Saturday, February 6, 2010

साहित्य और मीडिया: रिश्तों का संकट



राष्ट्रीय प्रकाशक संघ, दिल्ली के तत्वाधान में 19वें अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले के अवसर पर प्रगति मैदान के सभागार में साहित्य और मीडिया: रिश्तों का संकट पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया.इसकी अध्यक्षता देवेंद्र इस्सर ने की और इसके मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. महीप सिंह थे.अन्य वक्ताओं मॅं नरेंद्र मोहन,एन.के.सिंह (ब्यूरो चीफ ई. टी. वी.), ओम गुप्ता(मीडिया),प्रेम जन्मेजय(व्यंग्यकार),राजीव शर्मा(प्रकाशक),योगेंद्र पाल त्यागी,प्रवीण खुराना और प्रताप सहगल थे. एक प्रबुद्ध वक्ता ने संगोष्ठी के विषय पर सवालिया निशान लगाते हुए क्षमा याचना सहित अपनी आपत्ति दर्ज कराई कि आज साहित्य और मीडिया के रिश्तों के बीच कोई संकट नजर नहीं आता क्योंकि दोनों के माध्यम अलग-अलग हैं, हां मानाकि दोनों के उद्देश्य एक हैं.साहित्य भी वही बात समाज तक पहुंचाने का काम करता है जो मीडिया कहना चाहता है. जब दोनों के लक्ष्य समाज को एक सोद्देश्य प्रेरणा देनी की हो तो फिर दोनों के बीच संकट का प्रश्न ही कहां उठता है?एक वक्ता का यह मानना था कि मीडिया और साहित्य अलग-अलग नहीं हैं. दोनों के तरीके अलग हो सकते हैं लेकिन साहित्य को इतना सशक्त होना चाहिए कि उसे वैशाखी की जरूरत न पड़े. इसके प्रतिक्रिया स्वरूप एक वक्ता का यह कहना था कि आज साहित्य अपने पैरों पर स्वयं खडा है, उसने कभी मीडिया की वैशाखी का सहारा नहीं लिया.मुख्य अतिथि ने समाज में साहित्य की भूमिका पर अपनी बेबाक टिप्पणी से इसकी महत्ता पर विस्तृत प्रकाश डाला.

इस संगोष्ठी से यह बात उभरकर आई कि आज मीडिया या साहित्य कहीं न कहीं समाज से कटता जा रहा है.अगर स्वस्थ समाज की संकल्पना साकार करनी है तो दोनों को अपनी उपस्थिति समाज में दर्ज करानी होगी. समाज की दृष्टि सूक्ष्मता से बातों का आंकलन कर लेती है. मीडिया और साहित्य को कुच ऐसे फैक्टर हैं जो उनको समाज से काटकर अलग किए हुए हैं.अगर मीडिया और साहित्य को समाज का पथ प्रदर्शक बनना है तो उन्हें अपने भीतर आत्म मंथन करना होगा और अग्नि परीक्षा देकर पुरानी भूमिका में वापस लौटना होगा.जिस प्रकार स्वस्थ मनुष्य का मस्तिष्क स्वस्थ सोचने के योग्य होता है,वैसे ही स्वस्थ लक्ष्य साहित्य और मीडिया के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी और गुणकारी होंगे.

अंत में प्रकाशक संघ के अध्यक्ष श्री योगेंद्र पाल त्यागी ने उपस्थित वक्ताओं और सुधी श्रोताओं को धन्यवाद दिया.

रिपोर्ट और फोटो-
शमशेर अहमद खान
2-सी,प्रैस ब्लॉक, पुराना सचिवालय, सिविल लाइंस, दिल्ली---110054