Thursday, August 5, 2010

पंकज त्रिवेदी के निबंध संग्रह 'झरोखा' का विमोचन संपन्न


पंकज त्रिवेदी के निबंध संग्रह "झरोखा" का विमोचन करते कार्यक्रम अध्यक्ष और आलोचक श्री धनंजय वर्मा, श्री नंदकिशोर आचार्य और कार्यक्रम के मुख्य आयोजक, साहित्यकार व छत्तीसगढ़ के डी.जी.पी. विश्वरंजन। विमोचन करा रहे पंकज त्रिवेदी। साथ हैं जानीमानी पत्रकार और साहित्यकार जया केतकी

रायपुर।
छत्तीसगढ़ की प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था प्रमोद वर्मा स्मृति संस्थान द्वारा प्रेमचंद जयंती के अवसर पर देश के दो मूर्धन्य रचनाकार अज्ञेय और शमशेर पर राष्ट्रीय संगोष्ठि का आयोजन किया। 2 दिन चले इस कार्यक्रम में दुनिया भर के 200 से अधिक साहित्यकारों ने भाग लिया। एक राष्ट्रीय कवि संध्या का भी आयोजन किया।

इसी कार्यक्रम में बहुत सी किताबों का लोकार्पण भी हुआ, जिनमें हिन्द-युग्म द्वारा प्रकाशित पंकज त्रिवेदी के ललित निबंधों के संग्रह 'झरोखा'का विमोचन भी शामिल है। पंकज त्रिवेदी की पुस्तक 'झरोखा' में कुल 25 ललित निबंध हैं। पंकज त्रिवेदी मूल रूप से गुजराती भाषा के लेखक हैं। इस पुस्तक में बहुत से निबंध पहले गुजारती में ही लिखे गये, बाद में पंकज ने खुद ही हिन्दी में अनुवाद किया। पुस्तक के शीर्षक के ही नाम का एक स्तम्भ 'सृजनगाथा' पत्रिका में लगातार प्रकाशित होता है, जिसमें पंकज त्रिवेदी के ललित निबंध प्रकाशित होते हैं। इस पुस्तक में सम्मिलित निबंध सृजनगाथा पर प्रकाशित हैं।




इसी अवसर पर दिनेश कुमार माली द्वारा अनूदित उपन्यास "पक्षी-वास" (मूल उडिया उपन्यास–सरोजिनी साहू) का भी विमोचन हुआ। विमोचन श्री नंदकिशोर आचार्य-जयपुर, डॉ. दिविक रमेश-दिल्ली, डॉ. धनंजय वर्मा-भोपाल, श्री ज्योतिष जोशी-दिल्ली, श्री मधुरेश-कानपुर, श्री त्रिभुवन नाथ शुक्ल-भोपाल, छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक एवं कवि विश्वरंजन के कर कमलों द्वारा हुआ।