Friday, November 20, 2009

'हमारी विरासत' - सिन्धी संस्था 'मारुई' तथा मानव संसाधन मंत्रालय का मिला जुला राष्ट्रीय सेमिनार

प्रेषक- प्रेमचंद सहजवाला

सिन्धी संस्था 'मारुई' सिन्धी महिलाओं की एक सामाजिक सांस्कृतिक व साहित्यिक संस्था है जो पिछले दो दशक से भी अधिक समय से भाषा संस्कृति व सामाजिक कार्यों में अभूतपूर्व रूप से सक्रिय रही है. मानव संसाधन मंत्रालय की 'राष्ट्रीय सिन्धी भाषा प्रोन्नति परिषद' (National Council for Promotion of Sindhi Language - NCPSL) भी भारत में सिन्धी भाषा की प्रगति के लिए निरंतर गतिशील रही है. दि. 22 तथा 23 नवम्बर 2009 को 'मारुई' तथा 'राष्ट्रीय सिन्धी भाषा प्रोन्नति परिषद' का राष्ट्रीय सेमिनार नई दिल्ली के 24 फिरोज़ शाह रोड स्थित 'Russian Culture Centre' में आयोजित होने जा रहा है। यह दो दिवसीय सेमिनार प्रसिद्ध गांधीवादी समाजसेविका निर्मला देशपांडे की स्मृति को समर्पित होगा तथा सेमिनार की मुख्य अतिथि दिल्ली की मुख्य मंत्री शीला दीक्षित होंगी. इस के अतिरिक्त दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति अध्यक्ष व सांसद श्री जय प्रकाश अग्रवाल, पूर्व सांसद व सिन्धी अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष श्री सुरेश केसवानी व 'राष्ट्रीय सिन्धी भाषा प्रोन्नति परिषद' उपाध्यक्ष श्री श्रीकांत भाटिया सेमिनार के विशिष्ट अतिथि होंगे. अध्यक्षता राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश व राजस्थान के अन्य पिछड़े वर्ग (OBC ) अध्यक्ष जस्टिस आई एस ईसरानी करेंगे. इस दो दिवसीय कार्यक्रम का उदघाटन 22 नवम्बर प्रातः 10 बजे जलपान आदि के बाद 10.30 बजे होगा तथा सेमिनार की निदेशिका व मारुई संस्थापक वीना शृंगी के निबंध संग्रह 'तू छप्पर तू ई छांव' व शालिनी सागर के संस्मरण संग्रह 'कीअं विसार्याँ वेडीचन' का लोकार्पण होगा. शेष कार्यक्रम में शाम छः बजे तक तीन सत्र 'असां जो वर्सो - लिबास ऐं ज़ेवर ' (हमारी विरासत - लिबास और ज़ेवर ),, 'रीत्युं
रस्मूं' (रीति-रस्में), तथा 'पिरोल्यूं' (पहेलियाँ) विषय पर होंगे जिन की अध्यक्षता क्रमशः NCPSL निदेशक डॉ. बलदेव मतलानी, डॉ. नन्दलाल जोतवानी, तथा सिन्धी अकादमी के वर्त्तमान उपाध्यक्ष डॉ. मुरलीधर जेटली करेंगे.

दि. 23 नवम्बर को प्रातः 9.30 बजे पहले सत्र में शालिनी सागर 'असान्जा डिन वार' (हमारे तीज त्यौहार) विषय पर अपना शोध-पत्र प्रस्तुत करेंगी, जिस की अध्यक्षता अनिला सुन्दर करेंगी. जलपान आदि के बाद प्रसिद्ध सिन्धी साहित्यकार समालोचक सी.जे. दासवानी व मीना रूपचंदानी सभी सत्रों की समीक्षा करेंगे. सेमिनार के अंतिम कार्यक्रम कवि सम्मलेन तथा मुक्त सत्र होंगे जिन की अध्यक्षता क्रमशः पुष्प आडवानी तथा लछमनदास केसवानी करेंगे.

(विवरण देखने के लिए नीचे के चित्रों पर क्लिक करें)

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पाठक का कहना है :

gazalkbahane का कहना है कि -

इन मंत्रियों मुख्यमंत्रियो को समय का सदुपयोग करना चाहिये न कि फ़ीता काटने उदघाटनों मे समय की ऐसी तैसी इससे टेक्स पेयर का जिसमे सब शामोल हैं एक साबुन,दाल आटा खरीदने वाला भी का पैसा बरबाद करते हैं इस पर ban लगना चाहिये

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