें देश और राज्य के 200 से अधिक साहित्यकार भाग ले रहे हैं। समारोह की शुरूआत 30 जुलाई की शाम 7 बजे राष्ट्रीय कविता पाठ से होगी जिसमें देश के प्रतिष्ठित कवि- सर्वश्री नंदकिशोर आचार्य (जयपुर), दिविक रमेश (दिल्ली), अष्टभुजा शक्ल (बस्ती), बुद्धिनाथ मिश्र (देहरादून), श्रीप्रकाश मिश्र (इलाहाबाद), नरेंद्र पुंडरीक (बांदा), रवीन्द्र स्वप्निल प्रजापति (भोपाल), प्रेमशंकर रघुवंशी (हरदा), अनिल विभाकर(रायपुर), रति सक्सेना (त्रिवेन्द्रम), सुधीर सक्सेना (दिल्ली), राकेश श्रीमाल (वर्धा), श्री अरुण शीतांश (आरा), संतोष श्रेयांश(आरा), शशांक (बक्सर), कुमुद अधिकारी (नेपाल), कुमार नयन (बक्सर), जयशंकर बाबु (आंध्रप्रदेश)आदि अपनी श्रेष्ठ कविताओं का पाठ करेंगे। अध्यक्षता करेंगे जाने माने आलोचक डॉ. धनंजय वर्मा। मुख्य अतिथि होंगे - डॉ. गंगा प्रसाद विमल और विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहेंगे श्री मधुरेश, प्रभुनाथ आजमी आदि।

संस्थान के कार्यकारी निदेशक जयप्रकाश मानस ने बताया है कि 31 जुलाई, 2010 9 बजे प्रातः द्वितीय प्रमोद वर्मा आलोचना सम्मान-2010 से प्रमुख कथाआलोचक श्री मधुरेश और युवा आलोचक ज्योतिष जोशी को सम्मानित किया किया जायेगा । इसके पूर्व गत वर्ष श्रीभगवान सिंह और कृष्ण मोहन जैसे आलोचकों को इस सम्मान से नवाजा जा चुका है । इस सम्मान के अंतर्गत 21, 11 व 7 हजार रुपये, प्रतीक चिन्ह, सम्मान पत्र आदि से सम्मानित किया जाता है। इस अवसर पर राज्य स्तरीय प्रमोद वर्मा रचना सम्मान से हिन्दी के पूर्णकालिक ललित निबंध लेखन के लिए डॉ. शोभाकांत झा को भी अंलकृत किया जायेगा। इस अवसर पर राज्य से प्रकाशित होने वाली संपूर्ण त्रैमासिक पत्रिका पांडुलपि के प्रवेशांक (प्रधान संपादक- अशोक सिंघई), कठिन प्रस्तर में अगिन सुराख (विश्वरंजन), ठंडी धुली सुनहरी धूप (विश्वरंजन), शिलाओं पर तराशे मज़मून (डॉ. धनंजय वर्मा पर एकाग्र) छत्तीसगढ़ की कविता(डॉ. बलदेव), मीडिया : नये दौर, नयी चुनौतियाँ (संजय द्विवेदी, भोपाल) चाँदनी थी द्वार पर ( सुरेश पंड़ा), पक्षी-वास (मूल उडिया उपन्यास–सरोजिनी साहू, अनुवाद– दिनेश माली, उड़ीसा), झरोखा (पंकज त्रिवेदी, अहमदाबाद),विष्णु की पाती – राम के नाम (विष्णु प्रभाकर के पत्र- जयप्रकाश मानस), कहानी जो मैं नहीं लिख पायी ( श्री कुमुद अधिकारी, नेपाल), 11 किताबें (डॉ. के. के. झा, बस्तर), पत्रिका देशज (अरुण शीतांश, बिहार), ये है इंडिया मेरी जान (युक्ता राजश्री) आदि का विमोचन भी किया जायेगा।

31 जुलाई को 11 बजे ‘अज्ञेय की शास्त्रीयता’ विषय पर राष्ट्रीय विमर्श होगा जिसमें डॉ. कमल कुमार-दिल्ली डॉ. आनंद प्रकाश त्रिपाठी-सागर, श्री बजरंग बिहारी-दिल्ली, डॉ.देवेन्द्र दीपक-भोपाल, डॉ. रति सक्सेना-त्रिवेन्द्रम, डॉ. सुशील त्रिवेदी-रायपुर, श्री बुद्धिनाथ मिश्र-देहरादून, श्री महेन्द्र गगन-भोपाल, श्री प्रकाश त्रिपाठी-इलाहाबाद, श्री माताचरण मिश्र-भोपाल, श्री संतोष श्रेयांस-आरा अपना वक्तव्य देंगे। अध्यक्ष मंडल में होगें- श्री नंदकिशोर आचार्य-जयपुर, श्री गंगाप्रसाद विमल-दिल्ली, डॉ. दिविक रमेश-दिल्ली, डॉ. धनंजय वर्मा-भोपाल आदि। इसी तरह उसी दिन 3 बजे शमशेर का कविता संसार पर विमर्श में वक्ता के रूप में डॉ. रोहिताश्व-गोवा, श्री राकेश श्रीमाल-वर्धा, श्री प्रभुनाथ आजमी-भोपाल, श्री ज्योतिष जोशी-दिल्ली, श्री नरेन्द्र पुंडरीक-बांदा, डॉ. शिवनारायण-पटना, संतोष श्रीवास्तव-मुंबई श्री दिवाकर भट्ट-हलद्वानी,श्री मुकेश वर्मा-उज्जैन, श्री कुमार नयन-बक्सर, श्री राजेन्द्र उपाध्याय-दिल्ली, श्री रविन्द्र स्वप्निल प्रजापति-भोपाल, डॉ. कमलेश-इलाहाबाद, डॉ. सुधीर सक्सेना-दिल्ली, अध्यक्ष मंडल में होंगे- डॉ. धंनजय वर्मा-भोपाल, श्री मधुरेश-कानपुर, श्री खगेन्द्र ठाकुर-पटना, श्री त्रिभुवन नाथ शुक्ल-भोपाल आदि। इस अवसर पर टैगोर, शमशेर, अज्ञेय, फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ एवं प्रमोद वर्मा की कविताओं की प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही है।