Sunday, February 21, 2010

भोजपुरिया शिखर सम्मेलन में लोकार्पित हुआ मनोज भावुक का चर्चित ग़ज़ल संग्रह



20 फरवरी की शाम एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इण्डिया, दिल्ली के आफिसर्स इंस्ट्यूशनल क्लब में अन्तरराष्ट्रीय स्तर के भोजपुरी के चिन्तको की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई।

बैठक की अध्यक्षता भोजपुरी समाज, दिल्ली के अध्यक्ष अजीत दुबे, संचालन डॉ रमाशंकर श्रीवास्तव एवं संयोजन मनोज भावुक और कुलदीप श्रीवास्तव ने किया।

मुख्य अतिथि अखिल विश्व भोजपुरी समाज विकास मंच जमशेदपुर के बी एन तिवारी उर्फ भाई जी भोजपुरिया एवं ख़ास मेहमान सात समुन्दर पार से आईं मारीशस की डॉ सरिता बुद्वू एवं ट्रिनिडाड की रिसर्च स्कॉलर पेंगी मोहन थीं।

कार्यक्रम तीन चरणों में बँटा था, परिचर्चा, लोकार्पण व होली मिलन।

लोकार्पण



मॉरिशस भोजपुरी संस्थान की संस्थापक डॉ सरिता बुद्वू, भोजपुरी समाज के अध्यक्ष अजीत दूबे एवं अखिल विश्व भोजपुरी समाज विकास मंच जमशेदपुर के बी एन तिवारी उर्फ भाई जी भोजपुरिया ने संयुक्त रूप से युवा कवि मनोज भावुक के लोकप्रिय व बहुचर्चित गजल संग्रह “तस्वीर जिन्दगी के” के द्वितीय संस्करण का लोकार्पण किया। इस पुस्तक के लिए मनोज भावुक को गीतकार गुलजार एवं ठुमरी साम्राज्ञी गिरजा देवी के हाथो वर्ष 2006 के भारतीय भाषा परिषद् सम्मान से नवाजा गया था। एक भोजपुरी पुस्तक को पहली बार यह सम्मान दिया गया है। हिन्द युग्म से प्रकाशित इस पुस्तक की उपस्थित विद्वानों ने प्रशंसा की और भावुक को बधाई दी। गौरतलब है कि स्तरीय साहित्य को प्रोत्साहित करने के लिए हाल ही में सम्पन्न विश्व पुस्तक मेले से हिन्द-युग्म ने प्रकाशन की शुरूआत की है।



परिचर्चा

परिचर्चा का मकसद स्पष्ट करते हुए मनोज भावुक ने कहा कि होली के पावन अवसर पर विश्व भर में फैले भोजपुरी की तमाम महत्वपूर्ण संस्थाओं का यह महामिलन समारोह है। लगभग सभी संस्थाओ के अध्यक्ष उपस्थित हैं। आज की बैठक का मुख्य उदेश्य है कि हम सब मिलकर संयुक्त रूप से भोजपुरी को उसका वाजिब हक दिलाने के लिए एक ठोस व कारगर रणनीति तैयार करें और उसे यथाशीघ्र कार्यान्वित करें।
अध्यक्षीय भाषण देते हुए अजीत दूबे ने कहा कि देश में और देश के बाहर तमाम संस्थाएँ अच्छा प्रयास कर रही हैं, लेकिन हमें एक छत के नीचे आना होगा जिसका केंद्रीय कार्यालय दिल्ली होगा। हम सब में बहुत ताकत है लेकिन इस तरह के संयुक्त प्रयास से हमारी ताकत हजार गुनी बढ़ जाएगी। भोजपुरी को अष्ठम सूची में शामिल कराना, भोजपुरी के स्वाभिमान की रक्षा करना व दिल्ली के स्कूलों में भोजपुरी पाठ्यक्रम लागू कराना हमारा मुख्य एजेण्डा होगा। हालाँकि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल पहले ही दिल्ली के स्कूलों में भोजपुरी पाठ्यक्रम को लागू करने की घोषणा कर चुके हैं। लेकिन हम लोग इसको कार्यान्वित करने का प्रयास करेंगे।



मॉरिशस से आई सरिता बुद्वू, ट्रिनिडाड की रिसर्च स्कॉलर पेंगी मोहन एवं मुख्य अतिथि अखिल विश्व भोजपुरी समाज विकास मंच, जमशेदपुर के अध्यक्ष बीएन तिवारी उर्फ भाईजी भोजपुरिया ने अपने-अपने प्रयासों की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि आज भोजपुरी को एक कॉमन प्लेटफार्म और मजबूत नेटर्वकिंग की जरूरत है।

पूर्वांचल एकता मंच के अध्यक्ष श्री शिवजी सिंह ने कहा कि हमें अपना पीठ थपथपाने की आदत व छोटी-छोटी बातों के लिए मुँह फुलौवल छोड़कर बड़े व ठोस प्रयास के लिए साधना करनी होगी। कुलदीप श्रीवास्तव ने बड़े ही सहज ढंग से कहा कि हमे सिर्फ भाषणबाजी न कर किसी ठोस निष्कर्ष की ओर बढ़ना चाहिए। रंगकर्मी व फिल्म निर्माता उमेश सिंह ने कहा कि हमें जातिवाद, क्षेत्रवाद व राजनीति से ऊपर उठकर सिर्फ भाषा की लड़ाई लड़नी होगी।

इग्नू में भोजपुरी के प्रणेता प्रो॰ शत्रुघ्न कुमार, नाटककार महेन्द्र प्रसाद सिंह, लोकदृष्टि संपादक राजेश पाण्डेय, महिला सेवा अर्पण केन्द्र की संचालिका पूनम सिंह, वेववार्ता संपादक सईद अहमद, भोजपुरी समाज के उपाध्यक्ष प्रभुनाथ पाण्डेय, प्रदीप कुमार पाण्डेय, बिहारी खबर के मुन्ना पाठक, सन्तोष पटेल एवं भोजपुरी कॉग्रेस के अध्यक्ष सुधीर सिंहा ने ऐसे प्रयास का पुरजोर सर्मथन किया।

सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि सार्थक प्रयास हेतु शीघ्र ही अजीत दूबे के नेतृत्व में एक कोर कमेटी का गठन किया जाएगा।

होली मिलन

अन्त में फागुन का उत्पात चालू हो गया। डॉ॰ सरिता बुद्वू ने गाया- होली खेले रघुबीरा अवध में तो भाईजी भोजपुरिया ने गाया- पिया काहे अइल होली के बिहान! पूरा महफ़िल फगुआ गया! सबको अबीर गुलाल लगाया गया और इस तरह से यह ऐतिहासिक भोजपुरिया शिखर सम्मेलन सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गया।